डेल्टा वैरिएंट: बाहरी राज्यों से आने वाले पर विशेष नजर
लखनऊ। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को काबू करने में सफल उत्तर प्रदेश सरकार वायरस के नये वैरिएंट डेल्टा प्लस को लेकर सतर्क हो गयी है और इससे बचाव के लिये उठाये जा रहे कदमों के तहत बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों की जीनोम सिक्वेंसिंग पर अधिक जोर दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कोविड-19 प्रबंधन के लिये गठित टीम-09 की बैठक में कहा कि कई राज्यों में कोरोना वायरस का नया वैरिएंट 'डेल्टा प्लस' से संक्रमित मरीज पाए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश को विशेष सतर्कता बरतनी होगी। विशेषज्ञों के अनुसार इस बार का वैरिएंट पहले की अपेक्षा कहीं अधिक खतरनाक है। राज्य स्तरीय स्वास्थ्य विशेषज्ञ परामर्श समिति ने इससे बचाव के लिए विस्तृत अनुशंसा रिपोर्ट तैयार की है जिसके अनुसार अपेक्षाकृत अन्य आयु के लोगों के, बच्चों पर कहीं अधिक दुष्प्रभाव डालने वाला हो सकता है।
उन्होेने निर्देश दिये कि विशेषज्ञों के परामर्श के अनुरूप बिना देर किए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं। लोगों को सही जानकारी प्राप्त हो इसके लिए राज्य स्तरीय स्वास्थ्य विशेषज्ञ परामर्श समिति के सदस्यों व अन्य वरिष्ठ चिकित्सकों के माध्यम से जनजागरूकता के प्रयास किए जाएं। कोविड के डेल्टा प्लस वैरिएंट की गहन पड़ताल के लिए अधिकाधिक सैम्पल की जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जाए। रेलवे, बस , वायु मार्ग से प्रदेश में आ रहे लोगों के सैम्पल लेकर सिक्वेंसिंग कराई जानी चाहिए। जिलों से भी सैम्पल लिए जाएं। रिजल्ट के अनुसार डेल्टा प्लस प्रभावी क्षेत्रों की मैपिंग कराई जाए। इससे बचाव के प्रयासों में सुविधा होगी। प्रदेश में जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा के लिए केजीएमयू और बीएचयू में आवश्यक व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा " पिछले दिनों कराये गए सीरो सर्वे के प्रारंभिक परिणाम अच्छे संकेत देने वाले हैं। शुरुआती नतीजों के मुताबिक सर्वेक्षण में लोगों में हाई लेवल एंटीबॉडी की पुष्टि हुई है। हमें यह समझना होगा कि वायरस से इस लड़ाई में सभी की भूमिका महत्वपूर्ण है। डबल मास्क, सैनिटाइजेशन, दो गज की दूरी जैसे कोविड बचाव संबंधी व्यवहार को हमें अपनी जीवनशैली में शामिल करना ही होगा। भीड़भाड़ से बचें। थोड़ी सी भी लापरवाही, बहुत भारी पड़ सकती है।"
उन्होने कहा कि जून में एक करोड़ प्रदेशवासियों के टीकाकरण का लक्ष्य रखा था जिसे 24 जून को छह दिन शेष रहते ही पूर्ण कर लिया गया। उत्तर प्रदेश में अब तक 02 करोड़ 90 लाख से अधिक वैक्सीन डोज लगाए जा चुके हैं। करीब 42 लाख लोगों ने टीके के दोनों डोज प्राप्त कर लिए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक जुलाई से हर दिन न्यूनतम 10 लाख लोगों को टीका-कवर देने के लक्ष्य के साथ काम किया जाए। विकास खंडों को क्लस्टर में बांटकर वैक्सीनेशन की हमारी नीति के अच्छे परिणाम मिले हैं। अभी पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यह एक तिहाई विकास खंडों में लागू है, एक जुलाई से इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाए।
कोरोना महामारी के दृष्टिगत प्रदेश की स्थिति हर दिन के साथ बेहतर होती जा रही है। संक्रमण दर 0.1 प्रतिशत से भी कम स्तर पर आ चुका है, जबकि रिकवरी दर 98.5 फीसदी है। ज्यादातर जिलों में संक्रमण के नए केस इकाई अंकों में आ रहे हैं, तो 50-52 से अधिक जिलों में 50 से कम एक्टिव केस ही हैं। वर्तमान में कुल एक्टिव केस घटकर 3,423 रह गए हैं। 2,078 लोग होम आइसोलेशन में उपचाराधीन हैं। अब तक कुल 16 लाख 79 हजार 416 प्रदेशवासी कोरोना से लड़ाई जीत कर स्वस्थ हो चुके हैं।
उन्होने बताया कि बीते 24 घंटे में एक ओर जहां 02 लाख 69 हजार 272 सैम्पल टेस्ट हुए, वहीं मात्र 226 नए पॉजिटिव केस आये और 320 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज भी हुए। उत्तर प्रदेश में अब तक 05 करोड़ 65 लाख 40 हज़ार 503 कोविड टेस्ट हो चुके हैं।
विशेष पदों को छोड़कर, अस्पताल प्रशासन/प्रबंधन में चिकित्सकों की तैनाती अपरिहार्य स्थिति में की जानी चाहिए। चिकित्सक का प्रथम और प्रमुख कार्य मरीज का उपचार करना है, उन्होंने इसी सेवा के लिए अध्ययन और प्रशिक्षण प्राप्त किया है। अन्य कार्यों में उनकी तैनाती, चिकित्सकों को उनके मूल कर्तव्य से विमुख करती है। अस्पताल प्रशासन/प्रबंधन के कार्यों के लिए मास्टर इन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन अथवा हॉस्पिटल मैनेजमेंट में एमबीए उपाधिधारक युवाओं को अवसर दिया जाना चाहिए। इस संबंध में विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाए।
उत्तर प्रदेश ऑक्सीजन जेनेरेशन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो रहा है। कल 05 और प्लांट की स्वीकृति दी गई है। लगातार प्रयासों से अब 114 ऑक्सीजन प्लांट क्रियाशील हो चुके हैं। केन्द्र सरकार के सहयोग से पीएम केयर्स के माध्यम से निर्माणाधीन ऑक्सीजन प्लांट्स को 15 अगस्त तक क्रियाशील कर लिया जाए। मॉनीटरिंग के लिए नोडल अधिकारी तैनात किया जाए। प्लांट स्थापना से जुड़े कार्यों की सतत समीक्षा की जाए।
वार्ता