समृद्ध यूपी के साथ स्वस्थ यूपी
लखनऊ। सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में हेल्थ एटीएम की योजना बनाकर समृद्ध यूपी के साथ स्वस्थ यूपी मिशन पर कार्य शुरू कर दिया है। प्रदेश में 10 लाख करोड़ का निवेश लाने के लिए मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रियों को विदेश भेजा है जहां से सकारात्मक खबरें आ रही हैं। अगले साल फरवरी में इंवेस्टर्स समिट तक प्रदेश में कितना निवेश होने वाला है। इसकी तस्वीर साफ हो जाएगी। इससे प्रदेश को रोजगार भी मिलेगा और समृद्धता बढ़ेगी लेकिन कहते हैं कि अगर स्वास्थ्य ही ठीक नहीं है तो समृद्धि भी फीकी नजर आती है। इसीलिये प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने योजना बनायी है कि अब प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (पीएचसी) पर ही मुख्य जांचे संभव होंगी और मरीज को बड़े अस्पतालों में भागने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसी क्रम में हेल्थ एटीएम बनाए गये हैं। दूसरी तरफ प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक जो प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग को भी देख रहे हैं। उन्होंने चयन सेवा आयोग की तर्ज पर स्वास्थ्य सेवा आयोग बनाने का निश्चय किया है। इन सब प्रयासों से उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा का एक नया आयाय मिलेगा।
उत्तर प्रदेश में अब कम गंभीर और बिना ऑपरेशन की जरूरत वाले मरीजों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में ही सभी स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं मिल जाएगी।यहां लगा हेल्थ एटीएम सेहत से जुड़े सभी (60) जांच कर रोग के विषय में जानकारी दे देगा। लखनऊ के एसजीपीजीआई या केजीएमयू के विशेषज्ञ चिकित्सक से भी टेलीमेडिसिन के द्वारा सलाह ली जा सकेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस पहल पर बहुत जल्द ही यह सेवा शुरू हो जाएगी। इस योजना के तहत सरकार प्रदेश के सभी पीएचसी (4600) पर हेल्थ एटीएम लगाएगी। इन पर जांच करने वालों को सरकार ट्रेनिंग भी देगी। यह व्यवस्था शुरू भी हो चुकी है। दरअसल स्वास्थ्य क्षेत्र पर मुख्यमंत्री की विशेष निगाह है। उन्होंने मेडिकल कॉलेज की स्थिति सुधारने पर जोर दिया। जानकारी के मुताबिक, केंद्रों में भी इलाज या दाखिले के लिए पहले जैसी मारामारी नहीं होगी, क्योंकि हफ्ते भर पहले योगी सरकार ने एक जिला, एक मेडिकल कॉलेज कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए 6 जिलों में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं।इस प्रक्रिया के माध्यम से महोबा, मैनपुरी, बागपत, हमीरपुर, हाथरस और कासगंज में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए निवेशकों को चयनित किया जाएगा।उत्तर प्रदेश पहला राज्य है, जिसने पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए टेंडर जारी किए हैं।इन्हें खोलने में करीब 1525 करोड़ रुपये का खर्च आएगा और केंद्र सरकार सब्सिडी का करीब 1012 करोड़ रुपये भार उठाएगी। सरकार बिना किसी दुष्प्रभाव के रोगों को जड़ से खत्म करने वाले इलाज की परंपरागत विधाओं पर भी बराबर ध्यान दे रही है।इसके लिए गोरखपुर में प्रदेश का पहला आयुष विश्वविद्यालय निर्माणाधीन है। चंद रोज पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गाजियाबाद के कमला नेहरू नगर में 382 करोड़ की लागत से बने राष्ट्रीय यूनानी केंद्र का भी उद्घाटन किया।
आम जनता के लिए हेल्थ फैसेलिटी बेहतर करने की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार तेज गति से काम कर रही है।इसीलिए राज्य के सभी जिलों में हेल्थ एटीएम लगाए गए हैं।राजधानी लखनऊ के पीएचसी केंद्रों पर अब बिना ऑपरेशन की जरूरत वाले मरीजों को सभी तरह की स्वास्थ्य सेवाएं मिल जाएंगी। क्योंकि यहां लगे हेल्थ एटीएम से 60 तरह की बीमारियों की जांच कराई जा सकती है।कुछ जिलों के पीएचसी में 40-50 जांचों की सुविधा है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अकेले राजधानी लखनऊ में करीब 100 हेल्थ एटीएम लगाए गए हैं।अब कम गम्भीर और बिना ऑपरेशन की जरूरत वाले मरीजों को पीएचसी (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) में ही सभी स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं मिल जाएगी।यहां लगा हेल्थ एटीएम सेहत से जुड़े सभी (60) जांच कर रोग के विषय में जानकारी दे देगा।इससे पहले सितंबर महीने में ग्रेटर नोएडा के चारों सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दादरी, दनकौर, बिसरख और डाढ़ा में हेल्थ एटीएम लगाए गए थे। लोग यहां से अपनी जांच करा सकेंगे और उन्हें तुरंत रिपोर्ट भी हाथों-हाथ मिल जाएगी।इसके अलावा गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर के बाकी हिस्सों में भी हेल्थ एटीएम लगाए गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सितंबर महीने में गोरखपुर में हेल्थ एटीएम योजना का शुभारंभ किया था।प्रदेश के 64 जिलों में 4600 से ज्यादा हेल्थ एटीएम लगाए जा रहे हैं।हेल्थ एटीएम के जरिए करीब 40 से लेकर 60 तरह की बीमारियों की जांच की जा सकती है।जांच रिपोर्ट हाथों-हाथ 5 मिनट के अंदर मिल जाएगी।खास बात यह है कि हेल्थ एटीएम से ली गई जांचें निशुल्क हैं या तो मामूली शुल्क लिया जा रहा है।स्वास्थ्य केंद्रों पर हेल्थ एटीएम की शुरुआत को स्वास्थ्य सेवाओं को निचले तबके तक पहुंचाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
हेल्थ एटीएम पर तापमान, वजन और हाईट जांच मलेरिया, टाइफाइड और डेंगू की जांच, कार्डियक से संबंधित जांच, मधुमेह और ब्लड शुगर टेस्ट यूरिन टेस्ट, हेपेटाइटिस की जांच, हीमोग्लोबिन टेस्ट, आर्थराइटिस प्रोफाइल टेस्ट, प्रेगनेंसी टेस्ट, फैट टेस्ट और फैट फ्री वेट टेस्ट, बॉडी वॉटर टेस्ट, ऑक्सीजन सेचुरेशन टेस्ट, बॉडी मास इंडेक्स और मेटाबॉलिक एज, डिहाइड्रेशन की जांच सुविधा होगी। इसके अलावा मरीज कुल 50 पैरामीटर पर अपनी बॉडी का चेकअप करा सकते हैं।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा चयन आयोग पर काम के बोझ को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार स्वास्थ्य विभाग में भर्ती के लिए अलग से भर्ती आयोग बना सकती है। आवश्यकता पड़ने पर स्वास्थ्य सेवा चयन आयोग के गठन पर विचार का आश्वासन विभाग का जिम्मा संभाल रहे उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने विधानसभा में दिया। दंत चिकित्सकों के रिक्त पद भी जल्द भरने की बात कही है। विधानसभा सत्र में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग में भर्तियों के लिए अलग से स्वास्थ्य सेवा चयन आयोग बना सकती है। जिला अस्पतालों में भी हो एमआरआइ और सीटी स्कैन की सुविधा उपलब्ध कराने पर भी सरकार विचार कर रही है। इसी के तहत जिलों में मेडिकल कालेज खोले जा रहे हैं। (हिफी)