हर ग्राम पंचायत का होगा अपना बैंक
लखनऊ। राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश की ग्राम पंचायतों के लिए 58000 बैंकिंग कॉरेस्पाॅडेंट सखियों का चयन पूर्ण कर लिया है। बैंकिंग कॉरेस्पाॅडेंट के पद के लिए कुल 2,16,628 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, जिसमें से 58000 अभ्यर्थियों को अंतिम रूप से चयनित कर लिया गया है। यह जानकारी प्रदेश के ग्राम विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने आज यहां दी।
अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार ने गत मई 2020 में यूपी की प्रत्येक ग्राम पंचायतों के लिए बैंकिंग कॉरेस्पाॅडेंट सखी को शामिल करने की घोषणा की थी, इससे केवल बीसी सखियों का वित्तीय सशक्तिकरण ही नहीं हुआ, बल्कि ग्राम पंचायत आधारित यह बीसी सखियां ग्राम स्तर पर गरीबों के घर में सभी बैंकिंग सेवाओं के लिए एक स्टॉप समाधान भी प्रदान करेंगी। उन्होंने बताया कि हर ग्राम पंचायत का अपना बैंक होगा।
अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि बीसी सखी के पद के लिए कुल 2,16,628 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, जिसमें से 58000 अभ्यर्थियों को अंतिम रूप से चयनित किया गया है। उन्होंने बताया कि चयन प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और उनके द्वारा वीडियो लिंक पर राज्य के विभिन्न जिलों के 10 उम्मीदवारों से बात भी की है। उन्होंने बताया कि इनमें मीना मौर्य गोंडा, शिशिला, देवरिया, अनीता, सहारनपुर, अंजू, मुजफ्फरनगर, गंगादेवी, फतेहपुर ज्योति, फतेहपुर, शीला शर्मा, अलीगढ़, सोनिया, सहारनपुर, सोबना, सहारनपुर और रौशन जहान, फतेहपुर शामिल हैं।
अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि चयनित 58000 बीसी सखी का प्रशिक्षण शीघ्र ही प्रारम्भ होने वाला है। यह रूरल सेल्फ एम्प्लाॅयमेंट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के साथ साझेदारी में 6 दिवसीय प्रशिक्षण होगा, जिसके बाद उम्मीदवार भारतीय बैंकिंग और वित्त समावेश, डिजिटल साक्षरता और राज्य की महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए एक मील का पत्थर होगा।
अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान रायबरेली को सखियों के लिए ड्रेस डिजाइन करने के लिए जोड़ा गया है और जल्द ही इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। यह पूरे कार्यक्रम की ब्रांडिंग में मदद करेगा।