गन्ना पर्ची को लेकर किसानों को नहीं होगी कोई समस्या- भूसरेड्डी

गन्ना पर्ची को लेकर किसानों को नहीं होगी कोई समस्या- भूसरेड्डी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के गन्ना एवं चीनी विभाग में आयुक्त संजय आर. भूसरेड्डी ने कहा कि ''ईज ऑफ डूइंग बिजनेस'' कार्यक्रम के तहत उनका विभाग गन्ना किसानों की गन्ना विपणन सम्बन्धी समस्यायों का 'सूचना प्रौद्योगिकी' के माध्यम से ठोस निराकरण कर रहा है। प्रदेश में पहली बार ऐसी व्यवस्था की गयी है कि गन्ना किसान की हॉयल हुई पर्ची बेकार न जाये तथा इसके लिए किसान को दफ्तरों के चक्कर न काटकर अपने समस्त गन्ने की आपूर्ति सुगमता पूर्वक शुगर मिलों में कर सकें।

गन्ना एवं चीनी आयुक्त संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि यदि किसी किसान की कोई पर्ची निर्धारित समय में न तुलवाने के कारण हॉयल हो जाती है, तो उसी क्रमांक की पर्ची लगभग सात दिन बाद ई.आर.पी. के माध्यम से स्वतः रिवेलिडेट होकर पुनः किसान को प्राप्त हो जायेगी, जिस पर "एच'' भी अंकित होगा। यदि पुनः किसान रिवेलिडेट होकर प्राप्त हुई पर्ची पर निर्धारित अवधि तक गन्ना नहीं तुलवा पाता है तो उसी क्रमांक की पर्ची दोबारा रिवेलिडिट होकर पुनः किसान को प्राप्त होगी, जिस पर किसान अपना गन्ना तुलवा सकता है। यदि दोबारा रिवेलिडेट पर्ची पर भी किसान अपना गन्ना नहीं तुलवा पाता है तो कृषक की पर्ची निरस्त न हो, इसके लिये विभाग की ओर से यह व्यवस्था की गयी है कि उस पर्ची को कृषक के मुख्य कैलेण्डर के अन्तिम पक्ष में 1 से 15 कॉलम तक लगाया जायेगा। इस प्रकार कृषक की हॉयल हुई पर्ची किसी भी दशा में बेकार नहीं जायेगी एवं उसे गन्ना तुलवाने के 4 अवसर प्राप्त होंगे।

गन्ना एवं चीनी आयुक्त संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि पहले के वर्षों में किसी पर्ची के हॉयल होने पर उसे मात्र एक बार रिवेलिडेट किया जाता था। परन्तु इस वर्ष कृषकों को अधिकतम सुविधाएं देने एवं उनकी गन्ना आपूर्ति बढ़ाने के उद्देश्य से चार मौके दिये जा रहे हैं। इससे किसानों को अपनी समस्त पर्चियों पर गन्ना आपूर्ति के भरपूर अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने बताया कि गन्ना क्रय-केन्द्रों तथा चीनी मिल गेट पर गन्ना तुलवाने के लिये लाइन में लगे किसान की गन्ना पर्ची यदि मिल में खराबी या ट्रांसपोर्ट आदि की दिक्कतों के कारण हॉयल हो जाती है तो ऐसे किसानों को स्थानीय स्तर से 12 घण्टे तक अतिरिक्त समय प्रदान करते हुए तौल का अतिरिक्त अवसर प्रदान किया जायेगा। कोरोना महामारी के दृष्टिगत विभाग द्वारा पेपर पर्ची पूर्ण रूप से बंद कर केवल एस.एम.एस. पर्ची कृषकों को उपलब्ध करायी जा रही है। एस.एम.एस. गन्ना पर्ची कृषकों को रियल टाइम में प्राप्त हो रही है तथा इसके खोने, धुलने एवं फटने तथा गलत हाथों में पहुँचने की संभावना भी नहीं है।

गन्ना एवं चीनी आयुक्त संजय आर. भूसरेड्डी ने कृषकों से यह अपील भी की है कि जिन कृषकों के मोबाइल नंबर गलत हैं वह उन्हें जल्द ही ठीक करा लें अथवा ई-गन्ना एप्प के माध्यम से स्वतः ठीक कर लें तथा अपने मोबाइल इनबॉक्स को भी खाली रखें। जिन क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क की समस्या है वहाँ एक्नॉलेजमेंट शीट भेजी जा रही है, जिसके द्वारा अथवा ई-गन्ना एप व वेबसाइट से निर्गत सप्लाई टिकट नंबर को नोट करके भी किसान तौल करा सकते हैं। विभाग का प्रयास है कि कृषक एस.एम.एस. पर्ची, ई-गन्ना एप्प पर निर्गत टिकट सप्लाई नंबर अथवा caneup-in वेबसाइट पर निर्गत टिकट सप्लाई नंबर अथवा क्रय-केन्द्र व ग्राम में चस्पा एक्नॉलेजमेंट शीट से पर्ची नंबर नोट कर व अपने किसी भी फोटो आई-डी को दिखाकर गन्ने के तौल करा सकते हैं। इस सुविधा का प्रदेश के गन्ना किसान भरपूर लाभ ले रहे हैं।

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