पर्यावरण से संतुलन रखकर विकास

पर्यावरण से संतुलन रखकर विकास

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार पर्यावरण से संतुलन रखकर विकास करना चाहती है। इसी संदर्भ में उत्तर प्रदेश की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से आगरा में लेदर पार्क बनाने की इजाजत मांगी है। आगरा में ताज महल होने के कारण इस प्रकार की इंडस्ट्री लगाने की मंजूरी नहीं है, अब अदालत ने इस विषय पर याचिकाकर्ता को कुछ वक्त दिया है। जिसपर बाद में सुनवाई होगी। गत 2 दिसम्बर को चीफ जस्टिस ने अदालत में कहा कि इस मामले में एमसी। मेहता मुख्य याचिकाकर्ता हैं, ऐसे में जहां पर लेदर पार्क बनाने को कहा जा रहा है उन्हें वहां का दौरा करना चाहिए। अदालत ने एमसी। मेहता को तीन महीने का वक्त दिया है, ताकि वो जांच कर सकें। अदालत में यूपी सरकार की ओर से भरोसा दिया गया है कि अगर उन्हें ट्रैवल में कोई दिक्कत आती है, तो वो इंतजाम कर सकते हैं। अदालत ने कहा है कि अगर ऐसी मांग होती है तो वो पूरी कर दें। इसके अलावा यूपी सरकार ने मथुरा में कृष्ण जन्मस्थान की ओर जाने वाली सड़क को चैड़ी करने की इजाजत मांगी है। जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वो 2940 पेड़ों को गिराने की इजाजत नहीं दे सकते हैं। अदालत ने कहा कि आप सभी पेड़ों की जानकारी दें और क्या करेंगे, यह भी बताएं?

यूपी सरकार ने कहा कि जो पेड़ वो हटाना चाहते हैं वो काफी छोटे हैं, सरकार की ओर से उनकी जगह अधिक पेड़ लगाए जाएंगे। अदालत ने ये भी सवाल किया कि क्या सड़क को चौड़ा करने का काम बिना पेड़ हटाए नहीं हो सकता है।

दिवाली के बाद मौसम ने अचानक करवट बदल ली है। यूपी के कई शहरों में हुई झमाझम बारिश से तापमान में गिरावट दर्ज की गई, तो वहीं कोहरे की चादर ने आगरा को अपने आगोश में ले लिया। मोहब्बत की इमरात कहे जाने वाले ताजमहल को कोहरे की रजाई ने इस कदर ढक लिया कि पर्यटक निराश हो उठे। सुबह के समय घने कोहरे के चलते पर्यटक ताजमहल का दीदार नहीं कर पाये। ताजमहल के शहर आगरा में सुबह से ही मौसम के तेवर तल्ख दिखाई दिये। कोहरे और धुंध के कारण दृश्यता शून्य सी रही। वहीं सबसे अधिक परेशानी उन पर्यटकों को हुई, जो ताजमहल का दीदार करने के लिए पहुंचे थे। लंबी लाइन से गुजरने के बाद पर्यटकों ने ताजमहल परसिर में तो एंट्री कर ली, लेकिन ताजमहल उनकी आंखों के सामने से गायब नजर आया। तस्वीर खींचना तो दूर, पर्यटक ताजमहल को मुख्य गेट से देख भी नहीं पा रहे थे। काफी नजदीक पहुंचने के बाद भी ताजमहल साफ नजर नहीं आया। ताजमहल का दीदार करने आये पर्यटक काफी निराश दिखाई दिये। ताजमहल परिसर में मौजूद एक पर्यटक ने बताया कि कोहरे के कारण ताजमहल नहीं देख पाये। फोटो खींचने का प्रयास किया, लेकिन फोटो भी बेहद धुंधला आया है। इसी प्रकार एक अन्य पर्यटक ने बताया कि काफी देर से ताजमहल परिसर में हैं, लेकिन अब निराश होकर घर जाना पड़ेगा। टिकट पर तीन घंटे का समय है। समय पूरा होने वाला है, लेकिन कोहरे की चादर नहीं हटी, जिसके चलते ताज का दीदार नहीं कर सके। आगरा में 2 दिसम्बर का अधिकतम तापमान 16.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। ये तापमान कैंट रेलवे स्टेशन पर लगे एयर क्वालिटी इंडेक्स स्क्रीन पर दिखाया जा रहा है।

दरअसल प्रदूषण धीरे-धीरे फिर बढ़ रहा है जो कोरोना के चलते लाॅकडाउन में कम हो रहा था। आगरा की बेबसी पर नगर निगम के महापौर नवीन जैन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। पत्र में लॉकडाउन खत्म होने के बाद ताजमहल पर लगी बंदिशों को खत्म करने के लिए गुजारिश की हैमेयर ने उन कारणों का भी जिक्र किया है जिनके चलते आगरा का हाल बेहाल है। मेयर इन बंदिशों को खत्म करने की मांग कर रहे हैं। मेयर ने प्रधानमंत्री को पत्र के माध्यम से बताया है कि आगरा में पर्यटन उद्योग लॉकडाउन से अब तक लगातार प्रभावित हो रहा है। हालात को देखते हुए मेयर ने प्रधानमंत्री से मांग की है कि ताजमहल पर लगी बंदिशों को खत्म कर दिया जाए और सब कुछ पहले की तरह कर दिया जाए। आपको बता दें कि लॉकडाउन के बाद जब ताजमहल खुला तो नए नियम लागू कर दिए गए। एक दिन में केवल 5000 पर्यटकों को ताजमहल में एंट्री दिए जाने का नियम बनाया नया नियम अभी तक लागू है। आगरा के ताजमहल सेे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से साढ़े तीन लाख लोग जुड़ेे हुए हैं जिनमें 650 होटल, 1500 फोटोग्राफर, 350 एंपोरियम, 2500 गाइड, 800 ईरिक्शा और तांगे, 4000 हॉकर्स और स्ट्रीट वेंडर, 400 ट्रेवल एजेंसियां शामिल हैं। इस बारे में मेयर नवीन जैन ने बताया कि मैंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर ताजमहल पर लगी बंदिशों को खत्म करने की मांग की है। ताजमहल पर लगी बंदिशें खत्म हो जाएंगी तो पर्यटन कारोबार को रफ्तार मिलेगी। यही मोदी का जान और जहान का फार्मूला है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी मुंबई यात्रा के दौरान विशेष तौर पर डिफेंस कॉरिडोर और यूपी फिल्म सिटी निर्माण से संबंधित उद्यमियों और फिल्म निर्माताओं से मुलाकात की। उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी के निर्माण को लेकर गंभीर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कई दिग्गज फिल्म निर्माताओं से मिलकर इस योजना पर विस्तार से चर्चा की और यूपी आने के लिए आमंत्रित किया। यहां भी पर्यावरण का ध्यान रखा जाएगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान पत्रकार वार्ता में कहा कि नई आवश्यकता के अनुसार नई फिल्मी सिटी के निर्माण का कार्य यूपी में हो रहा है। यहां के लोगों का अनुभव लेने के लिए हम आए हैं। इसके लिए फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों से बात की है। न किसी के निवेश को छीन रहे हैं और न किसी के विकास को बाधित कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य भारत की अर्थव्यवस्था को विश्व में सबसे बेहतर बनाना है। उसी अर्थव्यवस्था के लिए निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सरकार का प्रयास हो रहा है। योगी ने कहा कि यूपी में विश्व स्तर की फिल्म सिटी के निर्माण के लिए आप सभी को आमंत्रित करने आया हूं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश असीम संभावनाओं का राज्य है। इसे देश और दुनिया समझती है। निर्माता, निर्देशक, एक्टर और फिल्म जगत के विभिन्न पक्षों के जानकारों के साथ भी फिल्म सिटी को लेकर चर्चा हुई। ये फिल्म सिटी जेवर एयरपोर्ट से 6 किमी की दूरी पर होगी। यहां से आगरा 1 घंटे की दूरी पर है। सीएम योगी ने कुंभ-2019, अयोध्या में दीपोत्सव, काशी में देव दीपावली का उदाहरण देते हुए कहा कि अपनी धरोहर को किस रूप में प्रस्तुत करना चाहते हैं यह हम पर निर्भर करता है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विकास चाहेगा तो भय अपने आप दूर होगा। उन्होंने कहा कि यहां की स्थिति का तो पता नहीं, लेकिन यूपी में तो जितने भी दुर्दांत अपराधी ओर माफिया थे उनको घरों पर बुलडोजर से ढहाकर विदा करने की तैयारी कर चुके हैं। इसी प्रकार विकास में कोई बाधा नहीं आने देंगे लेकिन पर्यावरण का भी ध्यान रखा जाएगा। (हिफी)

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