अर्चक पुरोहित संघ की बैठक में रक्षाबंधन पर्व मनाने को लेकर शंका की दूर
मुजफ्फरनगर। भाई-बहन के पवित्र रिश्ते के रूप में मनाये जाने वाले रक्षाबंधन पर्व को लेकर हिंदू धर्म के लोगों में कुछ भ्रांति बनी हुई है। कुछ लोग रक्षाबंधन का त्यौहार 11 अगस्त को मनाने की बात कह रहे हैं, जबकि कुछ लोग 12 अगस्त को मनाने की बात कह रहे हैं। इसी शंका को दूर करने के लिए आज श्रीराम भवन पर अर्चक पुरोहित संघ की बैठक आयोजित की गई।
बैठक में अर्चक पुरोहित संघ के अध्यक्ष पंडित बृजबिहारी अत्रि ने बताया कि रक्षाबंधन पर्व 12 अगस्त, शुक्रवार को ही मनाया जाएगा। इस मामले में कोई भी भ्रांति ना फैलाई जाए और त्यौहार 12 अगस्त को पूर्णिमा के दिन ही मनेगा, इसमें 11 अगस्त को मनाने की बात बिल्कुल गलत है। पंडित बृजबिहारी अत्रि ने बताया कि धर्मसिंधु पुस्तक के अनुसार कर्मकांड के समय भद्रा की व्याप्ति कदापि न हो। हिमाद्रि का मंतव्य एवं भविष्य पुराण के कथन के अनुसार श्रावण की पूर्णमासी सूर्योदय के अंतर वेदशास्त्रों के विधान से श्रावणी कर्म रक्षाबंधन और पूजन करें। भद्रा में रक्षाबंधन करने से घर के मुखिया को हानि होने के अलावा ग्राम नगर में संकट उत्पन्न होता है। अर्चक पुरोहित संघ के निर्णायक मंडल ने तय किया है कि रक्षाबंधन पर्व व रक्षा विधान का भद्रा रहित समय 12 अगस्त, शुक्रवार को प्रात: के समय मनाया जाना ही श्रेष्ठ रहेगा।
इस अवसर पर प्रमुख समाजसेवी मनीष चौधरी, पंडित शेखर जोशी, केपी चौधरी, नवीन कश्यप, पंडित चूडामणि, पंडित कृष्ण जीवन अत्रि, पंडित आनंद वत्स, पंडित करुणा शंकर, पंडित अरविंद शास्त्री, पंडित राजेश जैमिनी, पंडित देवीशरण शास्त्री आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे ।