प्रभावी पुलिसिंग करते सुनिश्चित किया जाए कि अवैध आवागमन न हो : मुख्यमंत्री
नई दिल्ली । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लाॅकडाउन के सम्बन्ध में भारत सरकार द्वारा जारी एडवायजरी का अध्ययन करके उसके अनुरूप समस्त आर्थिक गतिविधियां संचालित कराये जाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि यहाँ लाॅकडाउन अवधि में भी सम्भावनाओं को तलाशना आवश्यक है। उन्होंने कहा है कि संक्रमण से सुरक्षा के सभी उपाय अपनाते हुए औद्योगिक गतिविधियों को संचालित कराया जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में लाॅकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि चीनी मिलों के संचालन में संक्रमण का एक भी प्रकरण सामने नहीं आया। इसी प्रकार ईंट-भट्ठा उद्योग भी अच्छी प्रकार चला है। इसी तर्ज पर सभी उद्योगों को चलाया जाए। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन के बाद प्रदेश में निवेश को एक नया आयाम देने के लिए एक वृहद कार्य योजना तैयार की जाए। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सम्बन्धित राज्य सरकारों को यह अवगत करा दिया जाए कि वे प्रवासी कामगारों/श्रमिकों की सूची लेकर तथा उनका स्वास्थ्य परीक्षण कराते हुए उनकी सकुशल वापसी की प्रक्रिया प्रारम्भ करें। उन्होंने निर्देश दिये कि वापस आये सभी श्रमिकों का अनिवार्य रूप से स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए। सभी जनपदों में इन्फ्रा-रेड थर्मामीटर उपलब्ध कराए जाएं, ताकि प्रवासी श्रमिकों की सुगमता से जांच की जा सके। प्रवासी श्रमिकों व कामगारों की स्क्रीनिंग करते हुए स्वस्थ लोगों को 14 दिन के होम क्वारंटीन के लिए घर भेजा जाए तथा जो स्वस्थ न मिले, ऐसे श्रमिकों के उपचार की व्यवस्था की जाए। उन्होंने प्रवासी कामगारों एवं श्रमिकों के क्वारंटीन प्रोटोकाॅल को सुनिश्चित कराने के लिए प्रत्येक जनपद में एक प्रभारी अधिकारी नामित किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्रभावी पुलिसिंग करते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी दशा में अवैध अन्तर्राज्यीय एवं अन्तर्जनपदीय आवागमन न होने पाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश वापस आने वाले समस्त प्रवासी श्रमिकों एवं कामगारों के नाम, पते, मोबाइल नम्बर एवं कार्य दक्षता युक्त विवरण अवश्य संकलित किया जाए। इससे ऐसे श्रमिकों व कामगारों को रोजगार के अवसर सुलभ कराने में सुविधा होगी। उन्होंने 15-20 लाख लोगों को रोजगार के अवसर देने के लिए एक कार्य योजना तत्काल तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के आपदा काल में भी प्रदेश सरकार ने समय से 16 लाख राज्य कर्मचारियों को वेतन तथा 12 लाख रिटायर्ड कर्मियों को पेंशन दे दी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग में निर्णायक विजय प्राप्त करने के लिए संक्रमण की प्रत्येक चेन को तोड़ना आवश्यक है। प्रत्येक जनपद में कोविड तथा नाॅन-कोविड अस्पताल चिन्हित किये जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि कोरोना के मरीज का उपचार केवल कोविड अस्पताल में ही किया जाए। अन्य रोगों के उपचार की व्यवस्था नाॅन-कोविड अस्पताल में की जाए। उन्होंने कहा कि अस्पतालों की इमरजेन्सी में मरीज की स्क्रीनिंग की जाए। कोरोना के लक्षण वाले रोगियों को कोविड अस्पताल में उपचारित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों अथवा छोटे बच्चों के कोरोना संक्रमित होने पर उनका उपचार एल-2 या एल-3 कोविड अस्पताल में किया जाए। एल-1, एल-2 तथा एल-3 कोविड चिकित्सालयों में बेड की संख्या में वृद्धि के लिए तेजी से कार्य किया जाए। सभी मण्डलों में एल-3 अस्पताल स्थापित किये जाएं। डाॅक्टरों व पैरामैडिक्स की प्रशिक्षण व्यवस्था को जारी रखा जाए। निजी चिकित्सकों तथा आयुष के चिकित्सकों को प्रशिक्षित किया जाए, ताकि कोविड अस्पतालांे में इनकी सेवाएं आवश्यकतानुसार प्राप्त की जा सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सावधानी एवं सतर्कता से ही कोरोना संक्रमण से बचा जा सकता है। मेडिकल संक्रमण को रोकने के लिए अस्पतालों में पी0पी0ई0 किट, एन-95 मास्क, ग्लव्स तथा सेनेटाइजर सहित सुरक्षा के सभी आवश्यक मानक अपनाये जाए। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में जनरल ओ0पी0डी0 अभी संचालित न की जाए। इससे मेडिकल इन्फेक्शन को रोकने में मदद मिलेगी। सभी जनपदों में टेलीफोन पर मरीज को परामर्श प्रदान करने वाले विशेषज्ञ डाॅक्टरों की सूची समाचार पत्रों में प्रकाशित करायी जाए। मुख्यमंत्री ने क्वारंटीन सेन्टर, आश्रय स्थल, कम्युनिटी किचन तथा डोर स्टेप डिलीवरी व्यवस्था की नवीनतम स्थिति की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने निर्देश दिये कि डोर स्टेप डिलीवरी को और बेहतर बनाया जाए। क्वारंटीन सेन्टर की संख्या में वृद्धि की जाए। इनमें सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन कराया जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि क्वारंटीन सेन्टर तथा आश्रय स्थल में साफ-सफाई तथा सुरक्षा व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त रहे। उन्होंने कम्युनिटी किचन में भी साफ-सफाई के सभी मानकों का पालन करते हुए भोजन तैयार कराने के निर्देश दिये। ऐसी व्यवस्था बनायी जाए कि प्रत्येक क्वारंटीन सेन्टर में राजस्व विभाग का एक कर्मी सदैव उपलब्ध रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मण्डियों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए भीड़ एकत्र न होने दी जाए। इनमें व्यवस्था बनाये रखने के लिए पी0आर0डी0 के जवानों की सेवाएं ली जाएं। मण्डियों में नियमित तौर पर सेनेटाइजेशन कराया जाए। प्रधानमंत्री आवास योजना तथा मुख्यमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत निर्माण कार्य संचालित किये जाए। इसके माध्यम से मनरेगा श्रमिकों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने महिला स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों को मास्क बनाने तथा आचार, मुरब्बा, पापड़ आदि तैयार करने के कार्य से जोड़ने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि निराश्रित व्यक्ति की मृत्यु होने पर शासन द्वारा अनुमन्य राशि से दिवंगत का अन्तिम संस्कार कराया जाए।
इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, स्वास्थ्य राज्यमंत्री श्री अतुल गर्ग, मुख्य सचिव आर0के0 तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल, पुलिस महानिदेशक हितेश सी0 अवस्थी, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डाॅ0 रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल एवं संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव एम0एस0एम0ई0 नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव खाद एवं रसद निवेदिता शुक्ला वर्मा, प्रमुख सचिव कृषि डाॅ0 देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव पशुपालन भुवनेश कुमार, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार, सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।