बेहट तहसील क्षेत्र में 115 लोगों का भूमि का आवंटन निरस्त
सहारनपुर । उत्तर प्रदेश में सहारनपुर जिले की बेहट तहसील क्षेत्र के तीन गांवों की सार्वजनिक उपयोग की 115 लोगों के नाम आवंटित 745.425 बीघा भूमि का आवंटन निरस्त हो गया है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया भूमि आवंटन को निरस्त करने के मुकदमे में बुधवार को अपर जिला मजिस्ट्रेट वित्त एवं राजस्व रजनीश कुमार मिश्र ने आदेश सुनाया था। जिला शासकीय अधिवक्ता राजस्व अजय त्यागी ने बताया कि बेहट तहसील क्षेत्र के गांव शेरपुर पेलो, रोशनपुर पेलो और अली अकबरपुर की सार्वजनिक उपयोग की भूमि का आवंटन 115 लोगों के नाम हुआ था, जो नियम विरुद्ध था। क्योंकि सार्वजनिक उपयोग की भूमि का आवंटन किसी व्यक्ति को सिर्फ आसामी पट्टे के रूप में किया जा सकता है और वह भी सिर्फ पांच वर्ष के लिए ही। उसके बाद यह आवंटन स्वत: निरस्त हो जाता है।
उन्होंने बताया कि नियम विरुद्ध आवंटन किए जाने का यह मामला 2018 से विचाराधीन था। उसमें अब्दुल वहीद एजुकेशन एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रशासनिक अधिकारी प्रवीण शर्मा की तरफ से आपत्ति भी दर्ज कराई गई थी। यह आपत्ति नियमानुसार नहीं थी, इसलिए स्वीकार नहीं की गई। जिन लोगों के नाम भूमि आवंटित हुई, उन्हें नोटिस भेजा गया, लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया। उपजिलाधिकारी बेहट की तरफ से भी इस संबंध में आख्या भेजी गई थी, जिसमें भूमि का आवंटन नियम विरुद्ध बताया गया था।
गौरतलब है कि अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) रजनीश कुमार मिश्र के न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद बुधवार को आदेश जारी किया था। आदेश में कहा कि भूमि को उसकी मूल नौइयत के अनुसार अभिलेखों में दर्ज किया जाए और कब्जा लिया जाए। इस संबंध में उपजिलाधिकारी बेहट को निर्देश दिया है कि एक पक्ष (15 दिन) के भीतर कार्यवाही कर रिपोर्ट पेश करें। तीन गांवो ग्राम शेरपुर पेलो की 27.207 हेक्टेयर, रोशनपुर पेलो की 9.246 हेक्टेयर और अली अकबरपुर की 13.242 हेक्टेयर यानी कुल 49.695 हेक्टेयर (745.425 बीघा) जमीन है, जिसका आवंटन निरस्त किया गया है। इसमें काफी हिस्सा अब्दुल वहीद एजुकेशन एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के पास बताया जा रहा है।
यह ट्रस्ट बसपा के पूर्व एमएलसी हाजी मोहम्मद इकबाल के पिता अब्दुल वहीद के नाम से है, इसमें बसपा एमएलसी महमूद अली उपाध्यक्ष हैं, जबकि हाजी इकबाल का बेटा वाजिद इसमें सचिव है। हाजी इकबाल पक्ष पूर्व में दो मुकदमे हार चुका है। ग्राम अकबरपुर की सार्वजनिक उपयोग और गोहर की भूमि को लेकर तहसीलदार बेहट न्यायालय में दो वाद 2017 में दर्ज हुए थे। आरोप था कि सार्वजनिक उपयोग और गोहर की भूमि पर अनधिकृत कब्जा करके अपनी जमीन में शामिल कर लिया गया। 19 नवंबर 2018 को तहसीलदार न्यायालय बेहट ने मुकदमे में ट्रस्ट के पदाधिकारियों को जमीन से बेदखली का आदेश जारी किया था। साथ ही एक मुकदमे में बतौर क्षतिपूर्ति सर्किल रेट के पांच प्रतिशत प्रतिवर्ष के अनुसार करीब 25 लाख और दूसरे मुकदमे में 4,71,500 रुपये सहित वाद व्यय और निष्पादन शुल्क के रूप में आरोपित किया था।