बीस रुपये के लिए चला 11 साल मुकदमा
जौनपुर। उत्तर प्रदेश में जौनपुर जिले की एक अदालत ने मुंगराबाद शाहपुर इलाके में कपड़े की धुलाई के लिए बीस रुपये मांगने पर मारपीट व लूटपाट के मुकदमें मे शुक्रवार को चार आरोपितों को दोषमुक्त कर दिया। दिलचस्प ये कि मुकदमा 11 साल चला।
अभियोजन के अनुसार हरिश्चंद्र रजक ने एफआईआर दर्ज कराई थी कि उसकी मुंगराबादशाहपुर रोडवेज के पास लांड्री की दुकान है। घटना के एक सप्ताह पूर्व प्रदीप दुबे दो सेट पैंट-शर्ट धुलाई के लिए दे गये थे । उसने दोनों सेट धोकर प्रेस किया। दो अगस्त 2009 की शाम प्रदीप दुकान पर आए और पैसा मांगने पर अपशब्द कहा । कुछ देर बाद वे पिंटू दुबे, कल्लू दुबे और बरसाती यादव को लेकर दुकान पर आए और जातिसूचक गालियां देते हुए मारा पीटा। साथ ही सात हजार रुपये बीमा की किस्त के लूट ले गए।
तोड़फोड़ करते हुए जान से मारने की धमकी दी। पुलिस ने चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की। अपर सत्र न्यायाधीश एससी- एसटी कोर्ट में वादी एवं अन्य गवाह घटना से मुकर गए और कहा कि मारपीट से नहीं बल्कि बस के धक्के से चोट लगी।