2 दिन के अवकाश के बाद गायब हुए DDO 12 दिन बाद मिले जेल में

2 दिन के अवकाश के बाद गायब हुए DDO 12 दिन बाद मिले जेल में

मेरठ। 2 दिन का अवकाश लेने के बाद गायब चल रहे डीडीओ अब 12 दिन बाद जेल के भीतर मिले हैं, जिससे डीडीओ के गायब होने को लेकर चल रही चर्चाओं के ऊपर विराम लग गया है। गायब हुए डीडीओ गबन के एक मामले में सीबीआई की विशेष अदालत के सामने सरेंडर हो गए थे। जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। इस मामले में अग्रिम कार्यवाही के लिए स्थानीय जिला प्रशासन की ओर से ग्रामीण विकास आयुक्त को पत्र भेज दिया गया है।

दरअसल जनपद में पिछले तकरीबन 4 साल से डीडीओ के पद पर तैनात दिग्विजय नाथ तिवारी 18 फरवरी को 2 दिन का अवकाश लेकर गए थे। लेकिन 2 दिन के बाद वह अपने काम पर नहीं लौटे। काफी इंतजार के बाद 3 दिन पहले सीडीओ की ओर से जिलाधिकारी को डीडीओ के गायब रहने को लेकर कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया था। साथ ही डीडीओ का कार्यभार भी सीडीओ द्वारा परियोजना निदेशक को मौखिक तौर पर दे दिया गया। आज पता चला है कि दो दिन की छुटटी पर गये डीडीओ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में 22 फरवरी को अपनी जमानत याचिका दायर की थी, जिसके ऊपर सुनवाई होना बाकी है। लखनऊ से मिल रही जानकारी के मुताबिक हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत नहीं मिलने के बाद डीडीओ होने वाली संभावित गिरफ्तारी से होने वाली जग हंसाई से बचने के लिये स्वयं ही सीबीआई की विशेष कोर्ट में पहुंचकर सरेंडर कर दिया। जहां से दिग्विजय को जेल भेज दिया गया और इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों को जानकारी मिली। बताया जा रहा है कि संत कबीर नगर में तैनाती के दौरान डीडीओ के ऊपर वर्ष 2007 से लेकर 2010 के बीच मनरेगा के अंतर्गत आए धन के घोटाले का आरोप लगा था। जिसकी सीबीआई की ओर से जांच की जा रही है। मनरेगा में तकरीबन ढाई सौ करोड रुपए का घोटाला हुआ था।

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