कलेक्टर ने आम आदमी बन परखी जनसुविधा केंद्रों की हकीकत, 3 संचालकों पर गिरी गाज

कलेक्टर  ने आम आदमी बन परखी जनसुविधा केंद्रों  की हकीकत, 3 संचालकों पर गिरी गाज

मुजफ्फरनगर । जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय के काम करने का अनोखा अंदाज जहां जनमानस को राहत दिला रहा है वहीं फैले भ्रष्टाचार पर जोरदार प्रहार कर पारदर्शी व ईमानदार प्रशासन देने की मुहिम को आगे बढा रहा है। इसी कडी में जिलाधिकारी ने जनसुविधा केन्द्रों की आ रही शिकायतों का संज्ञान ले खुद ही उनकी तह तक जाने की ठानी और निकल पडे काश्तकार बन जनसुविधा केन्द्रों की हकीकत जानने। जिलाधिकारी ने अपने निरीक्षण में सदर तहसील के 6 जनसुविधा केन्द्रो पर आम आदमी बन छापेमारी करते हुए 3 जन सेवा केन्द्रों पर निर्धारित शुल्क से अधिक शुल्क लिये जाने को पकडा। उन्होने तहसील सदर क्षेत्र में विभिन्न प्रमाणपत्रों को बनवाने के लिए पूछताछ की जिसमें सोनू केवलपुरी, ने आय एवं जाति प्रमाण के लिए 100 रूपये शुल्क बताया, गौरव वर्मा आनन्दपुरी आय प्रमाण के लिए 100 रूपये तथा मौ0 फरमान 40 फुटा रोड निकट कादिर राणा आवास द्वारा आधार कार्ड नम्बर राशन कार्ड मे दर्ज कराने के लिए 100 रूपये शुल्क बताया गया। जिलाधिकारी ने तीनों जनसुविधा केन्द्रों को निर्धारित शुल्क से अधिक शुल्क लेने पर तत्काल इनका लाईसेंस निरस्त करने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि आम आदमी का उत्पीडन बर्दाशत नही किया जायेगा। उन्होने कहा कि काफी समय से शिकायते मिल रही थी कि जनसुविधा केन्द्रो पर निर्धारित शुल्क से ज्यादा शुल्क लिया जा रहा है और अनावश्यक आवेदनकर्ता केा विलम्ब किया जा रहा है। उन्होने कहा कि शिकायत की सच्चाई जानने के लिए यह कार्यवाही की गई।

जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने इसी परिपेक्ष्य मे ंआज तहसील सदर सभागार में सदर क्षेत्र के सभी जन सुविधा केन्द्र संचालकों के साथ एक आवश्यक बैठक करते हुए स्पष्ट संदेश दिया कि काश्तकार व आम आदमी का उत्पीडन बर्दाश्त नही किया जायेगा। उन्होने कहा कि अगर किसी जनसुविधा केन्द्र की शिकायत मिलती है कि निर्धारित शुल्क ने अधिक शुल्क अधिक प्रमाण पत्रों के बनावाने में लिया जा रहा है तो ऐसे संचालक जेल जाने के लिए तैयार हो जाये। उन्होने कहा कि आगे भी ऐसी छापेमारी जारी रहेगी। और जो संचालक शिकजे मे आयेगा उसके केन्द्र का लाईसेंस तत्काल निरस्त कर उसे जेल भेजने की तेयारी कर दी जायेगी। उन्होने कहा कि किसी भी स्तर पर अगर गडबड मिली तो बिलकुल नही बख्शा जायेगा। उन्होने कहा कि सभी संचालक अपने अपने दिमाग में यह अच्छी तरह डाल ले कि अगर किसान या आमजन को अगर कोई परेशानी हुई किसी भी सूरत में नही छोडेगे। उनहोने कहा कि आवेदनकर्ता केा भ्रमित न किया जाये। उसे पूर्ण जानकारी प्रदान की जाये।

जिलाधिकारी ने निेर्दश दिये कि सभी केन्द्र संचालक अपने अपने केन्द्र के बाहर एक फलेक्स लगायेगे और उस पर प्रमाण पत्रों का निर्धारित शुल्क अंकित किया जायेगा और लिखा जायेगा कि यहां निर्धारित शुल्क ने अधिक शुल्क नही लिया जाता। उन्होने कहा कि सभी संचालक अपने अपने केन्द्र पर एक रजिस्टर तैयार करेगे और उसमे आवेदनकर्ता का नाम, प्रमाण पत्र नाम जो बनवाना है, लिया गया शुल्क, किस दिन आवेदन किया गया और किस दिन प्रमाण पत्र आवेदनकर्ता को दिया गया का कालम बनाकर आवेदनकर्ता से हस्ताक्षर करायगे। उन्होने एसडीएम को निर्देश दिये कि इन केन्द्रों का औचक निरीक्षण जारी रहेगा और निरीक्षण के दौरान रजिस्टर को अवश्यक चैक किया जायेगा। उन्होने कहा कि सभी सैन्टरों का भौतिक सत्यापन कराया जाये। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी तहसीलों में जनसुविधा केन्द्रो की बैठक आयोजित कराई जाये। उन्होने कहा कि सभी तहसीलों में औचक निरीक्षण चलेगा। बैठक में एसडीएम सदर कुमार धमेन्द्र, तहसीलदार अमित मलिक, सहित जनसुविधा केन्द्र संचालक उपस्थित थे।

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