नर्सरी की बच्ची को हिजाब नहीं पहनने पर स्कूल से निकालने की जांच शुरू
अलीगढ़। इस्लामिक मिशन स्कूल में हिंदी पढ़ाने की बात कहने पर हिजाब नहीं पहनने के आरोप में स्कूल से निकाली गई नर्सरी कक्षा की बच्ची के मामले की जांच शुरू हो गई है। बच्ची के माता-पिता की ओर से की गई शिकायत के बाद मामले की जांच करने के लिए बीएसए द्वारा गठित गई की गई टीम स्कूल में पहुंची। जहां कमेटी द्वारा दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए गए। जांच करने वाली कमेटी अपनी रिपोर्ट आज बी एस ए को सौंपेगी।
महानगर के इस्लामिक मिशन स्कूल में हिजाब नहीं पहनने पर नर्सरी की कक्षा को स्कूल से निकालने के मामले में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा खंड शिक्षा अधिकारी एवं एबीएसए जवां की एक कमेटी बनाकर जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। गठित की गई कमेटी मामले की जांच करने के लिए स्कूल में पहुंची। जांच कमेटी के अनुसार बच्ची का नाम फिलहाल स्कूल से नहीं काटा गया है। बच्ची अभी स्कूल की छात्रा है। जबकि इस मामले के बाद बच्ची के परिजन अब अपनी बेटी को स्कूल में नहीं पढ़ाना चाहते हैं।
परिजनों की ओर से मांग उठाई गई है उनके द्वारा स्कूल को दी गई बच्ची की पूरी फीस, यूनिफॉर्म का पैसा तथा कापी किताब शुल्क में वसूला गया धन उन्हें वापस किया जाए। बच्ची के माता-पिता की शर्तों को झमेले में फंसा स्कूल प्रबंधन मानने को तैयार हो गया है। बुधवार को अंतिम कार्रवाई होने के बाद जांच कमेटी अब अपनी रिपोर्ट बेसिक शिक्षा अधिकारी को सौंप देंगी। जिसे अंतिम रूप देते हुए जिलाधिकारी को सौंपा जाएगा।
उल्लेखनीय है कि मोहम्मद आमिर ने सोमवार को इस्लामिक मिशन स्कूल में बच्चों को हिंदी नहीं बढ़ाने तथा राष्ट्रगान नहीं कराने की शिकायत की थी। जिलाधिकारी को दिए गए शिकायती पत्र में पीड़ित पिता ने कहा था कि स्कूल में पढ़ने वाली उसकी बच्ची को अभी तक हिंदी के शब्दों की पहचान भी नहीं हो पाई है। जब बच्ची से उन्होंने जानकारी ली तो उसने बताया कि स्कूल में केवल उर्दू की पढ़ाई जाती है। इस मामले को लेकर पीड़ित पिता की स्कूल प्रबंधन के साथ बहस बाजी की हुई और शिक्षकों ने बच्ची को स्कूल से निकालने की धमकी दी।