पहचान पत्र देखकर ही लेने दें बिजली मीटर रीडिंग
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने बिजली की मीटर रीडिंग लेने के लिये आने वालों के नाम पर कुछ अवांछनीय घटनाओं पर संज्ञान लेते हुए उपभोक्ताओं की सुरक्षा के दृष्टिगत महत्वपूर्ण दिशा निर्देश जारी किए हैं। इनमें प्रदेश वासियों से अपील की गयी है कि वे मीटर रीडिंग लेने वालों के परिचय पत्र देख कर ही रीडिंग लेने दें।
दिशा निर्देशों के अंतर्गत अब उपभोक्ता मीटर रीडिंग लेने वालों का परिचय पत्र देख सकेंगे। मीटर रीडिंग लेते वक्त उसके साथ फोटो खींच सकेंगे। इसके अलावा मीटर रीडर के लिए भी तत्काल रीडिंग अपलोड करने समेत कुछ अन्य सावधानियां बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने रविवार को इस शासनादेश की प्रति को ट्वीटर पर साझा किया है। यूपीपीसीएल के महाप्रबंधक द्वारा यह शासनादेश मुख्यतः लखनऊ, कानपुर, मेरठ, वाराणसी एवं आगरा विद्युत वितरण निगम लि. के लिए जारी किया गया है।
शासनादेश में कहा गया है कि विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत चेकिंग के नाम पर भ्रम में डालकर या डराकर अवांछनीय तत्वों द्वारा अनुचित लाभ लेने की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। उपभोक्ताओं के हित का संरक्षण करने के लिए एवं उन्हें किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से बचाने हेतु उपभोक्ताओं को सतर्क करके निगरानी बढ़ाना और कर्मचारियों द्वारा जांच करते समय सावधानियां बरता जाना आवश्यक है।
दिशानिर्देश में कहा गया है कि जब भी कोई चेकिंग टीम या व्यक्ति विद्युत संयोजन की जांच करने आते हैं, तो सबसे पहले उनका पहचान-पत्र मांग कर अवश्य देखा जाए। मीटर की चेकिंग के समय चेकिंग टीम के साथ अपनी जियोटैग फोटो इस प्रकार लें कि मीटर की रीडिंग के साथ तिथि व समय भी फोटो पर अंकित हो जाए। जियो फोटो पर लोकेशन, दिनांक आदि विवरण अंकित रहता है। जियोटैग फोटो हेतु मोबाइल में प्ले स्टोर पर इसके लिये अनेक एप निशुल्क उपलब्ध है।
जांच के विषय में किसी भी प्रकार की शंका, समस्या या शिकायत होने पर टोलफ्री नम्बर 1912 पर सम्पर्क करें। आवश्यक होने की स्थिति में चेकिंग टीम के सदस्यों से उनके निगम कार्यालय में ही मिले। कर्मचारियों को भी निर्देश दिया गया है कि जब भी कोई चेकिंग टीम या कर्मचारी विद्युत संयोजन की जांच करने जाएं तो सबसे पहले उपभोक्ता को अपना पहचान-पत्र अवश्य दिखा कर अपनी तैनाती का पूर्ण विवरण बतायें।
चेकिंग करते समय यदि उपभोक्ता चेकिंग टीम के साथ फोटो लेना चाहता है, तो उसका पूर्ण सहयोग किया जाये। चेकिंग के बाद मौके पर ही जांच आख्या निर्धारित प्रारूप में आए पोर्टल पर कारपोरेशन के निर्देशों के अनुसार अपलोड कर दिया जाय। जांच के बाद यदि और कोई जानकारी लेने हेतु उपभोक्ता को पुनः बुलाना आवश्यक हो तो उसे निगम कार्यालय में ही बुलाएं एवं सम्पर्क का स्थान और दूरभाष नम्बर से उपभोक्ता को अवगत कराने के साथ-साथ अपने उच्च अधिकारियों का दूरभाष नम्बर भी उपभोक्ता को अवश्य उपलब्ध कराये।
वार्ता