लोगों की उड़ रही जमा-पुंजी, साइबर हेल्प सेंटर बना उम्मीद की किरण

लोगों की उड़ रही जमा-पुंजी, साइबर हेल्प सेंटर बना उम्मीद की किरण

मुजफ्फरनगर। भोले-भाले लोगों को हाईटेक साइबर ठग अपना शिकार बना रहे हैं। थोड़े से लालच के चक्कर में पड़कर भोले-भाले लोग अपनी जमा-पूंजी भी लुटा बैठते हैं। वे ये तक नहीं सोचते कि इस दुनिया में जहां कोई बिना मतलब के किसी को एक रुपया भी नहीं देता है, तो आखिर कोई अपरिचित कैसे उन्हें लाखों की रकम उपहार स्वरूप दे सकता है। एसएसपी अभिषेक यादव के निर्देशन में साइबर हेल्प सेंटर इस तरह की ठगी का शिकार लोगों के लिए उम्मीद की किरण बना हुआ है। अब तक अनेक पीड़ित लोगों के रुपये साईबर हेल्प सेंटर वापिस करा चुका है।


मिली जानकारी के अनुसार आज के तकनीकी युग में सभी कुछ हाईटेक तरीकों से हो रहा है। सुविधाएं मिल रही हैं, तो वह भी हाईटेक हैं और ठगी हो रही है, तो उसके लिए भी हाईटेक तरीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। अधिकांश ठगी के मामलों में देखा जाता है कि ठगी करने वाले लोग तकनीकी रूप से काफी दक्ष होते हैं और अपनी इसी प्रतिभा का उपयोग वे लोगों को ठगने के लिए करते हैं। जैसे आजकल मोबाइल पर इस प्रकार के ठगों द्वारा मैसेज भेजे जा रहे हैं कि आप कौन बनेगा करोडपति की तरफ से सेलेक्ट हो चुके हैं या फिर फलां कंपनी की ओर से आपको लक्की विनर के रूप में चुना गया है और आपकी एक करोड़ की लाटरी लगी है। जो समझदार लोग हैं, वे इस तरह के मैसेजेस और नम्बरों को ब्लॉक कर देते हैं और जो नादान हैं, वे इन ठगों के चक्करों में फंस जाते हैं। जब इन ठगों से लाटरी की रकम देने के लिए कहा जाता है तो इनके द्वारा कहा जाता है कि एक करोड़ की लाटरी निकली है, इसके लिए आपको एक लाख रुपये या फिर अन्य रकम का टैक्स भरना होगा। टैक्स जमा करते ही आपको लाटरी की रकम मिल जायेगी। एक करोड़ के लालच में भोले-भाले लोग उनको मांगी गई रकम अदा कर देते हैं और बाद में वे नम्बर हमेशा के लिए बंद हो जाते हैं। इसी तरह से अलग-अलग तरह के ऑफर शिकार को जाल में फंसाने के लिए हाईटेक ठगों द्वारा दिये जाते हैं। वहीं बहुत सी ऑनलाईन ऐप हैं, जिनके माध्यम से अलग-अलग तरह से लोगों के बैंक एकाउंट को ही हाईटेक ठग खाली कर देते हैं। किसी को लालच देकर उनके बैंक डिटेल्स मालूम कर ली जाती है, तो किसी के डेबिट कार्ड का पासवर्ड। शातिर ठग ऐसे-ऐसे आकर्षक ऑफर लाते हैं कि पढ़े-लिखे लोग भी इनका शिकार बन जाते हैं। इस मामले में लोगों को जागरूक रहने की आवश्यकता है। आज की दुनिया में लोग किसी को बिना किसी वजह के एक रुपया तक नहीं देते, तो फिर कोई किसी को करोड़ों रुपये कैसे दे सकता है, इस बात को नागरिकों को समझना चाहिए। लालच हमेशा से ही नुकसान का कारण बनता है, इसलिए कभी भी लालच के वशीभूत होकर कोई कार्य नहीं करना चाहिए, वरन उसका नुकसान आपको उठाना ही होगा।

वहीं दूसरी ओर साइबर हेल्प सेंटर इस बार उन लोगों के लिए आशा की एक किरण बना हुआ है, जो साइबर ठगों का शिकार हो चुके हैं। अब तक साइबर हेल्प सेंटर अपनी सटीक कार्यवाई के चलते अनेक पीड़ितों को उनके रुपये वापिस दिला चुका है। ऐसा ही एक मामले में बीते दिन साइबर हेल्प सैंटर ने एक पीड़ित की सहायता की। सिविल लाईन थाना क्षेत्र के उत्कर्ष चौरसिया ने साईबर हेल्प सेंटर को बताया कि साइबर ठग ने परिचित बनकर उसके खाते से धोखाधड़ी कर 11 हजार रुपये निकाल लिये हैं। साईबर हेल्प सेंटर ने तत्काल कार्यवाही करते हुए पेटीएम एवं संबंधित बैंक को फ्रॉड से अवगत कराया और पीड़ित के खाते में 11 हजार रुपये वापिस कराये।

सभी नागरिकों को इस मामले में स्वयं जागरूक रहना होगा। प्रयास ऐसे करने होंगे कि आप किसी भी तरह से साइबर ठगी के शिकार ही न हों। क्योंकि यदि अब आकर्षक ऑफरों के चक्करों में पड़ेंगे, तभी साइबर ठगों को आपको ठगने का मौका मिलेगा। इसलिए हमेशा सावधान रहना चाहिए और ऐसे सब्जबाग दिखाते ऑफरों से दूरी बनाये रखनी चाहिए।

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