महिला चिकित्सक 7 मिनट मौत से लड़कर छीन लाई मासूम की सांसें
आगरा। आमतौर पर चिकित्सक को दूसरा भगवान कहा जाता है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात महिला चिकित्सक वास्तव में भगवान बनते हुए मौत से लड़कर 7 मिनट के भीतर नवजात बच्चे की सांसों को वापस छीनकर ले आई। प्रसव के बाद पैदा हुए बच्चे की सांस नहीं चलने पर महिला चिकित्सक द्वारा उसे लगातार 7 मिनट तक माउथ टू माउथ ब्रेथ देकर बच्चे की सांसे वापिस लौटा दी गई है। नवजात की जिंदगी बचाने के लिए महिला चिकित्सक की ओर से मौत के साथ की गई जद्दोजहद का वीडियो सामने आने के बाद सभी लोग महिला चिकित्सक को दुआएं देते हुए नहीं थक रहे हैं।
दरअसल आगरा के एत्मादपुर कस्बे के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रसव पीड़ा होने पर परिजन खुशबू नामक महिला को प्रसव क्रिया के लिए ले गए थे। चिकित्सकों द्वारा जब महिला की प्रसव क्रिया कराई गई तो पैदा हुए नवजात को सांस लेने में परेशानी होने लगी। नर्स द्वारा तुरंत बच्चे को ऑक्सीजन लगाई गई और अन्य चिकित्सीय तौर तरीकों को अपनाया गया। लेकिन नवजात की सांसे वापस लौटती हुई नहीं दिखाई दी। इसी दौरान प्रसव क्रिया संपन्न करा रही महिला चिकित्सक डॉक्टर सुरेखा ने तत्काल जिंदगी पाने के लिए मौत से संघर्ष कर रहे नवजात को उठाया और तत्काल माउथ टू माउथ रेस्पिरेशन तकनीक का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। तकरीबन 7 मिनट तक लगातार महिला चिकित्सक इस प्रक्रिया को करती रही और आखिरकार बच्चे को मौत के मुंह से वापस खींचकर ले आई।
डिलीवरी के बाद नवजात की सफाई भी नहीं हुई थी और उसके पूरे शरीर पर खून लगा हुआ था। इसके बावजूद महिला चिकित्सक सुरेखा को इन सब बातों का ख्याल नहीं आया। उसके मन के भीतर केवल यह बात दौड़ती रही कि किसी तरह मां को उसका बेटा जिंदा वापस मिल जाए।