राज्यपाल ने 'राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना' के अन्तर्गत 'संस्थागत विकास योजना' का किया ऑनलाइन शुभारम्भ
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने आज राजभवन से उत्तर प्रदेश पण्डित दीन दयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान, मथुरा में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के उपक्रम 'राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना' के अन्तर्गत 23.75 करोड़ रूपये लागत की 'संस्थागत विकास योजना' का ऑनलाइन शुभारम्भ करते हुये कहा कि यह योजना शिक्षण की गुणवत्ता के उन्नयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी। उन्होंने कहा कि आज के समय में शिक्षकों को वैश्विक स्तर पर चल रहे क्रिया-कलापों, नये आविष्कारों और शोध कार्यों के विषय में अद्यतन होने के लिए उनसे सक्रिय सम्पर्क बनाये रखना होगा।
राज्यपाल ने कहा कि समय-समय पर शिक्षकों को नई विधाओं में प्रशिक्षण प्रदान किया जाना चाहिए। इसके लिये वांछित उपकरण व सामग्री से सुसज्जित प्रशिक्षण सुविधाओं का सृजन भी आवश्यक है। राज्यपाल ने कहा कि प्रशिक्षण की ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए कि ज्ञानार्जन व ज्ञानवर्धन में अवरोध पैदा न हो। उन्होंने कहा कि उपाधि प्राप्त करने के बाद कृषि विद्यार्थी सरकारी सेवायोजन की प्रतीक्षा व आकांक्षा ही न करता रहे, बल्कि उद्यमशील बने, जो न केवल ग्रामीण कृषक की आजीविका में सहायक होंगे, बल्कि राष्ट्र निर्माण में भी सकारात्मक योगदान दे सकेंगे। विद्यार्थियों को अपने कृषि ज्ञान का प्रयोग स्वयं के खेत में करके दूसरों को रोजगार देने का भी कार्य करना चाहिए।
आनंदीबेन पटेल ने कहा कि पशुपालन कृषकों के लिए अधिक लाभप्रद हो, इसके लिये इस क्षेत्र में विशेषज्ञों की संख्या एवं गुणवत्ता में वृद्धि करने की आवश्यकता है। पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों को न केवल पशु चिकित्सक बल्कि पशुपालन से जुड़ी प्रत्येक विधा के विशेषज्ञ तैयार करने के साथ-साथ उन्नतिशील किस्म के दुधारू पशुधन भी तैयार करने होंगे। इसके साथ ही पशुपालन को रोजगार से भी जोड़ना होगा। उन्होंने कहा कि पशुपालन सीमित कृषि योग्य भूमि की चुनौती का सामना करने में बहुत सहायक होगी और किसानों की आय को दोगुना करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी।
राज्यपाल ने कहा कि किसान अन्न तो पैदा करता है लेकिन बेचने पर कतई ध्यान नहीं देता है। लाभकारी मूल्य प्राप्त करने के लिए किसानों को किसान उत्पादक संगठन को अपनाना होगा। यह संगठन किसानी सोच को किसान व्यापारी सोच में परिवर्तित करता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक किसान को अपने आप को बदलना होगा और किसान से किसान व्यापारी बनना ही होगा। इससे किसान अपनी उपज का लाभकारी मूल्य प्राप्त कर अपनी आय बढ़ा सकता है।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, दुग्ध विकास एवं पशुधन मंत्री लक्ष्मी नारायण चैधरी, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक, डाॅ0 त्रिलोचन महापात्र, राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना के निदेशक डाॅ0 आर0सी0 अग्रवाल, विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ0 जी0के0 सिंह तथा अन्य लोग ऑनलाइन जुड़े हुए थे।
(हिफी न्यूज)