प्रदेश के गांवों में शुरू होगी औद्योगिक गतिविधियां: सिद्धार्थ नाथ सिंह

प्रदेश के गांवों में शुरू होगी औद्योगिक गतिविधियां: सिद्धार्थ नाथ सिंह

नयी दिल्ली। उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि राज्य में रोजगार के अवसर पैदा करने, युवाओं को अवसर देने और मजदूरों का पलायन रोकने के लिए गांव स्तर पर औद्योगिक गतिविधियां शुरू की जाएंगी।

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने ऑनलाइन आयोजित किए गए एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय के आत्मनिर्भर गांव का सपना पूरा करने के दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का इरादा 'माइक्रो इकोनोमी' की अवधारणा के अनुरूप गांव में औद्योगिक गतिविधियां शुरू करने का है। इससे गांव स्तर पर ही उद्योग लगाने को प्रोत्साहन दिया जाएगा। यह योजना पहली बार प्रयागराज जिले में शुरू की जा रही है। उन्होंने कहा कि गांव स्तर पर औद्योगिक गतिविधियां शुरू होने से युवाओं को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मिलेंगे और उनकी प्रतिभा का बेहतर इस्तेमाल हो सकेगा। उन्होंने कहा कि सरकार की इस पहल से मजदूरों का पलायन भी रोका जा सकेगा।

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि सरकार की यह योजना 'एक जिला एक उत्पाद' की योजना के अनुरूप है सरकार ने जिलों में उनके विशेष उत्पादों को प्रोत्साहन देने के लिए योजनाएं शुरू की है। इससे इन जिलों के उत्पादों को विदेशों में भी बाजार मिला है। उन्होंने सिद्धार्थनगर के 'काला नमक चावल' का उल्लेख करते हुए कहा कि जापान और सिंगापुर में इसकी विशेष मांग है। इसी तरह से अन्य जिलों के उत्पादों को भी अंतर्राष्ट्रीय बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है।

एक प्रश्न के उत्तर में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि राज्य में स्थानीय स्तर पर उद्योग धंधे शुरू हुए हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान इन पर विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान 40 लाख मजदूर राज्य में वापस आए थे, लेकिन दूसरी लहर में केवल चार लाख मजदूर वापस आए। इससे साफ है कि मजदूरों को उत्तर प्रदेश में ही काम मिला और वह दूसरे प्रदेशों में काम की तलाश में नहीं गए। उन्होंने कहा कि सरकार ने जिला उद्योग केंद्रों के माध्यम से प्रवासी मजदूरों से संपर्क किया है और उनके कौशल के अनुरूप की उन्हें उद्योग धंधे लगाने के लिए प्रोत्साहित किया है। इसके लिए उन्हें विशेष ऋण उपलब्ध कराया गया है और मुद्रा ऋण भी दिया गया है। सरकार ऐसे उद्योग धंधों को वित्त, कौशल और विपणन की सुविधा उपलब्ध कराती है।

उद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने छोटे उद्योगों को ढाई लाख करोड़ रुपए का ऋण उपलब्ध कराया है। यह ऋण बैंकों के माध्यम से उपलब्ध कराया गया है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने विश्वकर्मा सम्मान योजना शुरू की है जिसका उद्देश्य स्थानीय शिल्पकारों को प्रोत्साहन देना है। इसके माध्यम से इन शिल्पकारों को आधुनिक उपकरणों का प्रशिक्षण दिया जाता है और वित्त तथा विपणन में सहायता दी जाती है। इस योजना के लिए जिला स्तर पर कार्य योजना बनाई गई है।

मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में औद्योगिक ढांचे का पुनर्गठन हो रहा है जिससे उन उद्योगों के प्रदर्शन में सुधार हुआ है। उद्योगों को मंजूरिया देने की प्रक्रिया तेज की गई है। इस्पेक्टर राज को खत्म करने का प्रयास हुआ है। निर्यातकों को विशेष ग्रीन कार्ड जारी किया गया है जिससे उन्हें सरकारी क्षेत्र में काम कराने में मदद मिलती है।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार का जोर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बदलने का है इसके लिए स्थानीय स्तर पर बुनियादी ढांचा मजबूत किया जा रहा है सरकार ऐसे उद्योगों को बढ़ावा दे रही है जो स्थानीय संसाधनों से उत्पादन करते हैं और स्थानीय स्तर की मांग को पूरा करते हैं उन्होंने इसके लिए अयोध्या के 'दिया उत्सव' का भी उल्लेख किया।

वार्ता

Next Story
epmty
epmty
Top