दिवाली पर ब्रजमंडल में होता है सामूहिक दीपदान का पर्व

दिवाली पर ब्रजमंडल में होता है सामूहिक दीपदान का पर्व

मथुरा। जहां देश के कोने कोने में दिवाली का त्यौहार मात्र गणेश लक्ष्मी के पूजन तक ही सीमित होता है वहीं ब्रजमंडल में गणेश लक्ष्मी के पूजन के साथ साथ सामूहिक आराधना का पर्व बन जाता है।

प्राचीन केशवदेव मन्दिर की प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष सोहनलाल कातिब के अनुसार ब्रज में जहां लोग घरों एवं दुकानों में गणेश लक्ष्मी का पूजन करते हैं वहीं मन्दिरों में यह सामूहिक आराधना का पर्व बनता है। चाहे मथुरा हो या वृन्दावन , नन्दगांव हो या गोवर्धन, गोकुल हो या महाबन सभी स्थानों पर मन्दिरों में सामूहिक दीपदान होता है। उन्होंने बताया कि कोविद-19 कारण इस बार मन्दिर में इस बार पांच हजार दीपदान 13 नवम्बर को किया गया है।

उन्होंने कहा कि वैसे ब्रज के मन्दिरों में इस अवसर पर ठाकुर जी कहीं पर चौसर खेलते हैं तो कहीं सकड़ी और निकरा का भोग अरोगते हैं,लेकिन नन्दगांव की दीपावली अनूठी होती है इसीलिए कहा गया है कि ''नन्द जू के आंगन में हर दिन दिवारी है।'' मन्दिर सेवायत आचार्य सुशील गोस्वामी के अनुसार 200 फीट ऊंचे मन्दिर के शिखर पर इस दिन अनूठा दीपक जलता है। इसके लिए ऐसा दीपक बनाया जाता है जिसमें पांच किलो शुद्ध देशी घी आ सके। बड़े बुजुर्ग बताते है पहले मन्दिर के शिखर पर इतना बड़ा दीपक जलाया जाता था कि उसकी लौ को देखकर ही भरतपुर राजघराने की दीपावली मनाई जाती थी। इसी परंपरा को आज भी निभाया जाता है।गोवर्धन में मानसी गंगा के तटों पर दीपक जलाने की परंपरा निराली है । घाटों पर जब हजारों दीपक एक साथ जलते है तो मानसी गंगा में उनका प्रतिबिम्ब मनोहारी बन जाता है।

मुकुट मुखारबिन्द मन्दिर के रिसीवर रमाकांत गोस्वामी के अनुसार इस बार इक्कीस हजार दीपक जलाए जाएंगे।

वृन्दावन के राधा दामोदर मन्दिर में दीपावली पर दाम बन्धन लीला का पाठ किया जाता है। इस दिन ही जब कान्हा ने माखन की चोरी की थी तो मां यशोदा ने उन्हें ऊखल से बांधा था। शाम को मन्दिर में दीपदान होता है तो श्रद्धालु शाम चार बजे से मन्दिर में रखी उस गिर्राज शिला की परिक्रमा करते हैं ,जिसे श्यामसुन्दर ने सनातन गोस्वामी को दिया था। वृन्दावन के ही राधा श्यामसुन्दर मन्दिर में आनेवाले हर श्रद्धालु को दीपदान में शामिल किया जाता है मन्दिर के सेवायत आचार्य कृष्ण गोपालानन्द देव प्रभुपाद के अनुसार दीपावली पर इस मन्दिर में दीपदान करने पर निश्चित रूप से ठाकुर का आशीर्वाद मिलता है।

उन्होंने बताया कि वृन्दावन के ही राधारमण मन्दिर में दीपावली के दिन संध्या आरती के बाद जगमोहन में लक्ष्मीपूजन होता है इसी दौरान गर्भगृह में ठाकुर का तिलक होता है। मन्दिर के सेवायत आचार्य दिनेशचन्द्र गोस्वामी के अनुसार इस दिन ठाकुर के ब्यालू में सभी प्रकार के पकवान रखे जाते हैं और मन्दिर के सेवायत इस दिन झोली में प्रसाद लेकर जाते हैं। वृन्दावन के ही राधा बल्लभ मन्दिर में इस दिन ठाकुर हटरी में विराजते है और दोनो वक्त चैसर खेलते हैं। मथुरा के द्वारकाधीश मन्दिर, चैरासी खंभा महाबन और गोकुल में भी निराली दीपावली मनाई जाती है भावमय पूजा होने के कारण व्रज का कोना-कोना दीपावली पर भक्ति रस से भर जाता है।

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