चादर हटाकर मौतों के मामले को छिपाने में लगा प्रशासन?
प्रयागराज। प्रयागराज में नदियों में बह कर आई लाशों के आंकड़े छुपाने के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा शवो ऊपर डाली गई चादरों को हटाने का काम किया जा रहा है।
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच मौतों का ऐसा तांडव हुआ कि चारों तरफ हाहाकार सा मचा। अस्पतालों में जगह नहीं मिली, ऑक्सीजन नई दवाओं का हाल बेहाल हो चुका था। लोग दवाओ की ब्लैक मेलिंग तक करने लगे थे। देखने में आया कि ऑक्सीजन के अभाव में भी लोगों की मृत्यु हुई। ऑक्सीजन समय पर ना मिलने के कारण लोगों ने दम तोड़ दिया। शासन प्रशासन से लेकर सरकार भी एक बार तो हताश नजर आने लगी थी।
दूसरी लहर में उत्तर प्रदेश में कई जगह से नदियों में शवो के नदी में बहकर आने का मामला भी सामने आया था। नदियों में बह कर आए शवों के कारण राजनीतिक पारा भी गरमा गया था। विपक्ष ने जमकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा था जिसको लेकर आज तक भी विपक्षी पार्टियां सरकार से सवाल करती है। ऐसा ही मामला यूपी के प्रयागराज में भी देखने को मिला था जहां पर नदियों के किनारे शवो रेत के नीचे दबा दिया गया था।
अब प्रयागराज जिला प्रशासन द्वारा शवों के ऊपर लगी राम नाम चादर हटाने का काम किया जा रहा है। आसपास लगी बल्लियों को भी जलाने का काम चल रहा है। शायद प्रशासन अब मौतों का आंकड़ा छुपाना चाहता है क्योंकि आसपास से गुजरने वाले लोगों को शव दबे अलग से ही नजर आते थे। शवो के ऊपर कपड़ा लगा हुआ था। मगर अब स्थानीय प्रशासन ने बल्लियों को जलाकर चादर हटाने का काम शुरू कर दिया है। जिससे आसपास से गुजरने वाले लोगों को दबे हुए शव नजर न आ सकते। शायद इससे मौतों का आंकड़ा भी लोगों को कम नजर आए?