रक्तबीज हो रहा भ्रष्टाचार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुरादनगर में श्मशान घाट हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अफसरों को श्मशान घाट शेल्टर समेत निर्माण कार्यों की जांच को निर्देशित किए जाने से शिकायतकर्ता जहां सक्रिय हुए हैं, वहीं अफसरों में बेचैनी पैदा होती दिखाई पड़ रही है। इसी के साथ एकबार फिर यही लगने लगा कि भ्रष्टाचार रक्तबीज की तरह बढ़ रहा है। दुर्गा उसकी गर्दन काटती हैं तो उसके रक्त की बूंदें अनगिनत रक्तबीज पैदा कर देती हैं।
पुरकाजी कस्बे व क्षेत्र में भी निर्माण कार्यों में गुणवत्ता के मानक ताक पर रख करोड़ों रूपये के निर्माण कार्य पूर्व में हुए हैं। कई मामलों में शिकायतों के बावजूद विभागीय अफसरों की सांठगांठ से शिकायतें कागजों में दबकर रह गई। पुरकाजी कस्बे में राजकीय इंटर कालेज, पुरकाजी थाने में 30 लाख रूपये की लागत से बने महिला क्वार्टर, फलौदा में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र समेत, शेरपुर, तुगलकपुर आदि में बने कई बडे निर्माण कार्यों में धांधली की शिकायतें हुई थीं। पुरकाजी कस्बे में 26 लाख रूपये से अधिक की लागत से श्मशान घाट निर्माण को लेकर भी मानकों को नजरअंदाज कर निर्माण कार्य करने की शिकायतें रही थीं। अब प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा निर्माण कार्यों की कमिश्नर स्तर पर जांच कराने के आदेश के बाद शिकायतकर्ता प्रकरणों में कार्यवाही की उम्मीद को लेकर नए सिरे से सक्रिय हुए है, जिसको लेकर अफसरों में हडकंप मचा है। मुख्यमंत्री के आदेश का जमीनी स्तर पर पालन हुआ तो भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई की गाज गिर सकती है।
इस बीच कई और मामले सामने आ गए। उत्तर प्रदेश के ही कुशीनगर जिले में तैनात जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को विजलेंस टीम ने 6 जनवरी को 60 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। एक मदरसा शिक्षक से डीएमओ वेतन भुगतान करने के नाम पर रिश्वत की रकम ले रहे थे।
विकास भवन में स्थित जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कार्यालय में एक मदरसा शिक्षक बकाया वेतन भुगतान के लिए पहुंचे थे। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, कुशीनगर देवेन्द्र राम कहते हैं कि मैं पूरी तरह निर्दोष हूं। साजिश के तहत मुझे फंसाया गया है। विजलेंस की जांच में स्थिति साफ हो जाएगी। जांच की एक-एक बिंदुओं में मैं विजलेंस टीम को सहयोग करूंगा। सच्चाई जांच के बाद ही पता चलेगी।
इसी तरह राजस्थान में नए साल के शुरूआती दिनों में ही एक मामला सामने आया है। राजस्थान पुलिस के आईपीएस स्तर के अधिकारी ने खाकी पर दाग लगाया है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जयपुर की टीम ने 6 जनवरी को अलवर में बड़ी ट्रैप कार्रवाई करते हुए अलवर ग्रामीण डीएसपी सपात खान और ड्राइवर असलम खान को 3 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। एसीबी की टीम ने उनके निजी आवास से उनको गिरफ्तार किया। जानकारी के अनुसार परिवादी रशीद खान के खिलाफ 13 मुकदमे दर्ज हैं। उक्त मुकदमों में रिलीफ दिलाने की एवज में 13 लाख रूपए की रिश्वत मांगी थी। परिवादी ने इसकी सूचना भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जयपुर को दी। जयपुर एसीबी की टीम ने ट्रैप करते हुए सपात खान को गिरफ्तार किया है। इस मामले में अरावली विहार थाना अधिकारी इंस्पेक्टर जहीर अब्बास की भूमिका भी संदिग्ध बताई गयी। एसीबी टीम ने पूछताछ के लिए जहीर अब्बास को भी दस्तयाब किया। जानकारी के अनुसार कुछ मुकदमों की जांच जहीर अब्बास के पास है। ऐसे में उनकी भूमिका के बारे में भी की पड़ताल जा रही है।यह कार्रवाई एसीबी जयपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव नैन के नेतृत्व में हुई है।
रिश्वत ले रहे डीएसपी सपात खान को जैसे ही भनक लगी कि वे एसीबी के ट्रैप में फंस चुके है, उसने तुरंत अपने आवास से भागने की कोशिश की। एसीबी ने उसे दूसरे मकान की छत से गिरफ्तार किया है। राजस्थान के ही बारां में एसीबी टीम ने 25000 की रिश्वत लेते नायब तहसीलदार हरी प्रसाद गुप्ता को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो बारां के सीआई ज्ञान चंद मीणा ने बताया कि केलवाड़ा नायब तहसीलदार हरी प्रसाद गुप्ता को 25000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। नायब तहसीलदार हरी प्रसाद गुप्ता ने केलवाडा निवासी राम कल्याण ओझा से जमीन का सीमा ज्ञान कराने की एवज में 50000 की मांग की थी। केलवाडा निवासी राम कल्याण ओझा ने केलवाडा में 16 जुलाई 2020 को कृषि भूमि खरीदी थी। इस भूमि पर सीमा विवाद होने पर सीमा ज्ञान कराने के लिए परिवादी राम कल्याण ओझा ने नायब तहसीलदार केलवाडा हरी प्रसाद गुप्ता से संपर्क किया तो सीमा ज्ञान करने की एवज में नायब तहसीलदार ने 50000 रिश्वत की मांग की थी। शिकायत परिवादी द्वारा एसीबी शाखा बारां में 17 अगस्त 2020 को दर्ज कराई गयी थी, जिसका सत्यापन कराया गया। सत्यापन के दौरान आरोपी नायब तहसील द्वारा रिश्वत की राशि की मांग करने की पुष्टि हुई और फिर 25000 की रिश्वत लेते हुए कार्यालय से ही नायब तहसीलदार को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।
भ्रष्टाचार के जिन मामलों का हमने यहां उल्लेख किया है वे उत्तर प्रदेश और राजस्थान से जुड़े हैं। इसका यह मतलब भी नहीं निकालना चाहिए कि अन्य राज्यों में सब ठीक चल रहा है। भ्रष्टाचार की जड़ें बहुत मजबूत हैं और देश भर में फैली हैं। किसी एक राजनीतिक दल की सरकार तक इसे सीमित कर देना भी गलत है। हालांकि 2014 के लोकसभा चुनाव भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ही निर्णायक साबित हो गये थे। तत्कालीन यूपीए सरकार के समय हुए टूजी स्पेक्ट्रम घोटाले, कामनवेल्थ गेम स्कैण्डल और कोयला घोटाले के चलते ही जनता ने उसे सत्ता से बाहर कर दिया था। इसके बाद भी भ्रष्टाचार पर रोक नहीं लग पायी है। मुरादनगर के श्मशान घाट में शेल्टर की छत गिर जाती है और दर्जनों घर उजड़ जाते हैं। लोगों को अपना वैधानिक काम कराने के लिए भी रिश्वत देना पड रहा है।इतना ही नहीं, राष्ट्र विरोधी तत्वों को रिश्वतखोर लोगों से ही मदद मिलती है। अभी ताजा मामला उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर का है जहां म्यांमार निवासी एक रोहिंग्या के जाली प्रमाणपत्र बनाये गये और उन्हीं के आधार फर उसका पासपोर्ट बन गया। उसने कई देशों की यात्रा की। एटीएस ने टेरर फंडिंग के आरोप में उसे गिरफ्तार किया है।
इसलिए भ्रष्टाचार पर रोक लगना जरूरी है। एक तरीका तो यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निकाला है। मुरादनगर में जिन लोगों के चलते हादसा हुआ, उनसे ही हताहतों के परिजनों के मुआवजे की धनराशि और सरकारी सम्पत्ति के नुकसान की भरपाई की जाएगी। इसमें यह ध्यान रखना होगा कि आरोपितों पर दोष सिद्ध होने में समय लग सकता है, तबतक सहायता राशि को टाला नहीं जा सकता। यह काम तो सरकार को तुरंत ही करना होगा वरना का बरसा जब कृषि सुखाने। इसके साथ ही इस प्रकार के मामले भी फास्टट्रैक से निपटाए जाने चाहिए। मुरादनगर का ही मामला लें श्मशानघाट पर शेल्टर चार महीने पहले ही बनाया गया था। इतनी जल्दी गिर जाने का मतलब है निर्माण में घटिया सामग्री का लगाना। इस पर फैसले को लटकाने का कोई मतलब नहीं है। अर्थदण्ड से आगे की बात भी सोची जानी चाहिए। चीन से अभी एक खबर आयी थी कि भ्रष्टाचार के दोषी को फांसी की सजा दी गयी है। इसलिए भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े कानून भी बनाने होंगे। (हिफी)