रामजन्मभूमि परिसर में रुद्राभिषेक पीएम मोदी को भूमि पूजन के लिए निमंत्रण भेजने पर काम शुरू
अयोध्या। अयोध्या में राममंदिर निर्माण से पहले भगवान शिव की आराधना की जा रही है। राममंदिर निर्माण में कोई विघ्न बाधा न आए इसकी कामना से रामजन्मभूमि परिसर में 28 साल बाद कुबेर टीला स्थित कुबेरेश्वर महादेव का आज सुबह रुद्राभिषेक शुरू हुआ। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष व मणिरामदास छावनी के महंत नृत्यगोपाल दास के उत्तराधिकारी कमल नयन दास रुद्राभिषेक कर रहे हैं। महंत कमलनयन दास रामजन्मभूमि परिसर पहुंच गए हैं। मंदिर मस्जिद विवाद के कारण कई वर्षों तक पूजा नहीं हो सकी थी। शिवलिंग पर जल नहीं चढ़ पाया था। संत-धर्माचार्यों के साथ परिसर में पहुंचे कमल नयन दास ने कहा कि रामजन्म भूमि पर भव्य मंदिर निर्माण की बाधाओं को दूर करने के लिए यह अनुष्ठान हो रहा है। पुरातात्विक कुबेर टीला 67.77 एकड़ भूमि के अंदर मौजूद है। कुश्ती में जीत के बाद स्थानीय निवासी धनपत राम यादव द्वारा इस विशाल शिवलिंग की स्थापना की गई थी। प्रत्येक वर्ष शिवरात्रि के दिन बरात निकलती थी। मंदिर मस्जिद विवाद के बाद हुए अधिग्रहण के चलते लंबे समय तक कुबेरेश्वर महादेव की पूजा नहीं हो पाई। कमल नयन दास द्वारा आज परिसर के अंदर रुद्राभिषेक किया जा रहा है। वहीं, अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए शिलान्यास की तैयारी तेज हो गई है। रविवार को दिल्ली में राममंदिर ट्रस्ट के सदस्यों की बैठक हुई जिसमें यह निर्णय लिया गया है कि शिलान्यास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अयोध्या आने का आमंत्रण दिया जाएगा। बैठक में नरेंद्र मोदी से शिलान्यास करवाने के लिए वक्त लेने और आगे की कार्ययोजना पर चर्चा की गई। सूत्रों के मुताबिक शीघ्र ही राममंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय प्रधानमंत्री मोदी से मिलकर उन्हें राममंदिर के शिलान्यास के लिए अयोध्या आने का निमंत्रण देंगे। राममंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास ने बताया कि अयोध्या की संतों की तरफ से शीघ्र ही पीएम मोदी को शिलान्यास के लिए अयोध्या आने का बुलावा भेजा जाएगा, अभी तारीख तय नहीं हुई है। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि इन दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोविड-19 के प्रकोप के कारण किसी भी कार्यक्रम में भाग नहीं ले रहे हैं।
(हिफी न्यूज)