सुनाया फैसला-नहीं होगी ज्ञानवापी कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग
वाराणसी। ज्ञानवापी परिसर के भीतर मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग नहीं होगी। अदालत ने हिंदू पक्ष की उस अपील को खारिज कर दिया है जिसमें 5 हिंदू महिलाओं की ओर से ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिली शिवलिंग जैसी संरचना की उम्र, लंबाई और चौड़ाई का पता लगाने के लिए इसकी वैज्ञानिक जांच कराने की मांग की थी।
शुक्रवार को वाराणसी के जनपद न्यायाधीश डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की ओर से सुनाई गए एक बड़े फैसले के अंतर्गत ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने से इंकार कर दिया है। पांच हिंदू याचिकाकर्ताओं में से चार ने वाराणसी की स्थानीय अदालत द्वारा आदेशित वीडियोग्राफी सर्वेक्षण के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर पाए गए 'शिवलिंग' की कार्बन-डेटिंग की मांग की थी। कार्बन डेटिंग एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर पुरातत्व में किसी वस्तु की उम्र को समझने के लिए किया जाता है। उधर ज्ञानवापी मस्जिद समिति ने कार्बन डेटिंग की याचिका का विरोध किया था।
वाराणसी की अदालत ने मामले के संबंध में पहले मुस्लिम पक्ष की दलीलें सुनी थीं। हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील विष्णु जैन ने अपनी दलील पेश करते हुए कहा मुस्लिम पक्ष की ओर से कहा गया है कि शिवलिंग सूट संपत्ति का हिस्सा नहीं है और इसकी कार्बन डेटिंग नहीं की जा सकती है। हमने इन दोनों बिंदुओं पर अपना स्पष्टीकरण दिया है।
इससे पहले 29 सितंबर को कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी मामले में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि मस्जिद परिसर के वीडियोग्राफी सर्वेक्षण के दौरान 'वजूखाना' के पास परिसर में एक 'शिवलिंग' पाया गया था, जिसे अदालत ने आदेश दिया था।