CM ने COVID-19 संक्रमण से रोकथाम के दृष्टिगत धर्मगुरुओं से की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग

लखनऊ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अपने सरकारी आवास पर आयोजित वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी जनपदों के धर्मगुरुओं से कोरोना वायरस कोविड-19 से निपटने के लिए एकजुट होकर सहयोग करने की अपील की। उन्होंने धर्मगुरुओं से अपने-अपने समुदाय के लोगों को कोरोना से निपटने के लिए आवश्यक सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह पालन सुनिश्चित करने के लिए लोगों को जागरूक करते हुए उनका मार्गदर्शन करने का अनुरोध किया। उन्होंने धर्मगुरुओं से कोरोना के सम्बन्ध में फेक न्यूज फैलाने वालों से बचने के लिए अपने-अपने समुदाय के लोगों को जागरूक करने की भी अपील की।





मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से निपटने में सोशल डिस्टेंसिंग, संदिग्ध लक्षण दिखने पर मरीज को क्वाॅरण्टीन और आइसोलेट करना तथा टेस्टिंग होने के उपरान्त पुष्टि होने पर मरीज का प्रभावी इलाज अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इसमें किसी प्रकार की भी लापरवाही हम सबके लिए घातक साबित हो सकती है। अतः सभी धर्मगुरू अपने-अपने धर्माें के अनुयायियों से लाॅकडाउन का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने की अपील करें। साथ ही, वे यह भी अपील करें कि लोग प्रशासन और पुलिस का पूरा सहयोग करें।

मुख्यमंत्री ने सभी धर्मगुरुओं से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आज रात्रि 09 बजे 09 मिनट के लिए घरों की लाइट बन्द कर दीया, मोमबत्ती, टाॅर्च, मोबाइल फ्लैश लाइट जलाकर कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में अपनी एकजुटता का प्रदर्शन करने की अपील की। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार प्रदेश की जनता के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि इस संकट से उबरने के लिए लोगों के पूरे सहयोग की अपेक्षा है। उन्होंने धर्मगुरुओं से अपने सुझावों से शासन-प्रशासन को लिखकर अवगत कराने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि प्रशासन से तालमेल बनाते हुए सभी धर्मगुरू अपने-अपने समुदाय में जागरूकता फैलाएं, ताकि कहीं भी भ्रम की स्थिति न बने। उन्होंने धर्मगुरुओं को अपनी आवश्यकताओं से प्रशासन को अवगत कराने के लिए भी कहा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 25 मार्च, 2020 से लागू किए गए पूर्ण लाॅकडाउन को सफल बनाने के लिए सभी तैयारियां की गई हैं। राज्य सरकार द्वारा सभी प्रकार के आयोजनों को स्थगित कर दिया गया था। सभी धर्मगुरुओं ने राज्य सरकार द्वारा किसी भी प्रकार के आयोजन को न करने की अपील को पूरी तरह माना, जिसके लिए उन सभी की प्रशंसा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि बीमारी मत, मजहब देखकर नहीं आती है। पूरे देश में लाॅकडाउन को लागू किए जाने से भारत की स्थिति अन्य देशों की तुलना में फिर भी अच्छी है। उन्होंने कहा कि सभी लोगाें को लाॅकडाउन के बचे हुए दिनों में भी एहतियात बरतने की आवश्यकता है। सोशल डिस्टेंसिंग हर हाल में बनाए रखी जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान राज्य सरकार द्वारा गरीब जनता को राहत पहुंचाने के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि 'प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना' के अन्तर्गत गरीबों को लाभान्वित किया जा रहा है। 01 अप्रैल, 2020 से अन्त्योदय कार्डधारकों, मनरेगा श्रमिकों, श्रम विभाग में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों तथा नगर विकास विभाग के अन्तर्गत दिहाड़ी मजदूरों को निःशुल्क राशन वितरित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के 20 लाख से अधिक निर्माण श्रमिकों को 1000 रुपए का भरण-पोषण भत्ता दिए जाने की कार्यवाही प्रारम्भ की गई है। मनरेगा मजदूरों को 611 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। वृद्धावस्था, निराश्रित महिला, दिव्यांगजन व कुष्ठावस्था पेंशन के लाभार्थियों को 02 माह की अग्रिम पेंशन की 871 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि उनके खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर की गई है। इससे लगभग 87 लाख लाभार्थी लाभान्वित हुए हैं। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बड़ी संख्या में लाभार्थियों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 2.34 करोड़ किसानों को धनराशि रिलीज कर लाभान्वित किया गया है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत बड़ी संख्या में लाभार्थियों को अगले 03 माह तक प्रतिमाह 01 गैस सिलेण्डर निःशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। प्रधानमंत्री जनधन योजना की महिला खाताधारकों के खातों में अगले तीन महीनों के दौरान प्रतिमाह 500 रुपए हस्तान्तरित किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने मनरेगा श्रमिकों सहित सभी गरीब व्यक्तियों के लिए निःशुल्क खाद्यान्न की व्यवस्था की है। इसके अन्तर्गत प्रत्येक श्रमिक को 03 माह तक निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाएगा। प्रदेश सरकार श्रमिकों को निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध करा रही है। उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत मजदूरी 182 रुपए से बढ़ाकर 202 रुपए कर दी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि प्रदेश में कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे। जिलाधिकारियों को उनके जनपदों में राशनकार्ड विहीन लोगों की सूची बनाकर सभी को 1000 रुपए का भरण-पोषण भत्ता व राशन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। जगह-जगह कम्युनिटी किचन स्थापित कर लोगों को खाना उपलब्ध कराया जा रहा है। पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था की गई है। बाजार में आवश्यक वस्तुओं की कमी न हो, सरकार ने इसकी पुख्ता व्यवस्था की है। आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई के लिए 25 हजार वाहन लगाए गए हैं। इसके अतिरिक्त, उत्तर प्रदेश पुलिस के 3500 से अधिक वाहन सुरक्षा के साथ-साथ अन्य कार्य भी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना से उपचार के लिए लगातार व्यवस्थाएं सुदृढ़ की जा रही हैं। वर्तमान में कोरोना की 08 टेस्टिंग लैब्स स्थापित की जा चुकी हैं। इसके अलावा, सभी जनपदों में लेवल-1, लेवल-2, लेवल-3 के अस्पताल, टेस्टिंग लैब, आइसोलेशन व क्वाॅरण्टीन वाॅर्ड स्थापित किए गए हैं। कोरोना से निपटने के लिए निजी अस्पताल भी आगे आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति के सहयोग से देश कोरोना के खिलाफ जंग को हर हाल में जीतेगा।

मुख्यमंत्री ने जनपद वाराणसी में संकट मोचन मन्दिर के महंत डाॅ विशम्भरनाथ मिश्रा, लखनऊ के धर्मगुरू मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली एवं धर्मगुरू मौलाना सैय्यद कल्बे जवाद, सहारनपुर के जमीयत उलेमा हिन्द के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना मो0 महमूद मदनी तथा दारुल उलूम देवबन्द के मोहतमिम मोहम्मद कासिम नोमानी, गोरखपुर के मोहद्दीपुर गुरुद्वारे के धर्मगुरू यशपाल सिंह, आगरा से फादर नून लजारस, अयोध्या के महंत रामदास और प्रयागराज के धर्मगुरुओं से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वार्ता की। सभी धर्मगुरुओं ने लाॅकडाउन को सफल बनाने और कोरोना के खिलाफ जंग में पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया।

वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्य सचिव आरकेतिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी, पुलिस महानिदेशक हितेश चन्द्र अवस्थी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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