बोले डिप्टी CM- इलाज़ हो पा रहा है मुमकिन- खुल चुके हैं मेडिकल कॉलेज
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2017 से चिकित्सा क्षेत्र में तेजी से सुधार हुआ है। प्रदेश में पहले जहां हर बड़ी बीमारी का उपचार राजधानी या अन्य बड़े शहरों में ही होता था वहीं अब कई बड़े ऑपरेशन व इलाज जनपद या मण्डल पर भी मुमकिन हो पा रहा है। इसमें आयुष्यमान योजना का काफी योगदान है। उन्होंने कहा कि हमने प्रगति की है लेकिन अभी और काम करना होगा। प्रदेश के 75 जनपदों में मेडिकल कालेज खोले जाने के मुख्यमंत्री के निदेश के क्रम में 65 मेडिकल कालेज बन चुके हैं और यहा पर पढ़ाई भी प्रारम्भ हो गयी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चिकित्सकीय सुविधाए काफी सुदृढ़ हुई हैं।
उप मुख्यमंत्री आज गोमती नगर विभूति खण्ड स्थित होटल मेरियट में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा की उत्कृष्टता के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित प्राइवेट सेक्टर पार्टनरशिप्स फार हेल्थकेयर एक्सीलेन्स पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थें। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य एक महत्वपूर्ण विषय है। प्रदेशवासियों के अच्छे स्वाथ्य से ही देश और प्रदेश आगे बढ़ेगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में आज प्रदेश का पैमाना बदला है। सरकार अपराध एवं भष्टाचार पर जीरो टाँलरेन्स की नीति पर काम कर रही है। आज प्रदेश में कानून का राज्य है, जिसका परिणाम है कि आज बड़ी संख्या में निवेशक प्रदेश में निवेश के लिए तैयार है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि मेडिकल कालेजों में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ प्रदेश में नर्सिंग एवं पैरामेडिकल कालेज खोले जा रहें हैं। मिशन निरामया के माध्यम से नर्सिंग के क्षेत्र में निरंतर सुधार किया जा रहा हैं और नर्सेज को बेहतर ट्रेनिंग दी जा रही है। वर्तमान में प्रदेश के 11 नर्सिंग कालेज सरकारी क्षेत्र में काम कर रहें हैं। प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के सभी राजकीय मेडिकल कालेज में नर्सिंग कोर्स बनाये जाने की योजना है। प्रदेश सरकार द्वारा सभी जनपदों में पी0पी0पी0 मोड पर डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही हैं। आगे सभी जपनदों में पी0पी0पी0 मोड पर सीटीस्कैन की सुविधा भी उपलब्ध कराये जाने की योजना हैं। वर्तमान प्रदेश में बेहतर से बेहतर और सस्ती चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध हैं।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हम हर प्रदेशवासी की बीमारी के हिसाब से उसका इलाज करने और उससे संबंधित निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अपनी स्वास्थ्य व्यवस्था को मिसाल के रूप में स्थापित करने के लिए हमें ग्रामीण व शहरी दोनों क्षेत्रों में मध्यम व तृतीय स्तर की सेवा देने का लक्ष्य निर्धारित करना होगा। उन्होंने कहा कि आज यह एक अच्छा संयोग है कि यहां स्वास्थ्य विभाग और निजी क्षेत्र के कई बड़े समूह उपस्थित हैं। मुझे उम्मीद है कि आज के इस मंथन के बाद निजी क्षेत्र की भूमिका आसान व प्रभावी होगी। यहां मेडिकल, नर्सिंग और पैरामेडिकल कालेजों में निवेशकों के लिए अपार संभावनाएं हैं। साथ ही दवा उत्पादन, डायग्नोसिस, डायलिसिस और चिकित्सालयों के निर्माण आदि में निवेश की भी बड़ी संभावना है। साथ ही पीपीपी मॉडल पर कई शहरों में चिकित्सालय और निजी संस्थाओं के माध्यम से राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को खोलने की योजना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार निवेशको के साथ पूरी प्रतिबद्वता के साथ खड़ी है। निवेशको द्वारा दिये गये सुझावों के आधार पर उनके लिए और भी अनुकूल नीतिया बनाई जायेंगी।
कार्यशाला में स्वास्थ्य राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने कहा कि आज चिकित्सा एवं स्वास्थ्य एक महत्वपूर्ण विषय है। इसका सीधा संबंध जीवन की गुणवत्ता से है। इस क्रम में प्रदेश की बड़ी जनसंख्या चिकित्सा के क्षेत्र में व्यापक निवेश की आवश्यकता को जन्म देती है। इस लिहाज से आज की यह कार्यशाला बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हेल्थ के क्षेत्र में मेडिकल कालेज या हास्पिटल खोलने में बड़ी सम्भावनाऐ हैं। साथ ही चिकित्सकीय उपकरण के क्षेत्र में बेहतर सम्भावनाऐ है। प्रदेश को हर क्षेत्र में आगे लाने के लिए निवेशको को सरकार हर सम्भव मद्द करने के लिए तैयार हैं।
इस मौके पर प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं परिवार कल्याण पार्थ सारथी सेन शर्मा, सचिव रविन्द्र कुमार, मिशन निदेशक एन0एच0एम0 अपर्णा यू0 एवं स्वाथ्य विभाग के अन्य बडे अधिकारियों सहित अन्य अतिथि गण उपस्थित थें।