खुदाई के दौरान जंगल में मिले दक्षिण मुखी हनुमान किसी से नहीं हिल सके

खुदाई के दौरान जंगल में मिले दक्षिण मुखी हनुमान किसी से नहीं हिल सके

चंदौली। जंगल में खुदाई के दौरान जब दक्षिण मुखी हनुमान जी की प्रतिमा मिली तो लोगों ने उसे उठाकर दूसरी जगह ले जाने का प्रयास किया। थकान की वजह से जमीन पर रखी गई हनुमान जी की प्रतिमा जब दोबारा से उठाने की कोशिश की गई तो वह तिल भर भी नहीं उठ सकी। थक हारकर लोगों ने वहीं पर दक्षिण मुखी हनुमान जी को स्थापित कर मंदिर बना दिया। अब कार्तिक माह में गुरु पूर्णिमा के दिन यहां पर श्रद्धालुओं का भारी जमावड़ा लगता है। दूरदराज के इलाके से आए लोग मन्नते मांगते हैं और मुंडन संस्कार आदि भी कराते हैं।

दरअसल लगभग 45 वर्ष पहले कुछ लोग एक पेड़ के नीचे किसी काम के सिलसिले में खुदाई कर रहे थे। इसी दौरान दक्षिण मुखी हनुमान जी की मूर्ति खुदाई के दौरान निकल आई। प्रतिमा को बाद में ले जाने के इरादे से लोगों ने उसे उत्तर दिशा में चुवाड के पास रख दिया। खुदाई का काम खत्म हो जाने के बाद जब ग्रामीण दक्षिण मुखी हनुमान जी की प्रतिमा को वहां से उठाकर ले जाने लगे तो तकरीबन 1 किलोमीटर दूर बाद जाकर ही वह बुरी तरह से थककर चूर हो गए। जिसके चलते उन्होंने दक्षिण मुखी हनुमान जी की प्रतिमा को वहीं पर जमीन पर रख दिया। दोबारा से तरोताजा होकर जब लोगों ने हनुमान जी की मूर्ति को वहां से उठाकर गांव में ले जाने का प्रयास किया तो तमाम प्रयत्न विफल हो गए।

मतलब वहां से दक्षिण मुखी हनुमान जी की प्रतिमा 1 इंच भी आगे नहीं खिसक सकी। तमाम प्रयास फेल होने के बाद श्रद्धालुओं ने उक्त दक्षिण मुखी हनुमान जी की मूर्ति वहीं पर स्थापित कर दी और मंदिर निर्माण करा दिया। मंदिर पर धीरे-धीरे लोग दर्शन पूजन के लिए जाने लगे। मंदिर तक पहुंचने का रास्ता कच्चा होने की वजह से श्रद्धालुओं को सुविधा की दृष्टि से रास्ते का पक्का निर्माण भी करा दिया गया। अब मंदिर पर लाखों श्रद्धालु दर्शन पूजन के लिए जाते हैं। घनघोर जंगलों के बीच में बसे कोईलारवा दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर की बहुत विशेषताएं हैं।

बताया जाता है कि जब से मंदिर का बनना शुरू हुआ है तब से लेकर अभी तक इस पर निर्माण का काम चल रहा है। मंदिर को भव्य रूप प्रदान किया गया है। जिला पंचायत की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा की दृष्टि से तीन शेड लगवाया गया है और मंदिर का सुंदरीकरण भी कराया गया है। वर्तमान समय में भी श्री मंदिर पर निर्माण चल रहा है।

ग्राम प्रधान यशवंत सिंह के मुताबिक मंदिर पर सबसे ज्यादा भीड़ कार्तिक मास में गुरु पूर्णिमा के दिन जुड़ती है। कार्तिक पूर्णिमा पर तकरीबन 1 सप्ताह में लाखों की भीड़ मंदिर पर दर्शन पूजन के लिये पहुंच जाती है।

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