मऊरानीपुर विधानसभा सीट पर हर पार्टी को मिली जीत
झांसी। उत्तर प्रदेश के झांसी जिले की मऊरानीपुर विधानसभा सीट पर अभी तक हुए चुनावों में लगभग हर पार्टी के उम्मीदवारों ने सफलता हासिल की है। इस सुरक्षित सीट पर सर्वाधिक लंबे समय तक कांग्रेस का दबदबा रहा हालांकि कभी कांग्रेस का गढ़ रही इस सीट पर फिलहाल भगवा परचम लहरा रहा है।
मऊरानीपुर को उत्तर प्रदेश की सबसे बढ़ी तहसील होने का गौरव भी हासिल है। इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी आठ, कांग्रेस पांच और समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी एक एक बार अपना खाता खोल चुकी हैं। बुंदेलखंड की इस सुरक्षित सीट पर 1996 से 2012 तक हुए विधानसभा चुनाव में यूं तो कांग्रेस, भाजपा, बसपा और सपा सभी को यहां से जीतने का अवसर मिला लेकिन सर्वाधिक लंबे समय तक कांग्रेस ने यहां सफलता हासिल की।
कभी कांग्रेस का गढ़ कही जाने वाली चर्चित व कद्दावर नेता बैनीबाई लगातार चार बार कांग्रेस से चुनाव जीता हालांकि उनकी जीत का तिलिस्म जनसंघ के उम्मीदवार प्रेम नारायण ने तोड़ा था। पिछले विधानसभा चुनाव में मोदी की सुनामी में बुंदेलखंड की सभी 19 विधानसभा ही बह गई थी। स्वतंत्रता आंदोलन में झांसी जिले को सबसे ज्यादा स्वतंत्रता सेनानी भी मऊरानीपुर क्षेत्र ने ही दिए हैं।
इस सीट से 1957, 1962, 1967 और 1979 में कांग्रेस की बेनीबाई विधायक निर्वाचित हुईं थी। वह कैबिनेट मंत्री भी बनी थीं। वर्ष 1979 में जनसंघ के प्रेम नारायण ने बेनीबाई के इस विजयी अभियान को रोक दिया और करीबी अंतर से हरा दिया था। उसके बाद कांग्रेस ने फिर वापसी की और 1980 और 1985 में कांग्रेस के भागीरथ चौधरी ने विजय पाई। लेकिन 1989 और 1991 में भारतीय जनता पार्टी के प्रागीलाल उनको हराते हुए दोनों बार विधायक चुने गए। इसके बाद कांग्रेस ने 1993 और 1996 में बिहारी लाल के रूप में फिरसे वापसी कर दी लेकिन 2002 में बीजेपी के प्रागीलाल ने उन्हें शिकस्त दे दी। वहीं 2007 में क्षेत्रीय दल बहुजन समाज पार्टी की लहर में बसपा के भगवती सागर ने जीत हासिल की और मंत्री बनाए गए। 2012 में सपा ने अपना परचम लहराया और डॉक्टर रश्मि आर्य विधायक निर्वाचित हुई। इसके बाद 2017 में तो मोदी की सुनामी में सारे किले ढह गए जिसमें मऊरानीपुर भी शामिल रहा। इस बार यह सीट भाजपा गठबंधन के खाते में अपना दल को दी गई है।
इस विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई और पेयजल की समस्या प्रमुख है। मऊरानीपुर को जिला बनाने की मांग भी यहां के लोग करते रहे हैं। मऊरानीपुर विधानसभा सीट से साल 2017 में बीजेपी ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए बिहारी लाल आर्य को टिकट दिया था। भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे बिहारी लाल आर्य विजयी रहे। बीजेपी के बिहारी लाल ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंदी सपा की डॉक्टर रश्मि आर्य को 16971 वोट के अंतर से हरा दिया था।
वर्ष 2022 के चुनाव के लिए भाजपा गठबंधन के सहयोगी अपना दल द्वारा इस सीट की मांग किये जाने से पार्टी पसोपेश में फंसी नजर आ रही है और यही कारण है कि अभी तक इस सीट पर भाजपा अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं कर पायी है वहीं दूसरी ओर बसपा,सपा और कांग्रेस अपने उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। अब यह देखना होगा कि जनता जीत का सेहरा किसे पहनाती है।