गन्ना किसानों को अधिक लाभ प्रदान करने के लिये नये कृषि यंत्र के प्रयोग पर बल
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एंव चीनी संजय आर. भूसरेड्डी द्वारा प्रदेश के गन्ना किसानों को गन्ना बुवाई के दौरान आने वाली पर्यावरणीय एंव तकनीकी समस्याओं के निराकरण के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना वर्ष 2020-21 की परियोजनाओं के अन्तर्गत गन्ने की खेती मे अच्छी उपज प्राप्त करने के लिये भारत सरकार द्वारा दिये गये अभिमत पर समस्त गन्ना परिक्षेत्रों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं।
इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुये उत्तर प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एंव चीनी संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि प्रदेश में गेहूँ की फसल कटाई के बाद गन्ने की बुवाई मई के महीने में भी जारी रहती है। इस समय उच्च तापमान के कारण अंकुरण में बाधा उत्पन्न होने से गन्ने की उपज अत्यधिक कम प्राप्त होती है, जिसके दृष्टिगत इस अवधि में अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए High Quality Sugar Cane Foundation Seed and Primary seed Production and distribution Programme (उन्नतिशील बीज उत्पादन कार्यक्रम) के अन्तर्गत सिंगल बड चिप नर्सरी की स्थापना एक अच्छा विकल्प है। इसलिए सिंगल बड चिप से नर्सरी की स्थापना को इस कार्यक्रम में शामिल करने के निर्देश समस्त गन्ना परिक्षेत्रों को दिये गये हैं।
उत्तर प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एंव चीनी संजय आर. भूसरेड्डी यह भी बताया कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत आने वाली दूसरी परियोजना Enhancing Sugar Cane Production in U.P. (गन्ना उत्पादकता वृद्धि कार्यक्रम) के अन्तर्गत 06 प्रकार की तकनीकी से प्रदर्शनों की स्थापना कराने तथा इन प्रदर्शनों की स्थापना के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अन्तर्गत प्रदर्शन हेतु देय अनुदान के समान ही रु. 9000 प्रति हेक्टेयर कृषकों को अनुदान का वितरण भी किये जाने के निर्देश भी जारी किये गये हैं।
यंत्र वितरण के संबंध में जानकारी देते हुये गन्ना आयुक्त ने अवगत कराया है कि अधिकतर गन्ना कृषकों के पास परम्परागत कल्टीवेटर यंत्र उपलब्ध है जिसके स्थान पर कृषकों को रैटून मैनेजमेन्ट डिवाईस (आर.एम.डी.) तथा मोल्ड बोल्ड प्लाऊ के स्थान पर डिस्क प्लाऊ उपलब्ध कराये जायेंगे। नये कृषि यंत्र जैसे-शुगरकेन कटर प्लान्टर, पावर टिलर/वीडर, मल्चर, शुगरकेन ट्रैश कटर आदि को इस कार्यक्रम की कार्ययोजना में सम्मिलित किया जायेगा जिससे प्रदेश के गन्ना कृषकों को अच्छी उपज प्राप्त हो तथा अधिक आर्थिक लाभ प्राप्त हो सके।