कोविड-19 की वैश्विक महामारी एक अदृश्य शत्रु के विरुद्ध संघर्ष : मुख्यमंत्री
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोविड-19 की वैश्विक महामारी एक अदृश्य शत्रु के विरुद्ध संघर्ष है। राज्य को कोविड-19 की महामारी से उत्पन्न स्थितियों से निपटने में अभी तक उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई है। इस संघर्ष में सफलता के लिए सभी को पूरी सावधानी व गम्भीरता से प्रयास करना होगा। वर्तमान में प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को सुरक्षित व सम्मानजनक ढंग से उनके गंतव्य तक पहुंचाना सबसे बड़ी चुनौती है। यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रवासी कामगार/श्रमिक असुरक्षित ढंग यथा पैदल, साइकिल, बाइक, टैंपो, ट्रक आदि से यात्रा न करें। ऐसे कामगारों/श्रमिकों को रोक कर सबसे पहले उन्हें भोजन एवं पानी उपलब्ध कराया जाए। इसके बाद उनकी स्क्रीनिंग करते हुए उन्हें सुरक्षित व सम्मानजनक ढंग से उनके गंतव्य तक पहुंचाया जाए।
मुख्यमंत्री अपने सरकारी आवास पर सभी जनपदों के जिलाधिकारियों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों/पुलिस अधीक्षकों एवं मुख्य चिकित्साधिकारियों के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लाॅक डाउन, प्रवासी श्रमिकों के आगमन, कोविड-19 के उपचार, बचाव आदि के प्रबन्ध की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में कोई भी प्रवासी/कामगार पैदल, बाइक अथवा ट्रक आदि अवैध और असुरक्षित वाहनों से न आने पाएं, ऐसा पाये जाने पर अवैध वाहन को तत्काल जब्त कर कानूनी कार्यवाही की जाए। पुलिस पैदल चलने वालों को जागरूक करते हुए इन्हें रोके। प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराना जिला प्रशासन की जिम्मेदारी होगी। इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अपने सभी प्रवासी कामगारों/श्रमिकों की सुरक्षित व सम्मानजनक वापसी की व्यवस्था सुनिश्चित करा रही है। राज्य सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है कि घर वापस आने वाले किसी प्रवासी कामगार/श्रमिक को कोई दिक्कत न हो। राज्य के सीमावर्ती जनपदों में प्रवासी कामगारों/श्रमिकों के लिए बसों की व्यवस्था की गई है। प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को बसों से भेजने के लिए धनराशि भी स्वीकृत है। उन्होंने निर्देश दिए कि आवश्यकतानुसार निजी बसों का भी उपयोग किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रवासी श्रमिकों/कामगारों को निःशुल्क ट्रेन से प्रदेश में लाया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि दिल्ली में ट्रेन के समाप्त होने की स्थिति में प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को लिंक ट्रेनों से लाने की व्यवस्था सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि दूर के गंतव्य वाले प्रवासी कामगारों/श्रमिकों के लिए ट्रेन की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाए। उन्होंने प्रवासी कामगारों/श्रमिकों की पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी कामगारों/श्रमिकों के लिए क्वारंटीन सेण्टर तथा कम्युनिटी किचन की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखा जाए। इनमें साफ-सफाई तथा सुरक्षा के समुचित प्रबन्ध किए जाएं। क्वारंटीन सेण्टर में भरपेट व शुद्ध भोजन उपलब्ध कराया जाए। ग्रामीण व शहरी इलाकों में निगरानी समितियों को पूरी तरह सक्रिय रखकर निरन्तर माॅनीटरिंग की जाए। क्वारंटीन सेण्टर में कोविड-19 के संक्रमण के संदिग्ध प्रवासी कामगारों/श्रमिकों की पूल टेस्टिंग करायी जाए। गृह जनपद में पहुंचने पर स्वस्थ प्रवासी कामगार/श्रमिक को खाद्यान्न का पैकेट उपलब्ध कराते हुए होम क्वारंटीन में भेजा जाए। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रत्येक जनपद में एल-1, एल-2 हाॅस्पिटल क्रियाशील रहने चाहिए। एल-1 हाॅस्पिटल में ऑक्सीजन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। एल-2 अस्पतालों में वेन्टीलेटर की व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संक्रमण की स्थिति में बुजुर्गों, बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं को एल-3 अस्पतालों में भेजा जाए। कोविड-19 के उपचार हेतु वर्तमान में प्रदेश में 55 से 57 हजार बेड उपलब्ध हैं। एक सप्ताह में इन बेड को बढ़ाकर 01 लाख किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कोविड अस्पतालों में सभी व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त रखे जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए। नियमित सैनिटाइजेशन सुनिश्चित किया जाए। स्वच्छता सम्बन्धी कार्यों में कोई शिथिलता न बरती जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि चिकित्सक नियमित तौर पर राउण्ड लें। बेड शीट आदि नियमित बदली जाए। नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ अस्पताल में निरन्तर उपलब्ध रहे। उन्होंने कहा कि नाॅन कोविड अस्पतालों में चिकित्सक व अन्य कर्मियों के प्रशिक्षण के उपरान्त इमरजेंसी सेवाएं प्रारम्भ की जाएं। पेन्डिंग ऑपरेशन आदि को शुरू कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आने वाले प्रवासी कामगारों/श्रमिकों के लिए सभी प्रबन्ध किए जाएं। सब्जी/फल विक्रेताओं से संक्रमण के प्रसार की सम्भावना के दृष्टिगत इनकी रैण्डम टेस्टिंग करायी जाए। उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों के जवानों तथा कारागारों में संक्रमण से सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए। लोग फेस कवर किए बगैर बाहर न निकलें। बाइक, स्कूटर आदि पर एक व्यक्ति ही यात्रा करे। लाॅक डाउन/नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष डाॅक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ आदि का निरन्तर प्रशिक्षण कराया जाए। एनसीसी, एनएसएस कैडेट्स तथा पूर्व सैनिकों को भी प्रशिक्षित कराया जाए। उन्होंने कहा कि मनरेगा में माह के अंत तक 50 लाख श्रमिकों को रोजगार दिया जाना है, इसके दृष्टिगत स्वस्थ श्रमिकों के लिए रोजगार की व्यवस्था की जाए। पटरी व्यावसायियों के लिए ऋण अथवा रोजगार की व्यवस्था की जाए। मण्डियों को खुले स्थान पर लगवाने की व्यवस्था की जाए। मण्डी आने वाले किसानों, सब्जी व्यावसायियों व ग्राहकों के लिए अलग-अलग समय निर्धारित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने बैंकों की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि बैंकों में भीड़ कम करने के लिए बैंकिंग करेसपाॅन्डेन्ट की सेवाएं ली जाएं। उन्होंने अधिकारियों को गेहूं क्रय केन्द्रों में अच्छी व्यवस्था के लिए उनके नियमित निरीक्षण के निर्देश देते हुए कहा कि इनमें किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने खाद्यान्न वितरण की व्यवस्था को प्रभावी बनाए रखने तथा 'आरोग्य सेतु' व 'आयुष कवच कोविड' एप की व्यापक डाउनलोडिंग के लिए लोगों को प्रेरित करने के निर्देश दिए।
वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, मथुरा, फिरोजाबाद, आगरा, झांसी, महोबा, चित्रकूट, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, बांदा, जालौन, कानपुर आदि जनपदों के जिलाधिकारियों से उनके जनपदों में प्रवासी कामगारों/श्रमिकों के आगमन की स्थिति, कोविड अस्पतालों की व्यवस्थाओं आदि के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की।
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, मुख्य सचिव आर केे तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार, पुलिस महानिदेशक हितेश सी अवस्थी, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस पी गोयल तथा संजय प्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।