दिमागी बुखार की रोकथाम के लिये कमर कसें विभाग : CM योगी
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना महामारी के विरुद्ध व्यापक पैमाने पर संघर्ष जारी है। ऐसे में जेई, एईएस तथा अन्य संचारी व विषाणुजनित रोगों के दृष्टिगत किसी भी प्रकार की लापरवाही या शिथिलता न बरती जाए और सभी सम्बन्धित विभाग आपसी तालमेल से काम करें।
प्रदेश में संचारी रोग नियंत्रण अभियान एक एक से 31 अक्टूबर और दस्तक अभियान एक से 15 अक्टूबर के बीच संचालित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि वर्ष 2016 में जेई व एईएस से 466 बच्चों की मृत्यु हुई थी, वहीं इस साल यह संख्या मात्र सात रही जो दर्शाती है कि प्रदेश सरकार की संचारी रोगों के प्रति अपनायी गयी रणनीति कितनी सफल रही। उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों के दौरान राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों से जेई व एईएस के नियंत्रण पर उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है, जो देश व दुनिया के लिए उदाहरण है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में पूरा विश्व कोविड-19 से त्रस्त है। ऐसे में, कोरोना के कारण इस वर्ष जिन बच्चों का नियमित टीकाकरण छूट गया है, ऐसे वंचित शिशुओं का चिन्हीकरण कर उनका टीकाकरण कराया जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, नगर विकास, पंचायतीराज, महिला एवं बाल विकास, ग्राम्य विकास, चिकित्सा शिक्षा, बेसिक व माध्यमिक शिक्षा, दिव्यांगजन सशक्तीकरण, कृषि, पशुपालन तथा सूचना विभाग को स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय बनाकर जेई व एईएस की रोकथाम व नियंत्रण की कार्यवाही में और तेजी लाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि व्यापक जागरूकता का कार्यक्रम संचालित किया जाए। पोस्टर, हैण्डबिल, इलेक्ट्राॅनिक एवं प्रिण्ट मीडिया के माध्यम से विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाए।
उन्होने इन रोगों के उपचार व नियंत्रण के लिए प्रशिक्षण पर बल देते हुए कहा कि संचारी रोगों के नियंत्रण में प्रशिक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ऐसे में, सभी जिलों में स्वास्थ्य सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण करते हुए आवश्यक उपकरणों एवं स्टाफ की व्यवस्था समयबद्ध ढंग से पूरी तैयारी के साथ उपलब्ध होनी चाहिए। कालाजार, डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया आदि संचारी रोगों के सम्बन्ध में नियंत्रण एवं बचाव के साथ-साथ जागरूकता अभियान भी चलाया जाए।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इंसेफ्लाइटिस से प्रभावित जनपदों में उपचार की व्यवस्था सीएचसी, पीएचसी और जिला चिकित्सालयों पर सुनिश्चित हो। शौचालयों का निर्माण व उनकी साफ-सफाई की भी व्यवस्था रहे। उन्होंने कहा कि मातृ एवं नवजात शिशु की देखभाल और पोषण के साथ-साथ उपचार सम्बन्धी व्यवस्थाओं में किसी भी प्रकार की कमी न हो।
उन्होंने कहा कि जेई व एईएस वेक्टर जनित रोग हैं। इसलिए इनकी रोकथाम के लिए विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जाए। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए किए जा रहे सैनिटाइजेशन से जेई व एईएस तथा संचारी रोगों के नियंत्रण में भी मदद मिलेगी।