सरकार की वापसी से फिरा अरमानों पर पानी-काम बदलने को मजबूर हुए कबाड़ी
मेरठ। उत्तर प्रदेश में 18 वीं विधानसभा के गठन के लिए हुए चुनाव की मतगणना में भाजपा की दोबारा वापसी से सोतीगंज के कबाडियों के अरमानों पर पूरी तरह से पानी फिर गया है। सरकार बदलने की आस में अभी नए काम से किनारा किए बैठे कबाडियों ने अब काम बदलकर नए कारोबार में पैर जमाने शुरू कर दिये है, जिससे कुछ दिनों पहले तक सड़क किनारे बाजार में दिखाई देने वाले कबाड़ के अंबार के स्थान पर नए साफ-सुथरे कारोबार दिखाई देने लगे हैं।
दरअसल उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चोरी एवं लूट के वाहनों को काटकर ठिकाने लगाने वाले कमेले के रूप में विख्यात मेरठ के सोती गंज बाजार में एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने अपना शिकंजा कसते हुए चोरी एवं लूट के वाहनों को काटकर ठिकाने लगाते हुए रातों-रात रंक से राजा बने कबाडियों के ऊपर चुनाव से काफी पहले ही अपना शिकंजा कस दिया था। जिसके चलते कराई गई जांच में अकूत धन संपत्ति इकट्ठी करने वाले कबाडियों के ऊपर प्रशासन की ओर से कड़ी कार्यवाही की गई। परिणाम यह रहा कि चारों तरफ कटे हुए वाहनों के टीन, टप्पर और इंजन आदि दिखाई देने वाले सोती गंज बाजार में अब इन सब चीजों का अभाव उत्पन्न हो गया और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में वाहनों की चोरी एवं लूट की घटनाएं भी कम होने लगी। प्रशासन की सख्ती को देखते हुए कुछ लोगों ने तो अपना कारोबार बदलकर अन्य काम धंधा शुरू कर दिया था। लेकिन कबाड़ के काम में गहरे तक उतरकर अकूत धन-दौलत इकट्ठी कर चुके कुछ कबाडियों ने सरकार बदलने की आशा में कबाड़ के कारोबार से किनारा नहीं किया था।
10 मार्च को हुई मतगणना में जब भाजपा की दोबारा से प्रदेश में वापसी हुई तो अभी तक अपना कारोबार नहीं बदलने वाले कबाडियों को दिखाई दिया कि अभी सरकार बदलने का 5 साल और इंतजार करना होगा। 5 साल कम नहीं होते, यही सोचकर अब कबाडियों ने अपना कारोबार बदलना शुरू कर दिया है। कुछ दुकानों में कबाड़ी कुर्सी डालकर बैठे हुए नए कारोबार की प्लानिंग करते नजर आ रहे हैं। सोतीगंज की दुकानों में चल रही तैयारियों को देखने से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगले 15 दिनों के भीतर ज्यादातर कबाड़ी यहां दूसरा कारोबार शुरू कर देंगे।