भाकियू ने शासन के सामने जोर शोर से उठाई किसानों की समस्यायें
लखनऊ। भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने शासन के अधिकारियों के साथ बैठक में शामिल होते हुए बिजली के भारी भरकम दामों पर गहरी नाराजगी जताते हुए धान खरीद, गन्ना भुगतान, आवारा पशुओं पर नियंत्रण, खाद की उपलब्धता और किसानों के निजी नलकूप का सामान सामान्य योजना के अंतर्गत निर्गत किए जाने तथा कृषि ऋण में किसानों की जमीन नीलाम नही किये जाने जैसे मुद्दे उठाते हुए इन्हें लेकर विस्तृत रूप से चर्चा की।
शनिवार को किसानों की समस्याओं को लेकर भाकियू के नेताओं की शासन के अधिकारियों से कृषि उत्पादन कार्यालय पर बैठक आयोजित की गयी। जिसमें धान खरीद, गन्ना भुगतान, आवारा पशुओं के नियंत्रण, खाद की उपलब्धता, बिजली के दाम कम करने, किसानों के निजी नलकूप का सामान सामान्य योजना के अंतर्गत निर्गत किये जाने, कृषि ऋण में किसानों की जमीन नीलाम न किये जाने पर विस्तृत चर्चा की गयी।
धान खरीद में 2 नवंबर तक तेजी लाने व खरीद में भ्रष्टाचार करने वालों पर कार्यवाही का आश्वासन देते हुए अधिकारियों की ओर से पूरे प्रदेश में 3 नवंबर तक सभी क्रय केंद्र चालू कराने के निर्देश दिए जाने पर सहमति बनाई गयी। धान खरीद में सत्यापन का अधिकार लेखपाल को दिए जाने व ऑफलाइन सत्यापन का आश्वासन दिया गया। बिजली की दरें कम करने व सामान्य योजना का सामान निर्गत किये जाने हेतु डाटा मंगाकर सामान दिए जाने तथा बिजली दरों पर विचार करने का भी आश्वासन भी भाकियू नेताओं को दिया गया। इसके अलावा 3 दिसम्बर तक शुगर मिलों का इंडेन्ट जारी करने व दीपावली से पूर्व भुगतान का आश्वासन दिया गया। प्रदेश में मांग के अनुसार क्षेत्रवार 10 नवंबर तक आपूर्ति सुनिश्चित किये जाने का भी आश्वासन दिया गया। उपरोक्त सभी विषयों पर प्रगति को लेकर 8 नवंबर को पुनः बैठक तय की गयी।
बैठक में अवनीश अवस्थी अपर मुख्य सचिव गृह, कृषि उत्पादन आयुक्त, प्रमुख सचिव कृषि, खाद्य आयुक्त, सचिव गन्ना, सचिव बिजली सहित कई अधिकारी मौजूद रहे। किसानों की ओर से भाकियू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेश सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष राजवीर जादौन, धर्मेन्द्र मलिक मीडिया प्रभारी, दिगंबर सिंह, हरिनाम सिंह वर्मा, हसीब सिंह, दिलबाग सिंह, बलजिंदर सिंह मान, अनुपम चौधरी, गुरमीत सिंह,सहित 21 लोग मौजूद रहे।