सूखे अधरों को मिला नीर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस साल भीषण गर्मी में राज्य के बुंदेलखंड समेत उन सभी जिलों में जहां पेयजल का संकट है, शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए यथासंभव प्रयास किया था। इसके लिए जल की कमी वाले बुंदेलखंड क्षेत्र में 1560 टैंकर तथा प्रदेश में 4275 टैंकर लगाकर पेयजल आपूर्ति की जा रही थी। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल के लिए लोगों को परेशान न होना पड़े, इसकी लगातार निगरानी के लिए ब्लाॅक, जनपद तथा राज्य स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किये गये थे। पेयजल संबंधी कोई शिकायत कंट्रोल रूम को प्राप्त होने पर उसका तत्काल निस्तारण भी किया जा रहा था। उस समय प्रदेश के जल शक्ति मंत्री डा. महेन्द्र सिंह ने बताया था कि राज्य पेयजल, स्वच्छता मिशन, नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के हर घर को पाइप लाइन से जोड़ने की योजना संचालित की जा रही है। उन्होंने बताया कि पेयजल के संबंध में प्राप्त होने वाली शिकायतों का निस्तारण करने के साथ ही टैंकर के माध्यम से गांव तक पेयजल पहुॅचाया जा रहा है। जल संबंधी शिकायतों को दूर करने के लिए समस्याग्रस्त क्षेत्रों में 3378 अधिकारियों व कर्मचारियों की ड्यूटी लगायी गयी है। जलशक्ति मंत्री ने यह भी बताया था कि शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए लगाये गये टैंकर समस्याग्रस्त गांवों में कई चक्कर लगाकर शुद्ध पीने का पानी पहुचा रहे है। इसके अलावा गांव तथा मजरों में लगभग 13320 प्याऊ की व्यवस्था की गयी है। पशु-पक्षियों के लिए भी बुन्देलखण्ड क्षेत्र में 11020 तथा प्रदेश भर में 23791 चरही का निर्माण कराया गया है। जरूरत के मुताबिक दूसरे क्षेत्रों में भी प्याऊ और चरही की व्यवस्था करायी जा रही है।अब इसका स्थायी समाधान करने के लिए ग्रामीण पेयजल योजना शुरू की गयी है। बुंदेलखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल का विशेष रूप से संकट रहा है । महिलाओं को दूर-दूर से पानी लाना पड़ता है। इसके चलते महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं भी होती रहती हैं। इसलिए प्रदेश में ग्रामीण पेयजल की इस नयी योजना से न सिर्फ लोगों की प्यास बुझेगी बल्कि महिलाओं को बहुत राहत मिलेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेयजल संकट से जूझ रहे सोनभद्र व मिर्जापुर के लोगों को 5,555 करोड़ की 23 ग्रामीण पेयजल परियोजना की सौगात गत 22 नवम्बर को दी है। पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इन 23 ग्रामीण पेयजल परियोजनाओ का शिलान्यास किया। इस खास मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोनभद्र में मौजूद थे। सरकार की इस योजना से सोनभद्र और मिर्जापुर की 41 लाख से ज्यादा आबादी को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा सकेगा। ग्रामीणों को योगी सरकार ने हर घर को नल से जल योजना की सौगात दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली से इस योजना का वर्चुअल शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोनभद्र के चतरा ब्लॉक के करमांव गांव से इस कार्यक्रम में शामिल हुए। ग्रामीणों को संबोधित करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 70 साल में विंध्य क्षेत्र के केवल 398 गांवों में पेयजल आपूर्ति परियोजनाओं को विनियमित किया जा सका। आज हम इस क्षेत्र के 3000 से अधिक गांवों में ऐसी परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए ठोस कार्य कर रहे हैं।
पेयजल संकट से जूझ रहे बुंदेलखंड के सोनभद्र व मिर्जापुर में पेयजल योजना की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने कहा, हर घर जल पहुंचाने के अभियान को अब लगभग डेढ़ साल हो रहे हैं। इस दौरान देश में 2 करोड़ 60 लाख से ज्यादा परिवारों को उनके घरों में नल से शुद्ध पीने का पानी पहुंचाने का इंतजाम किया गया है। इसमें लाखों परिवार उत्तर प्रदेश के भी हैं। पीएम मोदी ने कहा, जल जीवन मिशन के तहत घर-घर पाइप से पानी पहुंचने की वजह से हमारी माताओं-बहनों का जीवन आसान हो रहा है। इसका एक बड़ा लाभ गरीब परिवारों के स्वास्थ्य को भी हुआ है। इससे गंदे पानी से होने वाली हैजा, टायफायड, इंसेफलाइटिस जैसी अनेक बीमारियों में भी कमी आ रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, जब विंध्याचल के हजारों गांवों में पाइप से पानी पहुंचेगा, तो इससे भी इस क्षेत्र के मासूम बच्चों का स्वास्थ्य सुधरेगा। उनका शारीरिक और मानसिक विकास और बेहतर होगा। जब अपने गांव के विकास के लिए, खुद फैसले लेने की स्वतंत्रता मिलती है, उन फैसलों पर काम होता है, तो उससे गांव के हर व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है। आत्मनिर्भर गांव, आत्मनिर्भर भारत के अभियान को बल मिलता है। पीएम मोदी ने कहा, देश के बाकी गांवों की तरह इस क्षेत्र में भी बिजली की बहुत बड़ी समस्या थी। आज ये क्षेत्र सौर ऊर्जा के क्षेत्र में दुनिया में अग्रणी बनता जा रहा है। भारत का अहम केंद्र है मिर्जापुर का सौर ऊर्जा प्लांट। यह प्लांट यहां विकास का नया अध्याय लिख रहा है। आज सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास ये मंत्र देश के हर हिस्से में देश के हर नागरिक के विश्वास का मंत्र बन गया है। आज देश के हर जन, हर क्षेत्र को लग रहा है कि उस तक सरकार पहुंच रही है और वो भी देश के विकास में भागीदार है।
केंद्र की हर घर नल योजनाश् के तहत सरकार मिर्जापुर के 1606 गांवों में पाइप के जरिये पेय जल सप्लाई शुरू करेगी। इस योजना से केवल मिर्जापुर के 21,87980 ग्रामीणों को सीधा फायदा होगा। सोनभद्र के 1389 गांवों को हर घर नल योजना से जोड़ने की शुरुआत होगी। इन गांवों के 19,53458 परिवार पेय जल सप्लाई योजना से जुड़ेंगे। सोनभद्र में झील और नदियों के पानी को शुद्ध करके पीने के लिए सप्लाई किया जाएगा। सोनभद्र में इस योजना पर सरकार 3212.18 करोड़ रुपये खर्च करेगी। मिर्जापुर में बांध पर एकत्र किए गए पानी को शुद्ध करके पीने योग्य बना कर सप्लाई किया जाएगा।
इस योजना की लागत 21,87,980 करोड़ रुपये तय की गई है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक दोनों जिलों की योजनाओं से कुल 41,41,438 परिवार लाभान्वित होंगे। योजना पर 70,98,477 करोड़ की लागत तय की गई है। जल शक्ति मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक अगले दो साल के भीतर योजना को पूरा कर गांवों में पीने के पानी की सप्लाई शुरू कर दी जाएगी। प्रदेश के जल संसाधन मंत्री महेन्द्र सिंह ने बताया कि ग्रामीण पेयजल आपूर्ति विभाग को कड़े निर्देश जारी किये गये है कि प्रदेश की ग्रामीण जनता को पेयजल संकट से न जूझना पड़े। इसके लिए राज्य स्तर पर जल निगम मुख्यालय परिसर लखनऊ के समीप राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के आफिस में कंट्रोल रूप स्थापित किया गया है, जिस पर पेयजल संबंधी शिकायतों का गम्भीरता से संज्ञान लेते हुए निस्तारण की व्यवस्था करायी जा रही । डा. सिंह ने बताया कि विभाग द्वारा राज्य स्तरीय एवं जनपद स्तरीय नोडल अधिकारियों की तैनाती की गयी है, जो पेयजल संकट से संबंधित शिकायतों का निस्तारण और समस्याग्रस्त ग्रामीण अंचलों में पेयजल आपूर्ति की लगातार निगरानी कर रहे है। कोरोना काल जैसी विषम परिस्थितियों में भी नोडल अधिकारी एवं कर्मचारी शासन की मंशा के अनुरूप शिकायतों का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर कर रहे हैं। (हिफी)