आगरा दुखद घटना पर बोली मायावती-मामले की उच्च स्तरीय जांच कराये योगी सरकार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में जाति को लेकर भेदभाव की एक शर्मनाक घटना सामने आई है। यहां एक दलित महिला की मौत के बाद महिला का अंतिम संस्कार किया जा रहा था। तब गांव के उच्च जाति के लोगों ने कथित तौर पर शव को चिता से उतरवा दिया। आगरा में दलित महिला के शव को चिता से हटाने की घटना की निंदा करते हुये बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने दोषियों को कड़ी सजा दिलाने और मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। जिस पर मायावती ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए मंगलवार को ट्वीट किया।

मायावती ने ट्वीट कर लिखा "यूपी में आगरा के पास एक दलित महिला का शव वहाँ जातिवादी मानसिकता रखने वाले उच्च वर्गों के लोगों ने इसलिए चिता से हटा दिया, क्योंकि वह शमशान-घाट उच्च वर्गों का था, जो यह अति-शर्मनाक व अति-निन्दनीय भी है।" उन्होने कहा " इस जातिवादी घृणित मामले की यूपी सरकार द्वारा उच्च स्तरीय जाँच होनी चाहिये तथा दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिये, ताकि प्रदेश में ऐसी घटना की फिर से पुनरावृति ना हो सके, बीएसपी की यह पुरजोर मांग है।"

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के अछनेरा तहसील के रायभा गांव में पिछली 20 जुलाई को सोमवार को एक दलित महिला की मौत हो गई। महिला का जब अंतिम संस्कार किया जा रहा था। तब गांव के उच्च जाति के लोगों ने कथित तौर पर पर अगड़ी जाति के कुछ लोगों ने रूकवा दिया था।

महिला नट जाति से संबंधित थी। बीमारी से उसकी मौत हो गई। इसके बाद परिजन ने गांव के श्मशान घाट पर उसकी चिता सजाई। जैसे ही चिता को अग्नि दी गई, गांव के उच्च जाति के लोगों ने आकर उन्हें रोक दिया। इतना ही नहीं, उन्होंने शव को चिता से उतरवा दिया। इसके बाद मामले को हल करने के लिये पुलिस के साथ सीओ और थाना प्रभारी भी मौके पर पहुंची लेकिन दबंगों के आगे उसे भी झुकना पड़ा जिसके बाद दलित महिला के शव को चिता से उतार लिया गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बबलू कुमार ने मामले की जांच के आदेश दिये हैं। इसके बाद जलती चिता से शव को हटाकर दूसरी जगह दाह संस्कार कराया गया।

बसपा अध्यक्ष ने एक अन्य ट्वीट में दिल्ली में एक दलित डाक्टर की कोरोना से हुयी मौत पर दुख व्यक्त करते हुये उनके परिवार की मदद करने की अपील सरकार से की है। उन्होने कहा "मध्यप्रदेश के दलित परिवार में जन्मे दिल्ली के एक डाक्टर की कोरोना से हुई मौत अति-दुःखद। दिल्ली सरकार को भी अपनी जातिवादी मानसिकता को त्यागकर उसके परिवार की पूरी आर्थिक मदद जरूर करनी चाहिये, जिन्होंने कर्जा लेकर उसे डाक्टरी की पढ़ाई कराई।

(हिफी न्यूज)

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