कांग्रेसियों के सिर असंतोष का साफा
नई दिल्ली। कांग्रेस में चिट्ठी बम अब तक सक्रिय है। इस बीच इसमें थोड़ी बारूद और मिल गयी। राजनीति में बड़ी बारीकी से काम होते हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद 15 फरवरी 2021 को रिटायर हो गये। इससे पूर्व उन्हे विदाई देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस समय का एक वाकया याद किया जब गुलाम नबी आजाद जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री हुआ करते थे और नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे।
गुजरात के कुछ पर्यटकों पर आतंकवादियों ने हमला किया। गुलाम नबी आजाद उस समय बहुत भावुक हुए थे। मोदी उसी को याद करके रो पड़े। इसके बाद ही यह चर्चा होने लगी थी कि गुलाम नबी आजाद क्या भगवा का हाथ थामेंगे? कांग्रेस ने गुलाम नवी को राज्यसभा में नहीं भेजा। चिट्ठी बम और सुलग उठा। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की घोषणा होचुकी है। एक ओर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी चुनावी राज्य तमिलनाडु का दौरा कर रहे हैं, वहीं जम्मू में पार्टी के असंतुष्ट नेता एक कार्यक्रम में इकट्ठा हुए। यह भी कहा जा रहा है कांग्रेस में अंसतुष्ट नेताओं का समूह राहुल गांधी के हालिया उत्तर-दक्षिण की राजनीति वाली टिप्पणी से नाखुश है।
कांग्रेस के ये नेता गुलाम नबी आजाद को राज्यसभा के लिए फिर से नामित न किए जाने से भी नाराज हैं। पिछले दिनों गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल समाप्त हो गया था जिसके बाद उन्हें विदाई दी गई। आजाद की विदाई समारोह में पीएम मोदी ने सदन में उनकी काफी तारीफ की थी। इसके कई मायने निकाले गए थे। पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कांग्रेस के कामकाज पर सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस उन्हें कमजोर होती दिख रही है।
उन्होंने गुलाम नबी आजाद को दोबारा राज्यसभा के लिए नामित न किए जाने पर भी सवाल उठाए। आनंद शर्मा ने तो यहां तक कह दिया कि हम लोग कांग्रेस में किसी खिड़की से नहीं बल्कि मेन दरवाजे से आये हैं। उनका इशारा सीधे राहुल व प्रियंका की तरफ है। इस कार्यक्रम में सोनिया-राहुल के पोस्टर नहीं थे। कार्यक्रम के मंच पर गांधी ग्लोबल लिखा था और सभी के सिर पर भगवा साफा था। बैठक में मौजूद सभी नेताओं ने कांग्रेस को ही मजबूत करने की बात कही है। इसका एक आशय यह भी है कि वे पार्टी छोड़ना नहीं चाहते।
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व में 27 फरवरी को कांग्रेस के कई नेता जम्मू के शांति सम्मेलन में पहुंचे जिसे गांधी ग्लोबल फैमिली नामक एक एनजीओ ने आयोजित किया । इस दौरान कांग्रेस के सभी नेता भगवा साफे में नजर आए। कपिल सिब्बल ने कहा, सच बोलने का मौका है और आज सच ही बोलेंगे। हम क्यों यहां इकट्ठा हुए हैं। सच्चाई तो यह है कि कांग्रेस पार्टी हमें कमजोर होती दिख रही है। इसलिए हम यहां इकट्ठा हुए हैं। पहले भी इकट्ठा हुए थे।
हमें इकट्ठा होकर इसे मजबूत करना है। हम नहीं चाहते थे कि गुलाम नबी आजाद साहब को संसद से आजादी मिले। इस प्रकार जनाधार के लिए जद्दोजहद, पार्टी में मचे घमासान और वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा के बीच जम्मू में कांग्रेस की जी-23 की बैठक शुरू हुई। इसमें पार्टी के दिग्गज नेताओं ने बंजर हो चुकी सियासी जमीन को फिर से उपजाऊ बनाने के लिए रोडमैप पर चर्चा की। साथ ही कुछ नेताओं ने आलाकमान के फैसलों से उपजे फासलों पर भी खुलकर अपनी राय दी। इस दौरान तंज और पार्टी प्रेम की कई झलकियां भी देखने को मिलीं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जम्मू हो या कश्मीर और या फिर लद्दाख हम सभी धर्मों, लोगों और जातियों का एक ही तरह से सम्मान करते हैं। यही हमारी ताकत है और इसे हमेशा ऐसे ही जारी रखा जाएगा।
आजाद ने कहा कि राज्य का दर्जा वापस पाने के लिए हमारी संसद के अंदर और बाहर लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि मैं राज्यसभा से रिटायर हुआ हूं, राजनीति से नहीं। साथ ही मैं संसद से पहली बार रिटायर नहीं हुआ हूं। गुलाम नबी आजाद ने कहा, पिछले 5-6 साल से इन सभी दोस्तों ने जम्मू-कश्मीर को लेकर, यहां की बेरोजगारी, राज्य का दर्जा छीनने, इंडस्ट्री को खत्म करने, शिक्षा और जीएसटी लागू करने के मुद्दे लेकर संसद में मुझसे कम नहीं बोला है। चाहे जम्मू हो या कश्मीर या लद्दाख, हम सभी धर्म, लोगों और जाति का सम्मान करते हैं। हर एक समान रूप से सभी का आदर करते हैं। यह हमारी ताकत है और इसे हम आगे भी जारी रखेंगे।
कांग्रेस नेता राजभर ने कहा कि लोग कहते हैं जी-23 पर मेरा मानना है कि यह गांधी-23 है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के विश्वास, संकल्प और सोच के साथ ही इस देश का कानून और संविधान बना। इस सोच को आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस पूरी मजबूती के साथ खड़ी है। देश में कानून और संविधान का गठन किया गया था। कांग्रेस इसे आगे ले जाने के लिए मजबूती से खड़ी है। जी 23 चाहता है कि कांग्रेस मजबूत बने। कार्यक्रम में कपिल सिब्बल ने खुलकर अपनी बात रखी।
उन्होंने कहा कि सच ये है कि हम कांग्रेस पार्टी को कमजोर होते देख रहे हैं। यही वजह है कि आज हम यहां इकट्ठा हुए हैं। हमारा उद्देश्य एक साथ होकर पार्टी को मजबूत करना है। गुलाम नबी आजाद के अनुभव और भूमिका पर सिब्बल ने कहा कि उन्हें उस इंजीनियर के रूप में जाना जाता है जोकि विमान उड़ाने के साथ ही खराबी का पता लगाने और उसकी मरम्मत करने में साथ देता है।
सिब्बल ने कहा कि आजाद ऐसे नेता हैं जो हर राज्य के हर जिले में कांग्रेस की जमीनी हकीकत जानते हैं। सिब्बल ने आजाद को दोबारा राज्यसभा न भेजे जाने के फैसले पर भी सवाल उठाया।उन्होंने कहा कि मुझे समझ नहीं आ रहा कि कांग्रेस उनके अनुभव का उपयोग क्यों नहीं कर रही है।सिब्बल ने आगे कहा, पूछिए क्यों? क्योंकि मैं समझता हूं कि जबसे वह राजनीति में आए कोई ऐसा मंत्रालय नहीं रहा, जिसमें वह मंत्री नहीं रहे। कोई ऐसा नेता नहीं है, जिसको वह जानते नहीं हैं। टेलिफोन पर जब किसी भी नेता को फोन करते थे, तो उनके यहां आकर बैठक करते थे। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि इस अनुभव को कांग्रेस पार्टी इस्तेमाल क्यों नहीं कर पा रही है। इसके बाद वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने राज्य सभा में जम्मू-कश्मीर के प्रतिनिधित्व पर बोलते हुए कहा कि 1950 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब संसद के उच्च सदन में केंद्र शासित प्रदेश का कोई प्रतिनिधि नहीं है।
उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में कांग्रेस कमजोर हुई है। हमारी आवाज पार्टी के उज्जवल सियासी भविष्य के लिए है। नई पीढ़ी को पार्टी से जुड़ना चाहिए। शर्मा ने कहा कि हमने पार्टी के अच्छे दिन देखे हैं। उम्र के इस पड़ाव पर हम पार्टी को कमजोर होते हुए नहीं देखना चाहते। उन्होंने कहा कि हम गुलाम नबी के साथ हैं। कांग्रेस हमारी पहचान है। हम कांग्रेस की ताकत और एकता में विश्वास करते हैं। आज हम जहां हैं, यहां तक पहुंचने के लिए हम सभी ने बहुत लंबी दूरी तय की है। तंज कसते हुए
उन्होंने कहा कि हमारे बीच कोई भी खिड़की से नहीं आया है, हम सभी दरवाजे से चले हैं। हम छात्रों और युवा आंदोलन के माध्यम से यहां तक आए हैं।आनंद शर्मा ने आगे कहा, श्पिछले 10 सालों में कांग्रेस कमजोर हुई है। दो भाई अलग-अलग मत रखते हों, तो इसका मतलब यह नहीं है कि घर टूट जाएगा। या भाई, भाई का दुश्मन हो जाता है, ऐसा तो नहीं हो जाता है। अगर कोई अपना मत न व्यक्त करे तो उसका दूसरा कोई अलग मतलब निकाल लेता है। ऐसी ही बातों से घर मजबूत नहीं रहता है। इस प्रकार कांग्रेस हाईकमान को नसीहत भी दी गयी है। (हिफी)