सिंचाई विभाग ने नहर से रेत निकाल रहे तस्करो के अरमानों पर ऐसे फेरा पानी

सिंचाई विभाग ने नहर से रेत निकाल रहे तस्करो के अरमानों पर ऐसे फेरा पानी

मुजफ्फरनगर। सिंचाई विभाग की ओर से रेत तस्करों के अरमानों पर पानी फेर दिया गया है। हरिद्वार से गंग नहर में गंगाजल का प्रवाह छोड़े जाने से रेत तस्कर अब गंग नहर से रेत निकाल कर बेच नहीं पाएंगे।

दरअसल जनपद मुजफ्फरनगर, मेरठ और गाजियाबाद से होते हुए गुजर रही गंगनहर इसी महीने की 6 अक्टूबर से बंद चल रही थी। जिसकी वजह से लाखों लोगों को सिंचाई के साथ-साथ पेयजल संकट का भी सामना करना पड़ रहा है। प्रत्येक वर्ष सफाई के लिए गंग नहर को दशहरा के पर्व से लेकर दीपावली के मौके तक बंद रखा जाता है, जिसके चलते गंग नहर में गंगा जल की आपूर्ति पूरी तरह से बंद रहती है। जब गंग नहर का पानी उतरकर तकरीबन समाप्ति की ओर पहुंच जाता है तो उसी समय सेट सक्रिय हुए रेत तस्कर गंग नहर के कलेजे को खोदकर रेत निकालना शुरू कर देते हैं। ट्रैक्टर ट्रालियों एवं भैंसा बोगियों से निकाले गए गंग नहर के रेत को बेच दिया जाता है। भारी मात्रा में बेचने के लिए रेत इकट्ठा भी कर लिया जाता है। रेत निकालने के मामले को लेकर पिछले वर्षों में कई बार खूनी संघर्ष की वारदातें भी हो चुकी हैं।

अब बुधवार को गंग नहर में तीर्थ नगरी हरिद्वार से पानी छोड़ दिया गया है जो गाजियाबाद तक बुधवार की शाम अथवा बृहस्पतिवार तक पहुंच जाएगा। ऐसे हालातों में जहां गंग नहर का पानी लोगों को पीने एवं सिंचाई के लिए मिलने लगेगा। वही गंग नहर में पानी आने से रेप तस्करों के अरमानों पर भी पानी फिर गया है।

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