किसानों को मिला अपनी समस्याओं के हल के लिए उचित मंच
झांसी। उत्तर प्रदेश के झांसी मंडलायुक्त डॉ़ अजय शंकर पांडेय की पहल पर मंडल के किसानों और प्रशासन के बीच संवादहीनता की स्थिति को समाप्त कर सामंजस्य बढ़ाने और किसानों की समस्याओं को शासन तक पहुंचाने के उद्देश्य से शुक्रवार को बुलायी गयी बैठक में किसानों से जुड़े मुद्दों पर सारगर्भित चर्चा की गयी।
यहां आयुक्त सभागार में विशिष्ट कृषि उत्पाद संरक्षण एवं फ्लोरा एंड फाऊना विंग की आज बैठक बुलायी गयी। इस बैठक की अध्यक्षता मंडलायुक्त प्रतिनिधि के रूप में जेडीए उपाध्यक्ष सर्वेश कुमार दीक्षित ने की। बैठक में प्रशासनिक अधिकारियों और तीनों जनपदों झांसी, जालौन और ललितपुर के प्रगतिशील तथा युवा किसानों के साथ परंपरागत किसानों को आमंत्रित किया गया।
बैठक का संचालन करते हुए मंडलीय परियोजना अधिकारी आनंद चौबे ने बैठक के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मंडलायुक्त ने बुंदेलखंड की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण की बीड़ा उठाया है और इसी के तहत बुंदेलखंड के विशेष कृषि उत्पादों के साथ साथ यहां यहां के फ्लोरा और फाउना तथा हॉर्टीकल्चर को संरक्षित कराने व उसे संरक्षण देने के लिए किसानों के साथ इस बैठक का आयोजन किया गया है। मंडलायुक्त की पहल पर झांसी मंडल के प्रगतिशील किसानों के साथ अन्य किसानों को जोड़ने की एक योजना बनाई गई है इसके लिए मंडल स्तर पर एक समिति भी गठित की जा रही है इस समिति में तीनों जनपदों के ऐसे किसानों को जोड़ा जाएगा जो अन्य किसानों को अपने अनुभव सांझा कर सकें।
बैठक में मंडलायुक्त की अनुपस्थिति के बावजूद उनके विचार पढ़कर सुनाये गये जिसमें कहा गया कि सभ्यताओं के विकास की सबसे पुरानी कड़ी के रूप में कृषि ही एक ऐसा व्यवसाय रहा है जो अर्थव्यवस्था की नींव के रूप में देखा गया है परंतु किसानों को कभी प्राकृतिक आपदाओं का तो कभी समुचित बाजार ना मिलने और कभी वैज्ञानिक जानकारियों के अभाव जैसे अनेकों समस्याओं का सामना करना पड़ता है । हमारा प्रयास है कि इन सभी समस्याओं का एक मंच पर लाकर निराकरण खोजा जाए। डॉ़ पांडेय ने बुंदेलखंड के किसानों के लिए एक कार्य योजना तैयार करने की बात कही है। इस क्रम में कृषि आधारित एवं उद्यान से संबंधित उत्पादों को समुचित मूल्य दिलाने के लिए बाजार उपलब्ध कराने तथा किसानों की समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की गयी।
बैठक में उपस्थित डिप्टी डायरेक्टर उद्यान ने बताया कि बुंदेलखंड की मिट्टी और यहां का मौसम उद्यान फसलों के लिए उपयुक्त है यहां बेर के उत्पादन बेहतर तरीके से किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त नींबू प्रजाति की फसलों जैसे मौसमी ,किन्नू और संतरा आदि के उत्पादन के लिए अच्छा अवसर है । इस क्षेत्र में उन्होंने खजूर, ककोड़ा , औषधीय पौधों के साथ साथ मधुमक्खी पालन आदि की संभावनाओं के बारे में विस्तार से बताया ।
बैठक में तीनों जनपदों के लगभग 15 किसानों ने अपनी बातें रखीं। जालौन के किसान लक्ष्मी नारायण ने बताया कि वह जैविक खेती तो करते ही हैं साथ ही फसलों के पास वैदिक मंत्रोच्चार भी करते हैं और इसका बहुत सकारात्मक असर उनकी फसलों पर दिखायी देता है। बृजेश त्रिपाठी ने बताया कि वह पपीता और केला की खेती से अच्छी कमाई कर रहे हैं। नारायण दास ललितपुर ने बताया कि फूलों की खेती से वर्ष भर में 34 लाख रुपए अर्जित कर लेते हैं । राजेश ने बताया कि ललितपुर की गौशाला से कंपोस्ट प्राप्त कर जैविक खेती को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं । तोड़ी फतेहपुर झांसी के पुष्पेंद्र यादव ने बताया कि वह औषधि पौधों की खेती का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने तुलसी और अश्वगंधा की खेती के लिए 10 किसानों का क्लस्टर बनाया है जिसके माध्यम से 1 एकड़ में 60 से 70 हजार की आय किसानों को हो रही है
बैठक में कृषि वैज्ञानिकों, कृषि सेवा से जुड़े हुए वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इन किसानों की बातों को सुना। संयुक्त निदेशक कृषि ने बताया कि जालौन में अगले माह मटर महोत्सव का आयोजन होने जा रहा है। इसी प्रकार बरुआसागर की प्रसिद्ध हल्दीव अदरक की ब्रांडिंग कराने की बात कही गई । ललितपुर के किसानों ने बताया कि वहां कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था नहीं है इस पर सुझाव दिया गया कि निजी क्षेत्र के किसी इच्छुक उद्यमी से संपर्क कर उन्हें अनुदान दिलाकर इकाई स्थापित कराई जा सकती है।
बैठक में किसानों की प्रमुख समस्या के रूप में बाजार का अभाव, प्रोसेसिंग यूनिटों और भंडारगृहों की कमी की बात सामने आयी , जिस पर कहा गया कि इन समस्याओं और समय समय पर आने वाली दूसरी समस्याओं के समाधान के लिए अब इस तरह की बैठकों का लगातार आयोजन किया जायेगा। आगामी बैठकों में किसान ही पूरी जिम्मेदारी संभालेंगे प्रशासनिक अधिकारी मात्र उनकों सहयोग करने के लिए उपस्थित होंगे और उनकी समस्याओं के समाधान का हर संभव प्रयास करेंगे।
बैठक में कृषि वैज्ञानिक पीके सोनी ,कृषि विकास केंद्र बरारी की वैज्ञानिक झा, उपनिदेशक कृषि उपनिदेशक उद्यान, तीनों जनपदों के जिला कृषि अधिकारी उपस्थित रहे ।
वार्ता