भाकियू ने घेरी कलेक्ट्रेट व तहसील, ट्रैक्टर घुसानेे को लेकर हुई नोकझोंक

भाकियू ने घेरी कलेक्ट्रेट व तहसील, ट्रैक्टर घुसानेे को लेकर हुई नोकझोंक
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हापुड़। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के आह्वान पर केंद्र सरकार की ओर से लाई गई अग्निपथ योजना के विरोध में कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट एवं तहसील का घेराव करते हुए धरना दिया। सदर तहसील में ट्रैक्टर घुसाने को लेकर भाकियू कार्यकर्ताओं की एसडीएम के साथ तीखी नोकझोंक भी हुई। मौके पर मौजूद लोगों ने किसी तरह से मामले को शांत कराया। महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन किसानों की ओर से एसडीएम को सौंपा गया।

शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत के आह्वान पर भारतीय किसान यूनियन के दर्जनों कार्यकर्ता किसानों को साथ लेकर कलेक्ट्रेट के साथ-साथ हापुड़ तहसील में धरना प्रदर्शन और ज्ञापन देने के लिए पहुंचे। ट्रैक्टरों के साथ पहुंचे भाकियू कार्यकर्ताओं ने जब अपने वाहन तहसील के भीतर घुसा दिए तो ट्रैक्टरों को बाहर निकालने के लिए भाकियू कार्यकर्ताओं की उप जिलाधिकारी हापुड़ के साथ तीखी नोकझोंक भी हुई। जैसे ही एसडीएम ने किसानों को ट्रैक्टर बाहर निकालने को कहा वैसे ही किसान बिफर उठे। मौके पर मौजूद लोगों ने बमुश्किल मामले को संभालकर शांत कराया है।

इस दौरान एसडीएम को महामहिम राष्ट्रपति के नाम सौंपे गए ज्ञापन में भाकियू की ओर से कहा गया है कि हमारे देश के युवाओं के लिए सेना में भर्ती के लिए जो सरकार अग्निवीर योजना लाई है, इसको समाप्त किया जाए। सरकार की नई योजना में सेना के भीतर जवानों की परमानेंट नौकरी व भर्ती बंद कर दी गई है। थलसेन वायु सेना मे जो पक्की भर्ती की प्रक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी थी और जिसमें फाइनल टेस्ट या नियुक्ति पत्र जारी करने बाकी थे उन्हे भी रदद कर सरकार ने युवाओं के सपनों पर कुठाराघात किया है। अब सेना में भर्ती सिर्फ 4 साल के कांटेक्ट की नौकरी रह जाएगी। अग्निवीर नामक इन अस्थाई कर्मचारियों को न तो कोई रेंक दिया जाएगा ओर न हीं 4 साल के बाद कोई ग्रेच्युटी या पेंशन। 4 साल की सेवा समाप्त होने के बाद इनमें से एक चौथाई या उससे भी कम को ही सेना में पक्की नौकरी दी जाएगी।

ज्ञापन में कहा गया है कि वर्ष 2020 में हुई पिछली भर्ती में 87 हजार नियुक्तियों की जगह इस योजना के पहले साल में सिर्फ 46000 और पहले 4 साल में कुल दो लाख को नियुक्त किया जाएगा जो बड़ी हैरानी की बात है। इतने बड़े और दूरगामी बदलावों की घोषणा करने से पहले सरकार द्वारा किसी न्यूनतम भर्ती की प्रक्रिया का कोई भी पालन नहीं किया गया। संसद के दोनों सदनों या संसद की रक्षा मामलों की स्थाई समिति के सामने इन प्रस्तावों पर कोई चर्चा नही की गई है।

इस योजना से प्रभावित होने वाले स्टेक होल्डर भर्ती के आकांक्षी युवा सेवारत जवान और अफसर सघन भर्ती के इलाकों के जनप्रतिनिधि और साधारण जनता के साथ कभी कोई भी विचार-विमर्श नहीं किया गया है। उल्टे पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने वर्तमान रेजिमेंट भर्ती व्यवस्था को बनाए रखने और रिटायरमेंट की आयु को बढ़ाने जैसे फैसले लिए है और अगर यह योजना वर्तमान स्वरूप में लागू होती है तो आने वाले 15 वर्षों में हमारे सैन्य बलों की संख्या आधी या उससे भी कम रह जाएगी और यह सोचना भी हास्यपद है कि 4 साल की अवधि में अग्निवीर वो तकनीकी दक्षता और संस्कार हासिल नही कर पाएंगे जिसके आधार पर वह देश की रक्षा के लिए प्राणों की बाजी लगा सकेंगे।

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