बोली हाई कोर्ट- नहीं बिकेगी ऑनलाइन शराब- याचिका खारिज
प्रयागराज। हाईकोर्ट ने शराब की ऑनलाइन बिक्री के तहत होम डिलीवरी की अनुमति देने से इंकार कर दिया है। इस बाबत दाखिल की गई जनहित याचिका की ओर से खारिज कर दी गई है। अपने आदेशों में अदालत ने कहा है कि यह राज्य सरकार का नीतिगत मामला है। फिलहाल ऑनलाइन शराब की बिक्री की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
पेशे से अधिवक्ता गोपालकृष्ण पांडे की ओर से हाईकोर्ट में दाखिल की गई याचिका में कहा गया था कि शराब की ऑनलाइन बिक्री किए जाने से राज्य सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी होगी और ऐसे सीनियर सिटीजन और अन्य लोगों को सुविधा होगी जो दुकान पर जाकर शराब खरीदने में शर्म या हिचकिचाहट महसूस करते हैं। हाईकोर्ट ने कहा है कि याचिकाकर्ता ने उच्चतम न्यायालय के फैसले से अलग कारणों से शराब की ऑनलाइन बिक्री कराने की मांग की है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएन भंडारी और न्यायमूर्ति एससी शर्मा की खंडपीठ ने इस मामले पर बुधवार को सुनवाई की है। याची ने यह भी कहा था कि शराब की ऑनलाइन बिक्री से कम खर्च में दुकान चलाई जा सकेगी। शराब की दुकान पर अनावश्यक भीड़ ना होने से राज्य की कानून व्यवस्था में भी सुधार होगा। इसके अलावा अधिवक्ता ने यह भी तर्क दिया कि कुछ राज्य सरकारों ने शराब की ऑनलाइन बिक्री और होम डिलीवरी किए जाने की अनुमति देने के लिए अधिसूचना जारी की है। हाईकोर्ट ने कहा है कि याचिकाकर्ता ने राज्य के राजस्व को बढ़ाने पर अपनी चिंता दिखाई है। इसमें शराब की अतिरिक्त खरीद होने की बात कही गई है। जैसा कि याचिकाकर्ता ने कहा है कि इससे ऐसे लोग भी शराब खरीद सकते हैं जो दुकान पर जाने से हिचकिचाते हैं। परंतु याचिका में कोरोना वायरस के तहत भीड़ से बचने या फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करने के कारण नहीं दिए गए हैं।