चिकित्सक को हिरासत में रखना पड़ा भारी, 2 दारोगा एवं हेड कांस्टेबल सस्पेंड

चिकित्सक को हिरासत में रखना पड़ा भारी, 2 दारोगा एवं हेड कांस्टेबल सस्पेंड
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गोरखपुर। छोटी-छोटी बातों को लेकर संदिग्ध को हिरासत में लेने के बाद उसके साथ थर्ड डिग्री इस्तेमाल किए जाने के मामले बंद नहीं हो रहे हैं। एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी के अपहरण के मामले में उसके प्रेमी और एक डॉक्टर के खिलाफ जब शिकायत की तो पुलिस ने डॉक्टर को पूछताछ के लिए थाने में बैठा लिया। बिना लिखा पढ़ी के अवैध हिरासत में रखने के बाद उसे छोड़ दिया गया। आहत हुए डॉक्टर ने इस मामले की शिकायत जब डीआईजी से की तो एसएसपी ने दो दारोगाओं के अलावा एक हेड कांस्टेबल को इस मामले में निलंबित कर दिया है। तत्कालीन इंस्पेक्टर के खिलाफ भी विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं।

दरअसल गोरखपुर के गुलरिहा थाने पर एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी के अपहरण के मामले में उसके प्रेमी के साथ-साथ एक डॉक्टर के खिलाफ भी शिकायत की थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी थी। जांच पड़ताल के क्रम में गुलरिहा पुलिस ने डॉक्टर को पूछताछ के लिए थाने पर बैठा लिया। बाद में लिखा पढ़ी के बगैर ही अवैध हिरासत में रखने के बाद पुलिस ने उसे छोड़ दिया। थाने से छूटने के बाद डॉक्टर ने इस मामले की शिकायत सीधे डीआईजी के पास कर दी। चिकित्सक ने आरोप लगाया कि पुलिस ने ना केवल उन्हें अवैध हिरासत में रखा है, बल्कि पिटाई भी की और उनकी गाड़ी को सीज भी कर दिया था। डीआईजी की ओर से इस मामले की जांच आईपीएस सीओ बांसगांव राहुल भाटी को सौंपी गई। जांच की रिपोर्ट में राहुल भाटी को चिकित्सक को अवैध रूप से हिरासत में रखने की बात सही मिली। पता चला कि पुलिस ने चिकित्सक को हिरासत में रखने की बाबत कहीं भी कागजों में लिखा पढ़ी नहीं की थी। रिपोर्ट के आधार पर एसएसपी डॉक्टर विपिन ताडा ने वरिष्ठ उप निरीक्षक रामप्रवेश सिंह, उप निरीक्षक राकेश कुमार सिंह और हेड कांस्टेबल राजकुमार मिश्रा को निलंबित करने के साथ-साथ उनके खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश दिए हैं। इसके अलावा तत्कालीन एसएचओ गुलरिया और वर्तमान में चिलुआताल एसएचओ के विरुद्ध भी विभागीय कार्रवाई किए जाने के आदेश दिए हैं।



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