पर्चा निरस्त होने पर उम्मीदवार ने छिडका तेल-आत्मदाह का प्रयास
मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश में 18 वीं विधानसभा के गठन के लिए हो रहे चुनाव की प्रथम चरण की सीटों में शामिल जनपद मुजफ्फरनगर की मीरापुर विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी ने पर्चा निरस्त किए जाने के बाद कलेक्ट्रेट में हंगामा खड़ा कर दिया। आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी ने अपने ऊपर मिट्टी पेट्रोल छिड़क लिया और आग लगाकर आत्मदाह का प्रयास किया। इस दौरान उसे बचाने में लगे पुलिस कर्मियों के साथ आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी की जमकर धक्का-मुक्की भी हुई।
सोमवार को कलेक्ट्रेट में जनपर की छह विधानसभा चुनाव के लिए भरे गए नामांकन की जांच में जनपद मुजफ्फरनगर की मीरापुर विधानसभा सीट पर अपना नामांकन दाखिल कराने वाले प्रत्याशी मेजर सरदार जोगेंद्र सिंह का पर्चा खारिज कर दिया गया। नामांकन निरस्त किए जाने की जानकारी मिलते ही बुरी तरह से आगबबूला हुए आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी मेजर सरदार जोगेंद्र सिंह ने अपने ऊपर पेट्रोल छिड़क लिया और माचिस से आग लगाकर आत्मदाह करने की कोशिश की। कलेक्ट्रेट में सुरक्षा के लिए तैनात पुलिसकर्मियों ने जब आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी मेजर सरदार जोगिंदर सिंह को आत्मदाह करते हुए देखा तो पुलिसकर्मी तुरंत ही सरदार जोगिंदर सिंह की ओर लपके और उनके हाथ से माचिस छीन ली। लेकिन पर्चा निरस्त होने के बाद आत्मदाह करने की जिद पर अड़े आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी मेजर सरदार जोगेंद्र सिंह ने पुलिसकर्मियों के चंगुल से छूटने की कोशिश की। इस दौरान जमकर धक्का-मुक्की भी हुई। मौके पर किए गए सुरक्षा बंदोबस्तों की वजह से कचहरी में आए लोग दूर से ही इस हंगामे और तमाशे को देखते रहे। काफी देर के हंगामे के बाद पुलिस अधिकारी और कर्मचारी आम आदमी के प्रत्याशी मेजर सरदार जोगिंदर सिंह को अपने काबू में करने में सफल हुए।
मीडिया कर्मियों के साथ बातचीत करते हुए आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी मेजर सरदार जोगेंद्र सिंह ने प्रशासन पर सरकार के इशारे पर अपना पर्चा निरस्त किए जाने का आरोप लगाने के अलावा कई गंभीर आरोप भी अधिकारियों के ऊपर लगाए हैं। मेजर सरदार जोगेंद्र सिंह ने कहा कि हमने देश की रक्षा के लिए पहले अपना जीवन लगाया था, अब राजनीति के क्षेत्र में उतरकर दोबारा से देश की सेवा करना चाहते हैं तो अधिकारी उनके काम में कदम कदम पर अड़ंगा लगा लगा रहे हैं। उन्होंने अपना पर्चा जानबूझकर निरस्त किए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि हम समय समय पर जनता की आवाज को उठाते हुए धरना प्रदर्शन करते रहे है। अधिकारियों को यह बात सहन नही हो रही हो रही है। जिलाधिकारी और अन्य अधिकारियों की ओर से उनकी कोई बात नहीं सुनी गई है और उनके साथ दुर्व्यवहार करते हुए उनके पर्चे को जानबूझकर निरस्त किया गया है।