जमीयत ने किया प्रस्ताव पास-ज्ञानवापी और मथुरा पर नहीं छोड़ेंगे हक

जमीयत ने किया प्रस्ताव पास-ज्ञानवापी और मथुरा पर नहीं छोड़ेंगे हक

देवबंद। इस्लामिक शिक्षा के प्रमुख केंद्र देवबंद में आयोजित किए जा रहे जमीयत उलेमा ए हिंद के सम्मेलन के दूसरे दिन प्रस्ताव पास करते हुए कहा गया है कि मुस्लिम ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा की ईदगाह को लेकर अपना दावा नहीं छोड़ेंगे। देश की आजादी में जमीयत का अहम योगदान रहा है। जिस समय देश पर अंग्रेजों का कब्जा हुआ था उस समय लग रहा था कि अंग्रेज सभी इबादत गांवों को खत्म कर देंगे। लेकिन उस समय कुछ नहीं हुआ।

रविवार को देवबंद में आयोजित किए जा रहे जमीयत उलेमा ए हिंद के दूसरे दिन के सम्मेलन में वर्किंग कमेटी की बैठक में यह महत्वपूर्ण प्रस्ताव हाफिज उबेदुल्लाह की ओर से पेश किया गया जिसका समर्थन दारुल उलूम के नायब मोहतमिम मुफ्ती राशिद आजमी समेत सम्मेलन में शामिल होने आए सभी लोगों ने किया। प्रस्ताव में कहा गया है कि प्राचीन इबादतगाहों को लेकर देश में बार-बार विवाद खड़े किए जा रहे हैं। इस तरह से देश का अमन खतरे में डालते हुए ऐसी ताकतों का समर्थन किया जा रहा है जो मुल्क के लोगों और मुल्क की अखंडता को नुकसान पहुंचाएगा।

प्रस्ताव पेश करते हुए हाफिज उबैदुल्ला बनारसी ने कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा की ऐतिहासिक ईदगाह समेत दूसरी इबादतगाहो के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। दारुल उलूम के नायब मोहतमिम ने कहा कि देश की आजादी में जमीयत का अहम योगदान रहा है, जिस समय देश की सत्ता पर अंग्रेज हुकूमत काबिज हुई थी। उस समय ऐसा लग रहा था कि अंग्रेज सभी इबादतगाहों को खत्म कर देंगे, लेकिन ना तो उस समय इबादतगाहों का कुछ बिगड़ सका है और ना ही आज धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचेगा।

उन्होंने कहा है कि जो लोग इबादतगाहों को खत्म करने की जहनियत रखते हैं, उनके घरों को अल्लाह खुद खाक में मिला देगा। उन्होंने कहा है कि हमारी इबादतगाहों को ना तो कोई खत्म कर सका है और ना ही आगे कर पाएगा।

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