आराधना मिश्रा ने सीएम योगी को लिखा पत्र
लखनऊ। कांग्रेस विधान मंडल दल उत्तर प्रदेश की नेता आराधना मिश्रा ने सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने इन्दिरा गाॅधी द्वारा शुरू की गयी योजना का उल्लेख करते हुए कुछ सवाल आज की व्यवस्था को लेकर उठाएं है।
आराधना शुक्ला ने इस पत्र में कहा है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गाँधी ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण योजना की शुरूआत करते दिनांक 2 अक्टूबर 1975 को समन्वित बाल विकास परियोजना की शुरूआत की थी, जिसमें 0-6 साल के बच्चे, गर्भवती महिलाओं एवं किशोरियों के स्वास्थ्य की देखभाल एवं उनका पोषण हो सके। इसके लिये आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्थापना की गयी, और उसके संचालन हेतु आंगनवाड़ी कार्यकत्री, मिनी आंगनवाड़ी कार्यकत्री, आंगनवाड़ी सहायिकाओं के पदों पर नियुक्ति की गयी। और इन्हें जीवन यापन हेतु 'मानदेय' दिया जाता है।
निम्नलिखित कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहती हूँ। - 1 प्रमुख सचिव, महिला एवं बाल विकास के दिनांक- 4 सितम्बर 2012 के पत्र के अनुसार आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों, मिनी आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों, आंगनवाड़ी सहायिकाओं की सेवायें 62 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर समाप्त हो जायेंगी।
2. वर्ष 2013 में उच्च न्यायालय में इनके 65 वर्ष में सेवानिवृत्ति का एफिडेविट दिया गया।
3. अण्डर सेकेटरी भारत सरकार ने भी 65 वर्ष में इन्हें सेवानिवृत्त किये जाने हेतु प्रस्तावित किया।
4. निदेशक, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार, उत्तर प्रदेश के दिनांक 8 अगस्त 2013 के पत्र के अनुसार शासन के अग्रिम आदेशों तक 62 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुकी इन कर्मियों को मानदेय का भुगतान किया जाता रहे।
5. गरिमा यादव, विशेष सचिव के पत्र दिनांक 22 जुलाई 2020 द्वारा पुनः इन्हें 62 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर सेवानिवृत्त करने का आदेश दिया। कई को 62 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर सेवानिवृत्त भी कर दिया गया है तथा जो संघर्ष कर रही है उन पर सेवा निवृत्ति के लिये दबाव डाला जा रहा है और परेशान किया जा रहा है।
इस समय प्रदेश में 2 लाख 01 हजार 259 केन्द्र स्थापित है, तथा कुल 3 लाख 54 हजार 259 आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी एवं सहायिका कार्यरत हैं। आंगनवाड़ी कार्यकत्रियो व मिनी आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के अभाव में कई आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पद रिक्त है और एक एक आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों व मिनी आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को दो-दो या तीन-तीन केन्द्रों का प्रभार दिया गया है, ऐसी स्थिति में केन्द्र संचालन में भी बाधा आ रही है।
आपसे आग्रह है कि कृपया आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों व मिनी आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों एवं आंगनवाड़ी सहायिकाओं की महत्वपूर्ण उपयोगिता को देखते हुये, तथा अण्डर सेकेटरी भारत सरकार के प्रस्ताव एवं उच्च न्यायालय में दिये गये एफीडेविड को दृष्टिगत रखते हुये इनके सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष निर्धारित किये जाने हेतु प्रभावी आदेश देने का कष्ट करें।