ईमानदार उपभोक्ता ही हमारी सबसे बड़ी शक्ति है-श्रीकांत शर्मा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री पंडित श्रीकान्त शर्मा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जिलों के हाई लाइन लॉस वाले शहरी व ग्रामीण उपकेंद्रों की समीक्षा की। उन्होंने हाई लॉस वाले उपकेंद्रों को रेड कैटेगरी से ग्रीन कैटेगरी में लाने और सस्ती व निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। इस कार्य में लापरवाही पाये जाने पर जवाबदेही तय की जाये। यूपीपीसीएल चेयरमैन इस लक्ष्य की लगातार मॉनिटरिंग करें।
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने सहारनपुर के सांपला रोड व अम्बाला रोड, संभल के सैदपुर जसकोली व रुकनुद्दीन सराय, शामली के खान्द्रवाली व कैराना देवी मंदिर, अमरोहा के ईडीएसडी ताहरपुर व अहरोई, बागपत के संतनगर व बागपत टाउन, बिजनौर के खाईखेड़ी व बिजनौर, बुलंदशहर के चिरौरी व टीपी नगर, हापुड़ के हरौरा व रामपुर रोड, मेरठ के हर्रा व सूरजकुंड, मुरादाबाद के सुल्तानपुर दोस्त व जीआईसी, मुजफ्फरनगर के हरसौली व सुजरू, रामपुर के भोत व थाना गंज, उपकेंद्रों की समीक्षा की। उन्होंने हाई लाइनलॉस फीडर्स वाले विद्युत उपकेंद्रों को रेड कैटेगरी से ग्रीन कैटेगरी में लाने और सस्ती बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।
मंत्री पंडित श्रीकान्त शर्मा ने कहा कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि सभी उपभोक्ताओं को सही बिल व समय पर बिल मिले। साथ ही सभी चिह्नित उपकेंद्रों की लाइन हानियों को 15 फीसदी से नीचे ले आएं। जिससे सस्ती, पर्याप्त और निर्बाध विद्युत आपूर्ति का संकल्प पूरा करने में आसानी हो। उन्होंनेे कहा कि लाइन लॉस कम करने के लिये बिजली चोरी पर रोक लगना और समय पर बिल जमा करना बेहद जरूरी है। इसलिए यह संकल्प जन सहयोग से ही पूरा हो सकता है। इसके लिये स्थानीय जन प्रतिनिधियों का सहयोग लेकर आमजन को प्रेरित करें। उन्होंने निर्देशित किया कि ईमानदार उपभोक्ता ही हमारी सबसे बड़ी शक्ति है। उन्हें सही बिल व समय पर बिल मिले। अधिक बिल आने की शिकायतों को गंभीरता से लेकर उनका समाधान करें और उपभोक्ता को संतुष्ट करें। उपभोक्ता को गलत बिल मिला है तो संबंधित क्षेत्र की बिलिंग एजेंसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायें। ईमानदार उपभोक्ता परेशान नहीं होना चाहिए। अधिकारियों का व्यवहार भी उपभोक्ताओं से मधुर हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि अधिकारी उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर भी अपने पास रखें। उनसे सुविधाओं के बारे में फीडबैक भी लें और उन पर काम करें। उन्होंने कहा कि 60 दिन के भीतर सभी चिह्नित किये गए फीडरों पर लाइन लॉस 15 फीसदी से नीचे लेकर आना है। उपकेंद्र आत्मनिर्भर बनेंगे तभी कॉर्पोरेशन को आत्मनिर्भर बनाया जा सकेगा।