गुरुवाणी के कीर्तन के बीच मना खालसा सृजना दिवस

गुरुवाणी के कीर्तन के बीच मना खालसा सृजना दिवस

खतौली। गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा में खालसा सृजना दिवस धूमधाम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर हुए गुरुबाणी के कीर्तन से संगतो को निहाल किया गया। अंत में हुए गुरु के अटूट लंगर में अनेक श्रद्धालुओं ने लंगर छका।

मंगलवार को जानसठ रोड स्थित गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा में 322 वां खालसा सृजना दिवस धूमधाम के साथ श्रद्धा भाव के बीच मनाया गया। इस मौके पर गुरुबाणी का पाठ किया गया। गुरुद्वारा साहिब के ग्रंथी ज्ञानी हरभजन सिंह ने गुरुबाणी कीर्तन के माध्यम से संगत को निहाल किया। इस मौके पर बैसाखी के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने साध संगत को बताया कि इस दिन गुरु गोविंद सिंह ने विभिन्न जातियों से 5 लोगों का चयन करके उन्हें अमृतपान करवाकर पंच प्यारों के रूप में सजाया था। इस प्रकार खालसा पंथ की स्थापना बैसाखी के दिन 30 मार्च सन 1699 में गुरू गोबिंद सिंह ने की थी।

इस मौके पर बच्ची को गुरुकीरत ने आज के दिन की महानता को अपनी कविता के माध्यम से अनमोल शब्दों में पिरोकर संगत को निहाल किया। आयोजन में हिस्सा लेने वाली संगत में गुरुद्वारा साहिब के प्रधान सरदार लखबीर सिंह लक्खी, सचिव सरदार सतपाल सिंह पाली, सरदार गुरमीत सिंह, सरदार सतनाम सिंह, आशीष रावल, सरदार जोगिंदर सिंह, सरदार गुरिंदर सिंह, हरबंस लाल सलूजा, सरदार मंजीत सिंह, सरदार गुरजीत सिंह, सरदार अवतार सिंह, सरदार जसवीर सिंह, सरदार सतनाम सिंह, सरदार ज्योत सिंह, गौरी शंकर गौरी और सरदार गुरचरण सिंह आदि मुख्य रूप से शामिल रहे। गुरुबाणी के कीर्तन के उपरांत संगतों के बीच गुरु का अटूट लंगर बरताया गया। इस अवसर पर अखंड पाठ साहिब की सेवा एवं गुरु के लंगर की सेवा गुरुघर के सेवक ओम प्रकाश रावल, आलोक रावल एवं आशीष रावल परिवार की ओर से निभाई गई।







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