बिजली कर्मियों को प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन लगे: दुबे
लखनऊ। ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (एआईपीईएफ) के अध्यक्ष शैलेन्द्र दुबे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की है कि बिजली कर्मियों को अग्रिम पंक्ति के कर्मी माना जाए और उन्हे प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन लगायी जाये।
शैलेन्द्र दुबे ने शनिवार को कहा कि कोविड-19 से विद्युत क्षेत्र के करीब 15,000 से ज्यादा कर्मचारी संक्रमित हो चुके हैं और करीब 1,000 से ज्यादा कर्मचारियों व् अभियंताओं की मौत हुई है। उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में सबसे अधिक बिजली कर्मियों ने कोविड के चलते जान गंवाई है | महाराष्ट्र में विद्युत क्षेत्र के कुल 7,100 कर्मचारियों को कोविड-19 का संक्रमण हुआ है और करीब 210 की मौत हुई है। वहीं उत्तर प्रदेश में यह संख्या क्रमश: 4,000 और 140 है। उत्तर प्रदेश में 02 मुख्य अभियंता, 09 अधीक्षण अभियंता और सैकड़ों बिजली कर्मी कोरोना से कालकवलित हो चुके हैं |
उन्होंने बताया कि मृतकों की सूची में कम से कम तीन मुख्य अभियंता (उत्तर प्रदेश के दो एवं हरियाणा के एक) और उत्तर प्रदेश के नौ अधीक्षण अभियंताओं सहित दो दर्जन से ज्यादा अधीक्षण अभियंता शामिल हैं। तमिलनाडु में 100 से अधिक और मध्य प्रदेश में 110 व् हरियाणा में 20 कर्मचारियों की मौत हुई है| पंजाब में यह संख्या क्रमश: 20 और 700 है।
एआईपीईएफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय विद्युत मंत्री आर के सिंह को पत्र लिखकर सभी राज्यों को यह निर्देश देने का अनुरोध किया है कि वे प्राथमिकता के आधार पर विद्युत कर्मचारियों के लिए टीकाकरण शिविर लगाएं और उन्हें अग्रिम पंक्ति के कर्मी माना जाए।
केंद्रीय विद्युत मंत्रालय के निर्देशानुसार एनटीपीसी और पावर ग्रिड जैसे विद्युत क्षेत्र के सार्वजनिक उद्यम पहले ही अपने कर्मचारियों एवं उनके परिवारों के लिए विशेष टीकाकरण शिविर शुरू कर चुके हैं। फेडरेशन ने कोविड-19 से मरने वाले हर कर्मचारी के परिवार के लिए 50 लाख रुपए की मुआवजा राशि देने की तथा कैशलेस इलाज की भी मांग की है।
वार्ता