डरी और सहमी दो बहने- पुलिस ने धमकाया- नहीं माना हुआ रेप

डरी और सहमी दो बहने- पुलिस ने धमकाया- नहीं माना हुआ रेप

बारां। राजस्थान में बारां में दो नाबालिग बहनों से दुष्कर्म करने की बहुचर्चित घटना को पुलिस ने दुष्कर्म न मानकर छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया है।

इन नाबालिगों बहनों को सुंदलक रेेल्वेे स्टेशन केे समीप एवं कोटा, जयपुर, अजमेेर जैसी जगह पर ले जाकर दुष्कर्म किए जाने केे मामले में पीड़िताओं नेे परिजनोेें के साथ शुक्रवार को मीडिया के सामने आकर आपबीती सुनाते हुए न्याय की गुहार लगाई।

परिजनोेें ने बताया कि घटना केे बाद सेे बालिकाएं डरी, सहमी हुई थीं। पुलिस नेे भी बच्चियोें एवं परिवार पर दबाव बनाया हुआ था। जिसकेे कारण पाचवीं, आठवीं मेें पढ़नेे वाली दोनोें बहनेंं 164 केे तहत पुुलिस को दिये बयान मेें डर के कारण सही घटनाक्रम पेश नहीं कर पाईं। इस पर पुलिस से 164 केे बयानोें कोे दुबारा लेेनेे की गुहार लगाई तो पुलिस ने उनके अनुरोध को दरकिनार करते हुए मामले को ठंडा करकेे दबानेे की कोेशिश की है।

दोनों बहनों ने मीडिया के सामने आकर उनसे दुष्कर्म करने की बात कही। उन्होंने बताया कि पहली घटना बारां के समीप सुंदलक रेेल्वेे स्टेेशन परिसर की कुछ दूरी पर उनसे दुष्कर्म किया गया। जब वे पुलिस को बयान देने गयीं तो उससे पहले ही डूयूटी पर तैैनात महिला पुलिस कर्मी समेेत थानेे की पुलिस नेे 164 के बयान में उनके मुताबिक ही बयाने देने को कहते हुए धमकी दी कि ऐसा नहीं बोेलने पर उन्हें जेल जाना पड़ेगा।

मीडिया केे सामनेे पीड़िताओं द्वारा दिए गए बयानोें के बाद इस मामले के फिर से उभरने की संभावना है। पीड़िता के माता पिता ने भी 164 के बयान दुबारा करवाने की मांग करते हुए पुलिस पर भी आरोप लगाये हैं। पीड़िता के पिता ने बताया कि यह मामला मीडिया में उछलने के बाद पुलिस के अधिकारियों ने उन्हें न्याय दिलाने का वायदा किया था। साथ ही मीडिया के सामने नही आने के लिये भी दबाव बनाया था।

पीड़िता के पिता ने बताया कि बच्चियों ने जो 164 केे बयान दिए हैं वह पुलिस के दबाव में दिए हैं। पुुलिस ने बच्चियाें को धमकी दी कि उन्हें लड़काें के पक्ष में बयान देेते हुए कहना है कि हमारे साथ कुछ नहीं हुुआ। हम अपनी मर्जी सेे उनके साथ गए थे। वरना तुम्हारे माता .पिता कोे जेेल भेेज देेंगे। हमारी बच्चियां नासमझ औेर डरी हुई होने से उन्होंने ऐसा बयान दिया। हमारे घर दिन रात पुलिस तैैनात रही। हमेें पुुलिस नेे डराया-धमकाया और मीडिया से नहीं मिलनेे दिया गया। उन्होंने बताया कि पुलिस ने महज छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया, जबकि दुष्कर्म हुआ है। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि आरोपियों को उनकेे किए की सजा मिले औैर हमेें इंसाफ मिले।

उल्लखनीय है कि 18 से 21 सितम्बर तक सोनू, सूूरज उक्त नाबालिगाओं को अपने साथ ले गये जिन्हें 21 सितंबर को पुलिस ने बच्चियों समेत दोनों लड़कों को कोटा से बरामद किया। इस मामले की गूंज देशभर में सुनाई दी

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