कैराना पहुंचे CM योगी, पलायन पीड़ितों से की मुलाकात
शामली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज शामली के एक दिवसीय दौरे पर कैराना पहुंचकर पलायन पीड़ित परिवारों के साथ मुलाकात की और उनका हालचाल पूछा। उन्होंने कहा है कि वर्ष 1990 के आरंभ में राजनीति के अपराधीकरण का दंश उत्तर प्रदेश के कैराना जैसे कस्बों के लोगों ने झेला है। सरकार के संरक्षण के चलते अपराधियों ने लोगों को यहां से पलायन करने को मजबूर कर दिया। लेकिन सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के बाद पलायन करके गए परिवार वापस लौट आए हैं।
सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामली जनपद के एकदिवसीय दौरे के तहत कैराना पहुंचे और यहां पर वर्ष 1990 के प्रारंभ में अपराधियों के खौफ से पलायन करके गए परिवारों के साथ मुलाकात की। भाजपा की सरकार के सत्ता में आने के बाद पलायन से वापस लौटे मित्तल परिवार के साथ मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि वर्ष 1990 के आरंभ में तत्कालीन सरकार की वजह से राजनीति के अपराधीकरण का दंश उत्तर प्रदेश के कैराना जैसे कस्बों के लोगों ने झेला है। यहां पर हिंदू व्यापारियों के साथ अन्य हिंदुओं को प्रताड़ित किया गया, जिसके चलते वह कैराना से पलायन करने को मजबूर हुए। उन्होंने कहा है कि वर्ष 2017 के बाद सरकार की ओर से अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई। जिसके बाद कस्बे में स्थापित हुई शांति के उपरांत बहुत से परिवार वापस लौट आए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि वर्ष 2017 के दौरान जब मैं कैराना में आया था तो लोगों ने पीएसी की बटालियन और चौकी की मजबूती की मांग की गई थी। पलायन कर चुके अधिकतर लोग अब कैराना में वापस आ चुके हैं। सरकार ने उन्हें आश्वस्त किया है कि सरकार अपराधियों के खिलाफ जिस नीति से फिलहाल काम कर रही है, आगे भी उसी प्रकार अपराधियों को ठिकाने लगाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ेगी। उन्होंने कहा कि बच्चों और महिलाओं में जो विश्वास दिखाई दिया है, वह आगे रंग दिखाएगा। उन्होंने कहा है कि कैराना में जाम की जो शिकायत रहती थी, उसे हमने दूर किया है। अब यहां पर व्यापार बढना प्रारंभ हो गया है। मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी सबका साथ सबका विकास की मूल मंत्र की भावना से काम कर रहे हैं जो हमें लेकर आगे जाएंगे। पिछली सपा सरकार में जिन परिवारों के ऊपर अत्याचार हुआ था और जिनके परिवार के लोगों की हत्या हुई थी, उन्हें मुआवजा दिया जाएगा। इस तरह के मामलों की रिपोर्ट सरकार की ओर से मांगी गई है।