डूडा पीओ सन्दीप कुमार ने गरीबों के सपनो को लगाये पंख, यूपी में मिला चौथा स्थान

मुजफ्फरनगर। अपना पक्का आशियाना होना हर गरीब आंखों का सपना रहता है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आवास योजना का शुभारम्भ करते हुए गरीबों को उनके सिर पर पक्की छत देने का रास्ता खोला, लेकिन पूर्व में जनपद में इस महत्वाकांक्षी पीएम आवास योजना (शहरी) में विभागीय अफसरों की हीला-हवाली के कारण अन्य स्तरों पर भी लापरवाही हुई और गरीबों को उस स्तर पर लाभान्वित नहीं किया जा सकता, जोकि इस योजना का असली मकसद था। लेकिन आज इस योजना के सहारे गरीबों की उम्मीदों को पंख लगे हुए नजर आते हैं। इस योजना का क्रियान्वयन करने वाले जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) के परियोजना अधिकारी सन्दीप कुमार के ईमानदार प्रयासों ने योजना को न केवल रफ्तार दी बल्कि पारदर्शी भी बनाया और आज इस योजना के सहारे उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर जनपद का नाम भी 'शाइन' कर रहा है। यूपी में इस जिले को चौथा स्थान मिला है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अन्तर्गत जनपद में गरीबों को अपना पक्का मकान देने के लिए ढाई लाख रुपये की सहायता तीन किश्तों में प्रदान की जा रही है। इस योजना में गरीबों को पक्का मकान मिल रहा है। पूर्व में योजना में अनेक खामियां सामने आती रही और विकास भवन में डूडा कार्यालय में जमकर हंगामा होता था, लेकिन सूरते हाल बदली हैं। इस योजना के लिए जनपद में पारदर्शी व्यवस्था लागू कराने के लिए जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) के परियोजना अधिकारी संदीप कुमार ने अभूतपूर्व कार्य करके दिखाया है। इस योजना में उनके चार्ज संभालने से पूर्व तक विकास भवन स्थित डूडा कार्यालय पर परेशान पात्रों की लाइन लगी रहती थी। सबसे पहले उन्होंने कार्यालय को पारदर्शी बनाने के लिए कैबिन व्यवस्था को खत्म किया और खुले कैबिन बनाने के साथ ही वहां पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम किया। इससे कार्य के प्रति विभागीय कर्मचारियों की जवाबदेही भी पुख्ता हुई और आये दिन उन पर लगने वाले आरोपों को लेकर भी एक दबाव बन सका। इसके साथ ही डूडा पीओ संदीप कुमार ने योजना को पारदर्शी बनाने के लिए इसमें चल रही लूट खसोट को बन्द कराने के लिए निगरानी को बढ़ाया और फर्जी सर्वेयर को पकड़कर जेल भिजवाने का काम किया। उन्होंने योजना के लिए खुद को समर्पित किया और निष्पक्षता से पात्रों का चयन करने के साथ ही उनके खातों तक पैसा पहुंचाने की व्यवस्था को पारदर्शी बनाया। डूडा पीओ सन्दीप कुमार ने यह प्रतिबद्धता सुनिश्चित करने का काम किया है कि यदि व्यक्ति पात्र है तो उसको शत प्रतिशत लाभ सुनिश्चित किया जाये। यही कारण है कि इस योजना में जनपद में काम ने रफ्तार पकड़ी और पारदर्शी व्यवस्था लागू हो पायी। इसी के चलते आज मुजफ्फरनगर को प्रदेश में इस योजना के क्रियान्वयन के लिए चौथा स्थान प्राप्त हो पाया है। गुरूवार को डूडा पीओ सन्दीप कुमार ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर डीएम सेल्वा कुमारी जे. से उनके कार्यालय में मुलाकात की। इस उपलब्धि के लिए डीएम ने डूडा पीओ की कार्यप्रणाली की सराहना करते हुए कहा कि इसमें हमें और भी बेहतर करना है। उन्होंने डूडा पीओ को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया। इस अवसर पर डूडा विभाग के पीडी एडीएम प्रशासन अमित सिंह भी मौजूद रहे। डूडा पीओ सन्दीप कुमार ने बताया कि जनपद में पीएम आवास योजना (शहरी) के अन्तर्गत पात्रों को सबसे ज्यादा भुगतान करने की श्रेणी में राज्य स्तर पर यह चौथा स्थान दिया गया है। इतना ही नहीं इस पूरी योजना में कामकाज के आधार पर मुजफ्फरनगर जनपद उत्तर प्रदेश में टाॅप टेन में शामिल हुआ है। उन्होंने बताया कि जनपद में हम इस योजना में चुने गये 10389 पात्रों को प्रथम किश्त के लिए भुगतान करा दिया गया है, जबकि 9037 से ज्यादा लोगों को दूसरी किश्त का भुगतान भी हो चुका है, यानि उनका मकान बनकर तैयार हो गया है। योजना में तीसरी और अंतिम किश्त के रूप में अभी तक 3817 लोगों को भुगतान उनके खातों में पहुंचा दिया गया है। इसके साथ ही मार्च के अंत तक इस वित्तीय वर्ष में जनपद में 9854 पात्रों को योजना में शत प्रतिशत भुगतान कराने का लक्ष्य तय किया गया है। उन्होंने बताय कि इस योजना में प्रथम किश्त के रूप में 50 हजार, दूसरी किश्त में 1.50 लाख और अंतिम किश्त में 50 हजार रुपये का भुगतान सीधे पात्र के बैंक खाते में किया जाता है। उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि के लिए डीएम सेल्वा कुमारी जे. और पीडी डूडा एडीएम प्रशासन अमित सिंह का प्रोत्साहन ही हमें प्रेरणा दे पाया है। हम उनके आभारी हैं कि उन्होंने मार्गदर्शन देकर इस योजना को पारदर्शी बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है।
लापरवाही पर जब चार सर्वेयर हटाये
पीओ डूडा सन्दीप कुमार ने पिछले दिनों ही इस योजना में कार्य के प्रति लापरवाही बरतने पर चार सर्वेयर की संविदा समाप्त कर कार्य से हटा दिया था। उन्होंने बताया कि इनमें नगर पंचायत पुरकाजी के अन्तर्गत स्पेस कम्बाइन प्रा. लि. कंपनी के सर्वेयर सुमित पाल, अंकित बंसल और नगर पंचायत मीरापुर के अन्तर्गत सर्वेयर विनीत गौतम व मनोज सीमर की संविदा समाप्त करते हुए कंपनी के प्रबंधक को भी पत्र भेजकर कंपनी के कर्मियों के कार्य के प्रति जानकारी दी गयी थी। संदीप कुमार का कहना है कि इन चारों सर्वेयर द्वारा योजना के पात्रों का प्रथम भुगतान दो माह पूर्व हो जाने के बाद भी फाउण्डेशन के लिए जीओ टैगिंग नहीं की गयी है। जबकि शासन ने पूर्ण आवास के लक्ष्यों मार्च 2020 तक प्राप्त करने के आदेश दिये हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में कंपनी की टीम के द्वारा लापरवाही बरतने के कारण भारत सरकार की बेघर परिवारों के लिए चलायी गयी इस महत्वपूर्ण और महत्वाकांक्षी योजना की प्रगति पर अंकुश लग रहा है, लोगों को समय से लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में उक्त सर्वेयर की कार्यप्रणाली भी संदिग्ध होने के कारण इनकी संविदा समाप्त की गयी।