इंस्पेक्टर अजय सिंह के परिवार को मिलें मुख्यमंत्री राहत कोष से 20 लाख : राजा भैया
लखनऊ । यूपी पुलिस में एक ऐसे इंस्पेक्टर भी थे, जिनकी मृत्यु के बाद उनके अकाउंट में सिर्फ 926 रुपये थे। प्रयागराज,प्रतापगढ़ सहित कई जिलों में उन्हें उनकी ईमानदार छवि के लिए जाना जाता था। स्वाट प्रभारी के पद पर कार्यरत इंस्पेक्टर अजय सिंह। बीते 16 अगस्त को उनकी प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल में कोरोना वायरस के कारण मौत हो गई। अपनी ईमानदारी के लिए चर्चित स्वाट प्रभारी की मौत से पूरे जिले में शोक की लहर दौड़ गई।
कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने पूरे विषय में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर मृतक इंस्पेक्टर अजय सिंह को मुख्यमंत्री राहत कोष से 20 लाख की आर्थिक सहायता व असाधारण पेंशन स्वीकृत करने की मांग की है। मुख्यमंत्री से मिलने के दौरान राजा भैया ने मांग पत्र भी दिया, जिस पर उन्होंने हर संभव सहायता की बात कही है।
प्रतापगढ़ में स्वाट प्रभारी के रूप में अपनी सेवा दे रहे अजय सिंह 2001 में उपनिरीक्षक बने। अजय सिंह चंदौली जिले के खुरुहूजा गांव के मूल निवासी थे। इंस्पेक्टर अजय सिंह एक बेटा (14 साल) और एक बेटी (8 साल) अपने पीछे छोड़कर गए हैं। इंस्पेक्टर अजय सिंह का परिवार प्रयागराज में किराए के मकान में रहता है। अजय सिंह के पास एक स्कूटी थी। 16 अगस्त को अजय की कोरोना संक्रमण के कारण मौत के बाद उनके बैंक अकाउंट में केबल 926 रुपये होने का दावा किया गया। वहीं, चर्चा है कि इंस्पेक्टर अजय सिंह इतने ईमानदार थे कि पैसों के अभाव में बीमा की पॉलिसी भी टूट गई थी। सैलरी के पैसे से पूरे परिवार की जरूरतों को पूरी करते थे।
पूरी स्वाट टीम का 3 अगस्त को कोरोना वायरस टेस्ट कराया गया, जिसमें स्वाट प्रभारी अजय सिंह और उनके टीम के 5 पांच सिपाही कोरोना संक्रमित पाए गए थे। 7 अगस्त को अजय सिंह की तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें प्रयागराज के कोविड अस्पताल में एडमिट कराया गया था, जहां 16 अगस्त को उनकी मौत हो गई। उनकी टीम के संक्रमित हुए पांचों सिपाही कोरोना संक्रमण से जंग जीत गए हैं।