छठ पर्व को स्वच्छ त्योहार महोत्सव के रूप में मनाया जायेगा- प्रमुख सचिव
लखनऊ। प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य में होने वाली छठ पूजा को स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत 'स्वच्छ त्यौहार महोत्सव-2022' के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इसी के दृष्टिगत उन्होंने छठ पूजा को बिना किसी व्यवधान के खुशी एवं उत्साह के साथ मनाये जाने के लिए समस्त मण्डलायुक्त, जिलाधिकारी, नगर आयुक्त एवं निकायों के अधिशासी अधिकारियों निर्देश दिये हैं कि सम्पूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
अमृत अभिजात ने कहा कि छठ पूजा उत्सव को स्वच्छता के साथ पूरे उत्साहपूर्वक मनाये जाने के लिए श्रद्धालुओं व आम जनमानस को निकायों द्वारा प्रोत्साहित किया जाए। आगामी दिनांक 30 और 31 अक्टूबर को दो मुख्य छठ पूजा के दिनों में जनमानस और आगंतुकों के लिए घाटों की साफ-सफाई सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान दिया जाए। दिन में न्यूनतम दो बार घाटों की समुचित साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाए। पूजा घाटों के आस-पास समुचित साफ-सफाई व्यवस्था करायी जाए। यह भी सुनिश्चित किया जायेगा कि छठ पूजा के दौरान ठोस अपशिष्ट का प्रवाह नदियों के जल में न हो। यह सुनिश्चित किया जायेगा कि छठ पूजा घाटों के आस-पास कोई खुला डम्पिंग स्थल न हो। घाटों और उसके आस-पास के क्षेत्रों में स्वच्छता व साफ-सफाई रखने हेतु समुचित व्यवस्था की जाए।
प्रमुख सचिव ने कहा कि पूजा स्थलों की साफ-सफाई, अपशिष्ट संग्रहण हेतु जिलाधिकारी से समन्वय करते हुए उनके निर्देशों के अनुसार अलग-अलग शिफ्ट में कर्मचारियों व वाहनों को लगाया जायेगा। घाट स्थलों के आस-पास स्वच्छता एवं साफ-सफाई के संबंध में जागरूकता सम्बंधी निर्देश बोर्ड पर लगाया जाए। घाट के पास मोबाइल टॉयलेट/पोर्टेबल टॉयलेट लगाये जायेगे एवं इससे सम्बंधित संदेश के बोर्ड भी स्थल पर स्थापित कराये जायेगे। घाट के आस-पास कचरा संवेदनशील स्थलों की पहचान करते हुए उनकी सुन्दरता हेतु वृक्षारोपण आदि के माध्यम से सौन्दर्यीकरण कराया जायेगा।
उन्होंने कहा कि घाट व पूजा स्थलों पर समुचित पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी। उपयोग के उचित संदेश सहित हरे और नीले रंग के कूड़ेदान को घाटों के आस-पास रखा जाए। घाटों के आस-पास रेड स्पॉट होने की स्थिति में निकायों द्वारा इनका चिन्हांकन किया जायेगा व वहाँ पर चेतावनी संदेश स्थापित कराया जाए। स्वच्छ भारत मिशन के बारे में जन-जागरूकता हेतु प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित किया जाए। घाट व पूजा स्थलों के आस-पास स्टॉल की स्थापना की जायेगी, जिससे जिंगल व छोटे वीडियो आदि तथा एसवीपीएस टीम द्वारा वार्ता के माध्यम से हरे कचरे और नीले कचरे के पृथक्करण, सिंगल यूज प्लास्टिक, स्वच्छ सर्वेक्षण फीडबैक व अन्य स्वच्छता सम्बंधी नागरिक दायित्वों हेतु जागरूक किया जायेगा। जल प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से निकायों द्वारा यह सुनिश्चित किया जायेगा कि अर्पण कलश को नदी के अन्दर स्थापित किया जाए।